सर्दी का मौसम आते ही हर कोई ठण्ड बढ़ने की चर्चा करता रहता है. जिधर देखो बस एक ही बात.. की इस बार ठण्ड अधिक पड़ रही है. ठण्ड का मौसम है तो ठण्ड पड़ना तो लाजिमी ही है. जब तक सर्दी का मौसम रहेगा ठण्ड रहेगी ही. इसलिए आपको सर्दी की शिकायत न करते हुए खुद को सर्दियों के लिए तैयार करना चाहिए. जब आप सर्दी से बचने के तरीको पर अमल करने लगोगे तो आपकी सर्दी भी दूर भागने लगेगी.
सर्दियों में स्वस्थ रहने के कुछ घरेलु उपाय दर्शाए जा रहे हैं जिन्हें अपनाना सरल हैः
- पानी पर्याप्त पीयेंः
रात को बाथरूम जाना पड़ा तो अथवा प्यास नहीं लग रही/ठण्ड लग रही है इत्यादि सोचकर पानी पीने से न बचें, शरीर भले ही सीधे प्यास का संकेत बार-बार न करे फिर भी उसे पानी की आवश्यकता लगातार पड़ती ही रहती है; ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोगों को तो ठण्ड व बरसात के मौसम में निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) ज़्यादा होता है क्योंकि वे ठण्डे मौसम में पानी पीने के महत्त्व को कम आँकने लगते हैं।
- आलस्य त्यागेंः
देर से उठकर देर से दिनचर्या आरम्भ करते हुए खाना पकाना व खाना भी देर से करते हुए पूरा दिन व अपना स्वास्थ्य भी जोख़िम में पड़ जाता है, विशेष रूप से घर की औरतें दिन के 2 बजे के बाद पहला खाना खा रही होती हैं, यह स्थिति ठीक नहीं।
- खाने में ऐसे भोजन, पकवानों व व्यंजनों का प्रयोग अधिक करें जिनमें ज़ुकाम-सर्दी भगाने अथवा ग़र्मी लाने वाले घटक अधिक हों, जैसे कि बैंगन का भुर्ता जिसमें काली मिर्च डली हो, अदरख डले तिल्ली के लड्डू तथा सब्जियों व दालों में लहसुन व अदरख की मात्राएँ बढ़ायें।
- खाँसी व बहती नाक रोकने के लिये रासायनिक दवाइयों के बजाय रात को सोते समय गुड़-हल्दी-अदरख को तवे पर भूँजकर खायें। साबुत मुलहठी ख़रीद लायें एवं दुचलकर रख लें एवं सर्दी-खाँसी ठीक होने तक चबाते हुए प्रयोग करें; नाक बहनी ठीक न हो रही हो तो किसी हर्बल बाम का प्रयोग करें व अपना रुमाल अलग रखते हुए रोज़ धोयें।
- स्नान के बाद शरीर, विशेष रूप से हाथ-पैर, पेट व कँधों पर सरसों, नारियल इत्यादि तैलों की एक परत बना लें जो कि ठण्डी वायु से बचाने में एक अवरोधक तह का कार्य करेगी।
- यदि सुबह 8 बजे से पहले या फिर शाम को 5 बजे के बाद घर से बाहर निकलना हो तो फ़ैशन इत्यादि के चक्कर में ये नही पहनना/वो नहीं पहनना न करते हुए जो है उसे पहनकर ही निकलें।
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साभार-www.nayichetana.com