Coronavirus in Delhi: ‘कोरोना संक्रमित हो चुकी दिल्ली की 80% आबादी, इसलिए घटे केस’
हाइलाइट्स:
- कोरोना वायरस को नए लोग नहीं मिल रहे, इससे संक्रमण की चेन टूटी
- कुछ विशेषज्ञों ने की माने तो लॉकडाउन से संक्रमण दर में कमी आई है
- नए पीक से बचने को टेस्टिंग, जेनेटिक सिक्वेंसिंग, कंटेनमेंट जोन पर फोकस जरूरी
नई दिल्ली
70 से 80 फीसदी दिल्ली वाले कोविड से संक्रमित हो चुके हैं। यही वजह है कि जिस तेजी से संक्रमण ऊपर गया, उसी तेजी से नीचे भी आया। एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार दिल्ली में कोई घर ऐसा नहीं बचा था, जहां पर कोई संक्रमित न हुआ हो। वायरस को फैलने के लिए नए संक्रमित लोग मिलना बंद हो गए, इसलिए तेजी से संक्रमण की रफ्तार में कमी आई है। हालांकि कुछ एक्सपर्ट इसके लिए लॉकडाउन को मददगार मानते हैं, लेकिन वो भी बहुत हद तक ही इसे सफल बता रहे हैं। नए पीक से बचना है तो जेनेटिक सिक्वेंसिंग करते रहें। डिस्ट्रिक्ट लेवल पर जांच होती रहे। जैसे ही म्यूटेशन मिले, कंटेनमेंट जोन बनाकर इसे फैलने से रोक सकते हैं। सरकार को अभी इस तरह से सोचने की जरूरत है।
मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज की कम्युनिटी मेडिसिन की प्रोफेसर डॉक्टर नंदिनी शर्मा ने कहा कि इस बार का संक्रमण का कर्व तेजी से ऊपर गया, क्योंकि म्यूटेड वायरस था और बहुत ज्यादा इंफेक्सियस था। वायरस बहुत तेजी से फैला। एक संक्रमित इंसान 5 से 6 को संक्रमित कर रहा था। जितने लोग संक्रमित हो सकते थे, वो सब होते जा रहे थे। एक-एक दिन में औसतन 25 हजार नए मरीजों की पुष्टि हो रही थी, जबकि बहुत सारे लोग जांच भी नहीं करा पा रहे थे। इसलिए जब तक वायरस को लोग मिलते रहे, संक्रमण का ग्राफ बढ़ता गया। जब ऐसे लोग कम रह गए, जो संक्रमित न हुए हों, तो संक्रमण की चेन टूटने लगी।
दिल्ली में काफी है वैक्सीन लेने वालों की संख्या
डॉक्टर नंदिनी ने कहा कि पिछले सीरो सर्वे में 50 पर्सेंट से ज्यादा लोग संक्रमित मिले थे। मेरा अनुमान है कि अब यह संख्या 70 से 80 फीसदी तक पहुंच गई है। दिल्ली में वैक्सीन लेने वालों की भी संख्या काफी है। यही वजह है कि वायरस की चेन ब्रेक हो गई। सफदरजंग के कम्युनिटी मेडिसिन के एचओडी डॉक्टर जुगल किशोर का भी यही कहना है। उन्होंने कहा कि 70 से 80 फीसदी तक संक्रमण फैल जाता है, तो उसमें कमी आनी ही है।
दिल्ली में 60 से 70 हजार सैंपल की रोज जांच
अभी दिल्ली में 60 से 70 हजार सैंपल की रोज जांच हो रही है, लेकिन संक्रमण दर 1 फीसदी से नीचे है। जिससे इस बात को बल मिल रहा है कि संक्रमित होने के लिए कुछ ही लोग बचे हैं, बाकी सब संक्रमित हो चुके हैं। इंफेक्शन एक्सपर्ट डॉक्टर एन के सैनी का कहना है कि दिल्ली में संक्रमण में कमी की एक वजह लॉकडाउन हो सकता है। इसका असर हुआ है। अगर यह पहले किया जाता तो और बेहतर हो सकता था। लेकिन डॉक्टर नंदिनी का कहना है कि लॉकडाउन का बहुत ज्यादा असर नहीं हुआ है। डॉक्टर जुगल किशोर का कहना है कि लॉकडाउन से संक्रमण दर में कमी आई है, मुझे ऐसा नहीं लगता है।
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