4 लाख में 150 करोड़ के आलीशान महल के मालिक कैसे बने तेजस्वी यादव? दिल्ली के D-1088 बंगले पर बिहार में सियासत

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4 लाख में 150 करोड़ के आलीशान महल के मालिक कैसे बने तेजस्वी यादव? दिल्ली के D-1088 बंगले पर बिहार में सियासत

4 लाख में 150 करोड़ के आलीशान महल के मालिक कैसे बने तेजस्वी यादव? दिल्ली के D-1088 बंगले पर बिहार में सियासत


पटना : बिहार के सबसे ताकतवर राजनीतिक परिवारों में शुमार लालू यादव, उनकी पत्नी और उनके बेटे-बेटियों पर भ्रष्टाचार के बड़े मामले चल रहे हैं। पटना से दिल्ली और रांची से लेकर भागलपुर तक केस ही केस है। कई बार तो विपक्षी पार्टियों को पूरा हिसाब-किताब रखने के लिए भी स्टाफ को लगाना पड़ता है। वैसे, लालू परिवार अपने घर में नए मेहमान की तैयारियों में जुटा है। तेजस्वी यादव पिता बननेवाले हैं। इन सबके बीच करप्शन से जुड़े आरोपों का कच्चा चिट्ठा भी देश की जांच एजेंसियों ने खोल दिया है। वहीं, पटना में सुशील मोदी ने लगातार दूसरे दिन लालू परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोपों की बौछार कर दी।

‘4 लाख में करोड़ों की संपत्ति कैसे खरीदी गई?’

लालू परिवार को लेकर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी लगातार दूसरे दिन हमलावर रहे। शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों के सामने दस्तावेज रखे। उन्होंने बताया कि एबी एक्सपोर्ट कंपनी के 97% शेयर तेजस्वी यादव ने खरीदा था, वो भी मात्र 4 लाख रुपए में। एबी एक्सपोर्ट कंपनी तीन परसेंट शेयर लालू प्रसाद यादव की बेटी चंदा यादव के पास है। आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई को सुशील मोदी ने सही ठहराया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के सबसे महंगे इलाके न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में तेजस्वी यादव का मकान जिसकी कीमत करोड़ों रुपए में है वो मात्र चार लाख रुपए में कैसे खरीदी गई?

तेजस्वी के बंगले में दो कंपनियों का रजिस्टर्ड ऑफिस

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दिल्ली में तेजस्वी का बंगला डेढ़ सौ करोड़ रुपए का है। साथ ही उन्होंने दस्तावेजी तौर पर ये भी दावा किया कि ये मकान एबी एक्सपोर्ट कंपनी का है। उन्होंने एक के बाद एक रविवार को दूसरी कंपनी का जिक्र किया। शनिवार को उन्होंने एबी इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के बारे में बताया था। रविवार को एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली का मकान इन दो कंपनियों का मुख्यालय है। D-1088 जिस मकान में तेजस्वी यादव अपनी पत्नी के साथ रहते हैं, वो प्रोपर्टी इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का रजिस्टर्ड ऑफिस है।

‘बिना बिजनेस के इतनी संपत्ति कहां से आई?’

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि तेजस्वी यादव के पास न तो कोई बिजनेस है और ना ही वो क्रिकेटर हैं। उनके पास पढ़ाई लिखाई भी नहीं है। क्रिकेट में भी फेल हैं। ऐसे में उनके पास इतनी संपत्ति कहां से आई? सिर्फ 29 साल की उम्र में तेजस्वी यादव 52 से ज्यादा अवैध संपत्ति के मालिक बन बैठे हैं। ये सब फर्जी कंपनियों का खेल है, जिसमें लालू यादव के भ्रष्टाचार के सारे पैसे को खपाया गया। ये जांच का विषय है। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर सवाल उठाते हुए पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा की जो दो कंपनियां तेजस्वी यादव की बताई जा रही हैं, उसका न तो कोई टर्नओवर है और ना ही कोई बिजनेस। उन्होंने कहा कि इस कंपनी का एक भी कर्मचारी नहीं है।

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बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि ये कंपनी 1996 में स्थापित हुई। पूरे कार्यकाल में इस कंपनी ने एक ही काम किया, वह काम किया तेजस्वी यादव के लिए मकान खरीदने का था। दस्तावेजी साक्ष्य के अनुसार सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शुरू में इस कंपनी में तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, चंदा यादव और रागिनी यादव और लालू यादव डायरेक्टर थे। वर्तमान में सौ फीसदी शेयर होल्डिंग तेजस्वी यादव और चंदा यादव के पास है।

कुछ इस तरह हुई D-1088 बंगले की खरीदारी

सुशील मोदी ने बताया कि D-1088 नाम के आलीशान बंगले की खरीदारी 2007-8 में पांच करोड़ रुपए में की गई। जिसके लिए पैसा मुंबई के हीरे के पांच व्यापारियों ने पैसा दिया। व्यापारियों ने ये पैसे बिना ब्याज के दिए। सुशील कुमार मोदी ने आश्चर्य भी जताया कि कोई भी व्यापारी बिना इंट्रेस्ट का पैसा क्यों देगा? मुंबई के इन पांचों व्यापारियों ने 1-1 करोड़ रुपए इंट्रेस्ट फ्री दिए। जिसका एक भी पैसा 15 साल में वापस नहीं किया गया। सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ये लैंड उसी वक्त खरीदा गया। जिस वक्त बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे। ये जमीन साल 2007-8 में खरीदी गई।

मकान बनाने के लिए दिए गए 4 करोड़ 10 लाख

डॉक्यूमेंट के आधार पर सुशील कुमार मोदी ने बताया की 500 वर्ग मीटर जमीन 5 करोड़ में खरीदी गई। एबी एक्सपोर्ट का संबंध रेलवे की कुछ कंपनियों के साथ भी है। 2014-15 में पुराने मकान को तोड़कर नया मकान बनाया गया। इस नए मकान को बनाने में तेजस्वी यादव ने चार करोड़ 10 लाख का कर्जा लिया। एक करोड़ चंदा यादव ने दिया। सुशील कुमार मोदी ने सवाल पूछा कि जब तेजस्वी गरीब के नेता हैं और उनके पास कोई बिजनेस नहीं है तो चार करोड़ 10 लाख रुपए कहां से आए?

तेजस्वी यादव के मकान की कीमत है 150 करोड़

सुशील कुमार मोदी ने बताया कि तेजस्वी यादव दिल्ली के जिस मकान में अभी रह रहे हैं, उसकी जमीन सहित कीमत डेढ़ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा है। लेकिन उनके एफिडेविट में कहीं कोई उसका जिक्र नहीं है। इनकम टैक्स ने 5 कंपनियों की जांच की कि ये कौन पांच कंपनियां हैं, जिन्होंने एक-एक कर कर्ज दिया। तो ये सारी कंपनियां फर्जी पाई गई। कंपनी रजिस्टर जरूर है लेकिन इस कंपनी का कोई व्यापार नहीं है। पूरे मामले में फर्जीवाड़ा पाया गया।

प्रेमचंद गुप्ता की संपत्ति चार लाख में लालू को कैसे?

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने ये भी बताया कि जो संपत्ति और कंपनी लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को महज 4 लाख में मिली, वो डेढ़ सौ करोड़ की थी। बिना ब्याज के बिना किसी पैसे का भुगतान किए उन्हें 5 करोड़ रुपए कैसे मिल गए? सुशील मोदी ने खुलासा किया कि ये एबी एक्सपोर्ट कंपनी पहले प्रेमचंद गुप्ता की थी। जो राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद हैं। आखिर प्रेमचंद गुप्ता, ओमप्रकाश जैसे व्यापारियों ने क्यों अपनी कंपनी लालू परिवार को सौंप दिया?

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