8853 एएनएम की नियुक्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में h3>
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में 8853 एएनएम की नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। स्वास्थ्य उपकेंद्रों में दो एएनएम का पदस्थापन किया जाता है। गया के आमस प्रखंड के सभी 12 स्वास्थ्य केंद्रों में फिलहाल एक-एक एएनएम तैनात है। नई नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्वास्थ्य उपकेंद्रों में एएनएम की तैनाती की जाएगी। उन्होंने बताया कि चिकित्सक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पतालों में पदस्थापित होते हैं। स्वास्थ्य उपकेंद्रों में टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच, दवा वितरण इत्यादि के कार्य किए जाते हैं। मंत्री श्री पांडेय मंगलवार को विधान परिषद में भोजनावकाश के पूर्व सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रश्नोत्तर काल के दौरान संजीव श्याम सिंह के प्रश्न के उत्तर में ये जानकारी दी।
110 स्त्री रोग विशेषज्ञों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी
संजीव कुमार सिंह के प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में 110 स्त्री रोग विशेषज्ञों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल में अल्ट्रा साउंड जांच नहीं हो पा रही है क्योंकि प्रशिक्षित महिला चिकित्सक पदाधिकारी नहीं है। महिला चिकित्सा पदाधिकारी की तैनाती के बाद इसे शुरू किया जाएगा। वहां पैथोलॉजी जांच व एक्स-रे इत्यादि की जा रही है। वहीं, डॉ. समीर कुमार सिंह के प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विशिष्ट चिकित्सा पदाधिकारी की नियुक्ति की कार्रवाई की जा रही है। नियुक्ति के बाद सदर अस्पताल, अरवल में चिकित्सक (मूर्च्छक) का पदस्थापन कर दिया जाएगा। मो. फारूक के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि शिवहर मुख्यालय में सदर अस्पताल एवं मातृ शिशु अस्पताल की सुविधा उपलब्ध होने के कारण इसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवर्तित किए जाने की कोई योजना सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है।
14 रेफरल अस्पताल के जीर्णोद्धार व 122 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण की निविदा जारी
वहीं, मो. फारूक के एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि सरकार का निर्णय है कि सभी प्रखंड में तीस बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होगा। 14 रेफरल अस्पताल के जीर्णोद्धार व 122 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण को लेकर निविदा जारी कर दी गयी है। ऐसे में शिवहर के पिपराही प्रखंड में अंबा रेफरल अस्पताल के निर्माण का कोई प्रस्ताव नहीं है। शिवहर में कई प्रकार के अस्पताल पहले से ही संचालित है।
पीएमसीएच में 138 प्रकार की दवाएं उपलब्ध (—- पटना के लिए महत्वपूर्ण—)
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (पीएमसीएच), पटना में बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम (बीएमएसआइसीएल) के माध्यम से 138 दवाएं उपलब्ध है। एक दिन पूर्व पीएमसीएच के अधीक्षक से प्राप्त लिखित रिपोर्ट में ओपीडी में 83 तरह की दवाएं उपलब्ध होने और आईपीडी में 55 प्रकार की दवाएं उपलब्ध होने की जानकारी दी गयी है। सेट्रेजिन दवा एवं 250 एमजी एजिथ्रोमाईसिन दवा पीएमसीएच में उपलब्ध है। इंट्राकैथ भी पीएमसीएच को उपलब्ध करा दिया गया है। इंट्राकैथ का एक बार ही उपयोग मरीज द्वारा किया जाता है, इसलिए इसकी नियमित आपूर्ति की जाती है। उन्होंने डॉ. रामचंद्र पूर्वे के प्रश्न के उत्तर में कहा कि पीएमसीएच में कंज्यूमेंबुल आइटम में शामिल 44 हजार इंट्राकैथ की आपूर्ति की गयी है।
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स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में 8853 एएनएम की नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। स्वास्थ्य उपकेंद्रों में दो एएनएम का पदस्थापन किया जाता है। गया के आमस प्रखंड के सभी 12 स्वास्थ्य केंद्रों में फिलहाल एक-एक एएनएम तैनात है। नई नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने के बाद स्वास्थ्य उपकेंद्रों में एएनएम की तैनाती की जाएगी। उन्होंने बताया कि चिकित्सक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला अस्पतालों में पदस्थापित होते हैं। स्वास्थ्य उपकेंद्रों में टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच, दवा वितरण इत्यादि के कार्य किए जाते हैं। मंत्री श्री पांडेय मंगलवार को विधान परिषद में भोजनावकाश के पूर्व सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रश्नोत्तर काल के दौरान संजीव श्याम सिंह के प्रश्न के उत्तर में ये जानकारी दी।
110 स्त्री रोग विशेषज्ञों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी
संजीव कुमार सिंह के प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में 110 स्त्री रोग विशेषज्ञों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल में अल्ट्रा साउंड जांच नहीं हो पा रही है क्योंकि प्रशिक्षित महिला चिकित्सक पदाधिकारी नहीं है। महिला चिकित्सा पदाधिकारी की तैनाती के बाद इसे शुरू किया जाएगा। वहां पैथोलॉजी जांच व एक्स-रे इत्यादि की जा रही है। वहीं, डॉ. समीर कुमार सिंह के प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विशिष्ट चिकित्सा पदाधिकारी की नियुक्ति की कार्रवाई की जा रही है। नियुक्ति के बाद सदर अस्पताल, अरवल में चिकित्सक (मूर्च्छक) का पदस्थापन कर दिया जाएगा। मो. फारूक के प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि शिवहर मुख्यालय में सदर अस्पताल एवं मातृ शिशु अस्पताल की सुविधा उपलब्ध होने के कारण इसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवर्तित किए जाने की कोई योजना सरकार के समक्ष विचाराधीन नहीं है।
14 रेफरल अस्पताल के जीर्णोद्धार व 122 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण की निविदा जारी
वहीं, मो. फारूक के एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि सरकार का निर्णय है कि सभी प्रखंड में तीस बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र होगा। 14 रेफरल अस्पताल के जीर्णोद्धार व 122 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण को लेकर निविदा जारी कर दी गयी है। ऐसे में शिवहर के पिपराही प्रखंड में अंबा रेफरल अस्पताल के निर्माण का कोई प्रस्ताव नहीं है। शिवहर में कई प्रकार के अस्पताल पहले से ही संचालित है।
पीएमसीएच में 138 प्रकार की दवाएं उपलब्ध (—- पटना के लिए महत्वपूर्ण—)
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (पीएमसीएच), पटना में बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम (बीएमएसआइसीएल) के माध्यम से 138 दवाएं उपलब्ध है। एक दिन पूर्व पीएमसीएच के अधीक्षक से प्राप्त लिखित रिपोर्ट में ओपीडी में 83 तरह की दवाएं उपलब्ध होने और आईपीडी में 55 प्रकार की दवाएं उपलब्ध होने की जानकारी दी गयी है। सेट्रेजिन दवा एवं 250 एमजी एजिथ्रोमाईसिन दवा पीएमसीएच में उपलब्ध है। इंट्राकैथ भी पीएमसीएच को उपलब्ध करा दिया गया है। इंट्राकैथ का एक बार ही उपयोग मरीज द्वारा किया जाता है, इसलिए इसकी नियमित आपूर्ति की जाती है। उन्होंने डॉ. रामचंद्र पूर्वे के प्रश्न के उत्तर में कहा कि पीएमसीएच में कंज्यूमेंबुल आइटम में शामिल 44 हजार इंट्राकैथ की आपूर्ति की गयी है।