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राजगीर स्पोर्ट्स एकेडमी निर्माण का 50 फीसद काम शेष
हिन्दुस्तान पड़ताल :

राजगीर स्पोर्ट्स एकेडमी निर्माण का 50 फीसद काम शेष

मार्च 2024 तक काम पूरा करने का कार्य एजेंसी को दिया टास्क

741 करोड़ से 90 एकड़ में बनायी जा रही इंटरनेशनल स्पोर्ट्स एकेडमी

कई खेलों के ट्रेनिंग सेंटर के अलावा होंगे विश्वस्तरीय खेल पुस्तकालय व स्वीमिंग पूल

6 ब्लॉक में बंटी होगी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम सह स्पोर्ट्स एकेडमी

एक बड़ा के साथ ही 8 छोटे-छोटे स्टेडियम भी बनेंगे

बड़ा क्रिकेट स्टेडियम की 40 हजार तो अन्य की क्षमता होगी 5 से 10 हजार दर्शकों के बैठने की

पटना आयुक्त ने दो माह में 4 बार लिया जायजा

फोटो :

स्टेडियम 01, 02,03 : राजगीर में निर्माणाधीन स्टेडियम।

बिहारशरीफ, कार्यालय संवाददाता।

राजगीर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी की घोषणा के 16 साल बाद भी निर्माण पूरा नहीं हुआ। अब तक निर्माण पूरा होने की तीन तिथियां फेल हो चुकी हैं। चौथी तिथि मार्च 2024 का तय है। अभी तक 50 फीसद काम ही पूरा हो सका है। हालांकि, काम शीघ्र पूरा कराने के लिए पटना आयुक्त कुमार रवि पिछले दो माह में चार बार जायजा ले चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम सह स्पोर्ट्स एकेडमी के निर्माण की घोषणा के बाद जिले के लोगों की खुशी का ठिकाना न रहा। 741 करोड़ से 90.765 एकड़ में बनने वाली एकेडमी के निर्माण पर अब तक 400 करोड़ से अधिक खर्च हो चुके हैं। यहां कई खेलों के ट्रेनिंग सेंटर के अलावा विश्वस्तरीय खेल पुस्तकालय होगा। स्पोर्ट्स एकेडमी छह ब्लॉकों में बंटी होगी। एक बड़ा के साथ ही आठ छोटे-छोटे स्टेडियम बनाये जा रहे हैं। बड़े क्रिकेट स्टेडियम की 40 हजार तो अन्य की पांच से 10 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी।

2018 में शिलान्यास:

इसके निर्माण के लिए 25 जनवरी 2017 को कैबिनेट से पास हुआ। इसके निर्माण का शिलान्यास 12 अक्टूबर 2018 को सीएम नीतीश कुमार ने किया था। यह राजगीर से 5.21 किलोमीटर दूर ठेरा गांव में स्थित है। वर्ष 2007 में सीएम नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा की थी। यह पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा और सबसे आधुनिक स्टेडियम होगा। इसका निर्माण जेएससीए (झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन) के इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की तर्ज पर किया जा रहा है। यह पटना के मोइनुल हक स्टेडियम के बाद सूबे का दूसरा अंतरराष्ट्रीय खेलों के आयोजन लायक स्टेडियम होगा।

अन्य अंतरराष्ट्रीय खेलों का भी होगा आयोजन:

देश के तमाम अन्य स्टेडियमों से यह अलग होगा। यहां क्रिकेट के अलावा अन्य खेलों की भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताएं करायी जा सकेंगी। खेल पुस्तकालय होगा, जो अनूठा ही नहीं दुर्लभ पुस्तकों का संग्रह होगा। 90.675 एकड़ के कैम्पस में 45 एकड़ में प्ले ग्राउंड के अलावा अन्य भवन होंगे। शेष 45 एकड़ में वाहन स्टैंड व अन्य पार्किंग होगी। नालंदा विश्वविद्यालय के सटे बनने वाले इस स्टेडियम को हर तरीके से यूनिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

शोध सेंटर भी होगा:

यहां तमाम खेलों की पढ़ाई के साथ ही शोध की भी व्यवस्था होगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर के अध्यापकों से खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दिलायी जाएगी। यह मंशा है कि यहां से निकलने वाले खिलाड़ी ओलम्पिक जीतने के काबिल बनें।

स्टेडियम में इनका होगा निर्माण:

जेई आशुतोष कुमार ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट प्रतियोगिताओं के लिए एक बड़ा और आठ छोटे स्टेडियम, तमाम खेलों के लिए जरूरत की खेल सामग्रियां, अस्पताल, फिटनेस सेंटर, स्पोर्ट्स लाइब्रेरी, मोटिवेशन सेंटर, रिवर्स पैवेलियन (जी दो), पैवेलियन (जी पांच), पूरब व पश्चिम में अलग-अलग वाहन स्टैंड (जी दो), फुटबॉल फिल्ड ट्वायलेट, बास्केट बॉल कोर्ट ट्वायलेट, डाइविंग पूल, 6 स्पोर्ट्स हॉल, प्रशासनिक भवन (जी पांच), प्लेयर्स आवास, चालक आवास, रिसीविंग स्टेशन, चिलर्स प्लांट, निदेशक बंगला, उप निदेशक व सहायक निदेशक बंगला, स्टाफ क्वार्टर, ट्रांजिट हॉस्टल, डायनिंग ब्लॉक, गर्ल्स हॉस्टल, ब्वायज हॉस्टल, गार्ड ब्लॉक, गेस्ट हाउस।

इन खेलों का हो सकेगा आयोजन:

1. क्रिकेट

2. एथलेटिक्स

3. फुटबॉल

4. वेलोड्राम

5. हॉकी

6. वॉलीबॉल

7. कबड्डी

8. हैंडबॉल

9. बैडमिंटन

10. बॉक्सिंग

11. ताइक्वांडो

12. भूमू

अधिकारी बोले:

यह स्टेडियम कई मायने में यूनिक होगा। यह सूबे ही नहीं देश का अपनी तरह का इकलौता होगा। काफी तेजी से निर्माण किया जा रहा है। एजेंसी को चेतवानी दी गयी है कि वे शीघ्र काम पूरा करें। इसके बन जाने के खिलाड़ियों के लिए प्रतिभा दिखाने के नये द्वार खुलेंगे।

कुमार रवि, आयुक्त, पटना

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