74 साल के रिटायर्ड शिक्षक पर सूदखोरों और पुलिस का थर्ड डिग्री टॉर्चर… रुह कांप जाएगी. पत्नी की मौत… | 74-year-old teacher and wife were tortured by the mafia, wife died | Patrika News h3>
74 साल के रिटायर शिक्षक हरिदास वैष्णव पिछले दो साल से इन्हीं सब से जूझ रहे हैं और बड़ी बात ये है कि अभी तक भी इंसाफ नहीं मिला है। कोर्ट की दखल के बाद अब जवाहर सर्किल पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
जयपुर
Updated: March 11, 2022 12:39:31 pm
जयपुर
राजस्थान विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग से रिटायर शिक्षक ने सपने मंे भी नहीं सोचा था कि उनका बुढापा थाने और कचहरी के चक्कर काटने मंे बीत जाएगा और इन्हीं सब के चलते पत्नी भी साथ छोड़कर चली जाएगी। 74 साल के रिटायर शिक्षक हरिदास वैष्णव पिछले दो साल से इन्हीं सब से जूझ रहे हैं और बड़ी बात ये है कि अभी तक भी इंसाफ नहीं मिला है। कोर्ट की दखल के बाद अब जवाहर सर्किल पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
आठ लाख रुपए उधार लिए थे जमीन खरीदने के लिए, वहीं से शुरु हो गया था अंत
हरिदास वैष्णव ने पुलिस को बताया कि टोंक रोड पर रहने वाले देशराज, कुंवर सिंह और प्रेम सिंह से मार्च 2020 में एक जमीन खरीदने के लिए करीब आठ लाख रुपए उधार ब्याज पर लिए थे। बाकि पैसा जमीन खरीदने के लिए घर से मिलाया गया था। मालवीय नगर में रहने वाले हरिदास उधारी वालों से तय बाचतीत के आधार पर रकम चुका रहे थे। लेकिन इस बीच कोरोना और लॉक डाउन ने हालात खराब कर दिए परिवार समय पर पैसा नहीं चुका सका। लेकिन उसके बाद भी उनकी पत्नी और परिवार के बाकि सदस्यों ने मिलकर करीब पांच से छह लाख रुपए चुका दिए और बाकि रुपए जल्द ही देने की बात कही। लेकिन सूदखोरों के मन में बुजुर्ग दम्पत्ति को देखकर लालच जाग गया। अब वे बकाया तीन लाख की जगह पंद्रह लाख रुपए मांगने लगे। इस बीच उन्होनें हरिदास और उनकी पत्नी को मालवीय नगर के उनके ही मकान में करीब पांच से सात दिन तक बंधक बना लिया। कई दस्तावेजों और खाली स्टांप पर साइन कराते गए। पत्नी रुपए लाने की बात पर घर से निकली और सीधे डीसीपी पूर्व के आफिस चली गई। वहां से डीसीपी ने बुजुर्ग शांति देवी को जवाहर सर्किल थाने भेज दिया। लेकिन थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज नही की और शिकायत लेकर रख ली। बाद में हरिदास को सूदखोर अपने साथ अपहरण कर ले गए और अपने टोंक रोड पर स्थित मकान में बंधक बनाकर रखा। वहां से कई कागजात साइन कराए और उसके बाद छोड़ दिया। हरिदास फिर से थाने गए और इस बार भी पुलिस ने सुनवाई नहीं की।
रोज रोज के अत्याचार से पत्नी ने जान दे दी, पुलिस ने मेरी सुनवाई की ही नहीं… मैं रोता रहा बेहोश हो गया
हरिदास के पास 23 सितंबर 2020 को पुलिस का फोन गया और वहां से सूचना मिली कि उनकी पत्नी जो लापता था कि उन्होनें ट्रेन से कटकर मालवीय नगर में जान दे दी। सूचना पर हरिदास फिर से थाने गए और सूदखोरों के खिलाफ परेशान करने की रिपोर्ट दर्ज करानी चाही लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। हरिदास थाने मंे ही बेहोश हो गए। बाद में उनको जैसे तैसे घर रवाना किया। इतना होने के बाद भी वे एक साल तक लगातार थाने और डीसीपी के चक्कर काटते रहे लेकिन बात नहीं बनी। पिछले महीने किसी परिचित की मदद से कोर्ट पहुंचे और वहां पर खुद के साथ हो रहे अत्याचारों के बारे में बताया तो कोर्ट ने पुलिस को तीनों सूदखोरों के खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। अब पुलिस ने करीब डेढ़ साल के बाद केस दर्ज किया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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74 साल के रिटायर शिक्षक हरिदास वैष्णव पिछले दो साल से इन्हीं सब से जूझ रहे हैं और बड़ी बात ये है कि अभी तक भी इंसाफ नहीं मिला है। कोर्ट की दखल के बाद अब जवाहर सर्किल पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
जयपुर
Updated: March 11, 2022 12:39:31 pm
जयपुर
राजस्थान विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग से रिटायर शिक्षक ने सपने मंे भी नहीं सोचा था कि उनका बुढापा थाने और कचहरी के चक्कर काटने मंे बीत जाएगा और इन्हीं सब के चलते पत्नी भी साथ छोड़कर चली जाएगी। 74 साल के रिटायर शिक्षक हरिदास वैष्णव पिछले दो साल से इन्हीं सब से जूझ रहे हैं और बड़ी बात ये है कि अभी तक भी इंसाफ नहीं मिला है। कोर्ट की दखल के बाद अब जवाहर सर्किल पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
आठ लाख रुपए उधार लिए थे जमीन खरीदने के लिए, वहीं से शुरु हो गया था अंत
हरिदास वैष्णव ने पुलिस को बताया कि टोंक रोड पर रहने वाले देशराज, कुंवर सिंह और प्रेम सिंह से मार्च 2020 में एक जमीन खरीदने के लिए करीब आठ लाख रुपए उधार ब्याज पर लिए थे। बाकि पैसा जमीन खरीदने के लिए घर से मिलाया गया था। मालवीय नगर में रहने वाले हरिदास उधारी वालों से तय बाचतीत के आधार पर रकम चुका रहे थे। लेकिन इस बीच कोरोना और लॉक डाउन ने हालात खराब कर दिए परिवार समय पर पैसा नहीं चुका सका। लेकिन उसके बाद भी उनकी पत्नी और परिवार के बाकि सदस्यों ने मिलकर करीब पांच से छह लाख रुपए चुका दिए और बाकि रुपए जल्द ही देने की बात कही। लेकिन सूदखोरों के मन में बुजुर्ग दम्पत्ति को देखकर लालच जाग गया। अब वे बकाया तीन लाख की जगह पंद्रह लाख रुपए मांगने लगे। इस बीच उन्होनें हरिदास और उनकी पत्नी को मालवीय नगर के उनके ही मकान में करीब पांच से सात दिन तक बंधक बना लिया। कई दस्तावेजों और खाली स्टांप पर साइन कराते गए। पत्नी रुपए लाने की बात पर घर से निकली और सीधे डीसीपी पूर्व के आफिस चली गई। वहां से डीसीपी ने बुजुर्ग शांति देवी को जवाहर सर्किल थाने भेज दिया। लेकिन थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज नही की और शिकायत लेकर रख ली। बाद में हरिदास को सूदखोर अपने साथ अपहरण कर ले गए और अपने टोंक रोड पर स्थित मकान में बंधक बनाकर रखा। वहां से कई कागजात साइन कराए और उसके बाद छोड़ दिया। हरिदास फिर से थाने गए और इस बार भी पुलिस ने सुनवाई नहीं की।
रोज रोज के अत्याचार से पत्नी ने जान दे दी, पुलिस ने मेरी सुनवाई की ही नहीं… मैं रोता रहा बेहोश हो गया
हरिदास के पास 23 सितंबर 2020 को पुलिस का फोन गया और वहां से सूचना मिली कि उनकी पत्नी जो लापता था कि उन्होनें ट्रेन से कटकर मालवीय नगर में जान दे दी। सूचना पर हरिदास फिर से थाने गए और सूदखोरों के खिलाफ परेशान करने की रिपोर्ट दर्ज करानी चाही लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। हरिदास थाने मंे ही बेहोश हो गए। बाद में उनको जैसे तैसे घर रवाना किया। इतना होने के बाद भी वे एक साल तक लगातार थाने और डीसीपी के चक्कर काटते रहे लेकिन बात नहीं बनी। पिछले महीने किसी परिचित की मदद से कोर्ट पहुंचे और वहां पर खुद के साथ हो रहे अत्याचारों के बारे में बताया तो कोर्ट ने पुलिस को तीनों सूदखोरों के खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। अब पुलिस ने करीब डेढ़ साल के बाद केस दर्ज किया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।
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