40 डिग्री की गर्मी में ट्रैक पर टेक्टर से बिछने लगी पटरियां, जमीन से 40 फीट ऊंचाई पर उतरेंगे आप | 40 digri par bicha rahe patriya, metro get speed | Patrika News h3>
इंदौरPublished: May 18, 2023 01:08:04 pm
– #MetroTrain: पहली बार पत्रिका में मेट्रो की ऊंचाई से
लाइव रिपोर्ट: जानिए, टीसीएस चौराहा से गांधी नगर स्टेशन तक मेट्रो का कितना हुआ काम?
– आधुनिक रेल वेल्डिंग मशीन से जोड़कर बिछा रहे पटरियां
40 डिग्री की गर्मी में ट्रैक पर टेक्टर से बिछने लगी पटरियां, जमीन से 40 फीट ऊंचाई पर उतरेंगे आप
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मेट्रो ऑन ट्रैक रेटिंग 60 से 65 प्रतिशत हुआ काम
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इंदौर. आप यह जानने को उत्सुक हैं कि सितंबर तक मेट्रो चलाने के दावे में कितना दम है? यह दावा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का है। बुधवार को मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर के स्टेशन नंबर 3 (टीसीएस चौराहा) से गांधी नगर स्टेशन तक का दौरा पत्रिका के सीनियर रिपोर्टर संदीप पारे और फोटोग्राफर रवींद्र सेठिया ने किया। उन्होंने 40 फीट ऊंचाई से जो देखा, उसे पढ़कर आप भी अपनी मेट्रो के जानकार बनिए। हर पहलू के बारे में आप आसानी से तकनीकी जटिलताओं को समझें। हमारी मेट्रो के स्टेशन पर प्लेटफाॅर्म लेवल करीब 40 फीट ऊंचाई पर तैयार हो रहा है। यहां यात्री उतरेंगे और सीढि़यों से नीचे आएंगे।
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सुपर कॉरिडोर से गुजरेंगे तो आपको महानगरीय बदलाव महसूस होने लगेगा, क्योंकि हमारी मेट्रो का आकार दिखने लगा है। सुपर कॉरिडोर आरोबी के पास बन रहे स्टेशन से गांधीनगर चौराहे डिपो और लैंडिंग टेकऑफ ट्रैक तक की यात्रा में पता चलता है कि सितंबर में सुपर कॉरिडोर से मेट्रो की सिटी सुनाई देगी। विधानसभा चुनावों की आचार संहिता से पहले मेट्रो की सिटी सुनाई दे, इसलिए मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन सुपर कॉरिडोर पर प्रायोरिटी कॉरिडोर का काम तेजी से कर रहा है। डिपो में मेंटेनेंस यार्ड, कोच डिपो, लैंडिंग और टेक ऑफ ट्रैक, स्टेशन, वायडक्ट का काम प्राथमिकता से हो रहा है। बुधवार से पटरियां डलनी शुरू हो गई हैं।
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ट्रैक तैयार, डल रही पाई-गर्डर
पत्रिका टीम पहले सुपर कॉरिडोर आरोबी के समीप बन रहे स्टेशन क्रमांक-2 पर पहुंची। यहां पीयर्स का काम पूरा हो गया है। अब कॉन्कोर्स व प्लेटफाॅर्म बना रहे हैं। कॉन्कोर्स स्तर पर पाई गर्डर डालने की शुरुआत हो चुकी है। यहां से स्टेशन क्रमांक 3 टीसीएस तक वायडक्ट डाला जा चुका है। पैरापैट वाॅल भी बना दी है। एससी-3 टीसीएस स्टेशन पर पाई गर्डर रखकर कॉन्कोर्स स्तर बन गया है। अब प्लेटफार्म और ट्रैक का बेस बनाया जा रहा है। यहां से टीम ऊंचाई पर बन रहे ट्रैक पर आई और स्टेशन क्रमांक 4 व 5 तक ट्रैक पर सफर किया। दिखा कि एक साथ अलग-अलग स्तर पर तेजी से काम हो रहा है, क्योंकि काम जल्दी पूरा करने के लिए मल्टी टास्क जरूरी है।
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मशीन से जोड़ रहे पटरियां
एससी-3 से 5 के बीच पटरियां डालने और पैरापेट कसने का काम चल रहा है। एससी 3 से 4 की ओर बढ़ते हैं तो ट्रैक पर पटरियां नजर आने लगती हैं। यहां क्रेन से पटरियां ट्रैक पर लाई जा रही हैं। फिर इसे आधुनिक मशीनों से वेल्ड कर ट्रैक पर बिछा रहे हैं।
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स्लीपर रहित ट्रैक
मेट्रो का ट्रैक विशेष तकनीक से बनाया है। इसमें इन बिल्ड स्लीपर है। सिर्फ सरियों के बीच पटरियां रखी जा रही हैं। इसके बाद इन सरियों से इसे लेवल कर कस दिया जाएगा। 6 किमी के ट्रैक पर आवाजाही के लिए 12 किमी पटरियां डाली जाएंगी।
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स्टेशन-5 लेने लगा आकार बड़ा
बांगड़दा चौराहे पर स्टेशन क्रमांक 5 आकार लेने लगा है। यहां सीढि़यां बन रही हैं। साथ ही कॉन्कोर्स स्तर पर दीवारों का काम भी शुरू कर दिया है। इसके स्टेशन क्रमांक 6 व गांधी नगर स्टेशन का काम भी पीयर्स स्तर तक पूरा हुआ है। अब इन स्टेशन पर पाई गर्डर रखी जाएगी। गांधी नगर स्टेशन सबसे बड़ा होगा। यहां से मेट्रो डिपो में लैंड करेगी और यहीं से टेक ऑफ भी करेगी। डिपो में पटरियां बिछाकर मेंटेनेंस यार्ड तक ट्रैक तैयार कर दिया गया है। यहां से अब स्टेशन तक का ट्रैक गोलाई लिए मुस्कुरा रहा है। इसी से मेट्रो उतरेगी और चढ़ेगी। बुधवार को पटरियां बिछाने की शुरुआत सांसद शंकर लालवानी ने पूजन कर की। इस दौरान उन्हें 40 फीट ऊंचाई पर बने ट्रैक पर लिफ्ट से ले जाया गया। वहां अफसर भी पहुंचे।
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कम्युनिकेशन व वायरिंग की तैयारी मेट्रो के ट्रैक को वायडक्ट इसलिए कहते हैं कि इसमें एक डक्ट का निर्माण भी किया है। इसमें बिजली और कम्युनिकेशन सिस्टम की केबल भी डाली जाएगी। इसके लिए ट्रैक से डक्ट में जाने के रास्ते छोड़े गए हैं। इस पर भी काम शुरू कर दिया गया है।
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मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर का काम आगे बढ़ रहा है। एडंवास तकनीक से ट्रैक तैयार किया जा रहा है। ट्रैक पर पटरियां बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। यह पटरियां बिना स्लीपर के होंगी। इसमें इनबिल्ड स्लीपर हैं। पहले इन पटरियों को सरियों के बीच रखकर कसेंगे, फिर शेल्टर लगाकर कांक्रीट करेंगे। इससे यह फिक्स हो जाएगी। अजय कुमार, जीएम, मेट्रो
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इंदौरPublished: May 18, 2023 01:08:04 pm
– #MetroTrain: पहली बार पत्रिका में मेट्रो की ऊंचाई से
लाइव रिपोर्ट: जानिए, टीसीएस चौराहा से गांधी नगर स्टेशन तक मेट्रो का कितना हुआ काम?
– आधुनिक रेल वेल्डिंग मशीन से जोड़कर बिछा रहे पटरियां
40 डिग्री की गर्मी में ट्रैक पर टेक्टर से बिछने लगी पटरियां, जमीन से 40 फीट ऊंचाई पर उतरेंगे आप
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मेट्रो ऑन ट्रैक रेटिंग 60 से 65 प्रतिशत हुआ काम
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इंदौर. आप यह जानने को उत्सुक हैं कि सितंबर तक मेट्रो चलाने के दावे में कितना दम है? यह दावा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का है। बुधवार को मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर के स्टेशन नंबर 3 (टीसीएस चौराहा) से गांधी नगर स्टेशन तक का दौरा पत्रिका के सीनियर रिपोर्टर संदीप पारे और फोटोग्राफर रवींद्र सेठिया ने किया। उन्होंने 40 फीट ऊंचाई से जो देखा, उसे पढ़कर आप भी अपनी मेट्रो के जानकार बनिए। हर पहलू के बारे में आप आसानी से तकनीकी जटिलताओं को समझें। हमारी मेट्रो के स्टेशन पर प्लेटफाॅर्म लेवल करीब 40 फीट ऊंचाई पर तैयार हो रहा है। यहां यात्री उतरेंगे और सीढि़यों से नीचे आएंगे।
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सुपर कॉरिडोर से गुजरेंगे तो आपको महानगरीय बदलाव महसूस होने लगेगा, क्योंकि हमारी मेट्रो का आकार दिखने लगा है। सुपर कॉरिडोर आरोबी के पास बन रहे स्टेशन से गांधीनगर चौराहे डिपो और लैंडिंग टेकऑफ ट्रैक तक की यात्रा में पता चलता है कि सितंबर में सुपर कॉरिडोर से मेट्रो की सिटी सुनाई देगी। विधानसभा चुनावों की आचार संहिता से पहले मेट्रो की सिटी सुनाई दे, इसलिए मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन सुपर कॉरिडोर पर प्रायोरिटी कॉरिडोर का काम तेजी से कर रहा है। डिपो में मेंटेनेंस यार्ड, कोच डिपो, लैंडिंग और टेक ऑफ ट्रैक, स्टेशन, वायडक्ट का काम प्राथमिकता से हो रहा है। बुधवार से पटरियां डलनी शुरू हो गई हैं।
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ट्रैक तैयार, डल रही पाई-गर्डर
पत्रिका टीम पहले सुपर कॉरिडोर आरोबी के समीप बन रहे स्टेशन क्रमांक-2 पर पहुंची। यहां पीयर्स का काम पूरा हो गया है। अब कॉन्कोर्स व प्लेटफाॅर्म बना रहे हैं। कॉन्कोर्स स्तर पर पाई गर्डर डालने की शुरुआत हो चुकी है। यहां से स्टेशन क्रमांक 3 टीसीएस तक वायडक्ट डाला जा चुका है। पैरापैट वाॅल भी बना दी है। एससी-3 टीसीएस स्टेशन पर पाई गर्डर रखकर कॉन्कोर्स स्तर बन गया है। अब प्लेटफार्म और ट्रैक का बेस बनाया जा रहा है। यहां से टीम ऊंचाई पर बन रहे ट्रैक पर आई और स्टेशन क्रमांक 4 व 5 तक ट्रैक पर सफर किया। दिखा कि एक साथ अलग-अलग स्तर पर तेजी से काम हो रहा है, क्योंकि काम जल्दी पूरा करने के लिए मल्टी टास्क जरूरी है।
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मशीन से जोड़ रहे पटरियां
एससी-3 से 5 के बीच पटरियां डालने और पैरापेट कसने का काम चल रहा है। एससी 3 से 4 की ओर बढ़ते हैं तो ट्रैक पर पटरियां नजर आने लगती हैं। यहां क्रेन से पटरियां ट्रैक पर लाई जा रही हैं। फिर इसे आधुनिक मशीनों से वेल्ड कर ट्रैक पर बिछा रहे हैं।
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स्लीपर रहित ट्रैक
मेट्रो का ट्रैक विशेष तकनीक से बनाया है। इसमें इन बिल्ड स्लीपर है। सिर्फ सरियों के बीच पटरियां रखी जा रही हैं। इसके बाद इन सरियों से इसे लेवल कर कस दिया जाएगा। 6 किमी के ट्रैक पर आवाजाही के लिए 12 किमी पटरियां डाली जाएंगी।
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स्टेशन-5 लेने लगा आकार बड़ा
बांगड़दा चौराहे पर स्टेशन क्रमांक 5 आकार लेने लगा है। यहां सीढि़यां बन रही हैं। साथ ही कॉन्कोर्स स्तर पर दीवारों का काम भी शुरू कर दिया है। इसके स्टेशन क्रमांक 6 व गांधी नगर स्टेशन का काम भी पीयर्स स्तर तक पूरा हुआ है। अब इन स्टेशन पर पाई गर्डर रखी जाएगी। गांधी नगर स्टेशन सबसे बड़ा होगा। यहां से मेट्रो डिपो में लैंड करेगी और यहीं से टेक ऑफ भी करेगी। डिपो में पटरियां बिछाकर मेंटेनेंस यार्ड तक ट्रैक तैयार कर दिया गया है। यहां से अब स्टेशन तक का ट्रैक गोलाई लिए मुस्कुरा रहा है। इसी से मेट्रो उतरेगी और चढ़ेगी। बुधवार को पटरियां बिछाने की शुरुआत सांसद शंकर लालवानी ने पूजन कर की। इस दौरान उन्हें 40 फीट ऊंचाई पर बने ट्रैक पर लिफ्ट से ले जाया गया। वहां अफसर भी पहुंचे।
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कम्युनिकेशन व वायरिंग की तैयारी मेट्रो के ट्रैक को वायडक्ट इसलिए कहते हैं कि इसमें एक डक्ट का निर्माण भी किया है। इसमें बिजली और कम्युनिकेशन सिस्टम की केबल भी डाली जाएगी। इसके लिए ट्रैक से डक्ट में जाने के रास्ते छोड़े गए हैं। इस पर भी काम शुरू कर दिया गया है।
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मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर का काम आगे बढ़ रहा है। एडंवास तकनीक से ट्रैक तैयार किया जा रहा है। ट्रैक पर पटरियां बिछाने का काम शुरू कर दिया गया है। यह पटरियां बिना स्लीपर के होंगी। इसमें इनबिल्ड स्लीपर हैं। पहले इन पटरियों को सरियों के बीच रखकर कसेंगे, फिर शेल्टर लगाकर कांक्रीट करेंगे। इससे यह फिक्स हो जाएगी। अजय कुमार, जीएम, मेट्रो