39 सरकारी स्कूलों में 16 जून से शुरू होंगी नर्सरी की कक्षाएं – Tikamgarh News h3>
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टीकमगढ़ जिले के 39 सरकारी स्कूलों में इस बार 3 साल तक के बच्चों को नर्सरी में प्रवेश दिया जाएगा। यह व्यवस्था नई शिक्षा नीति के तहत लागू की जा रही है। जिसके अनुसार प्री-प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 3 वर्ष निर्धारित की गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब नर्सरी में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 3 वर्ष से 4 वर्ष 6 माह के बीच होनी चाहिए।
अभियान के तहत सरकारी स्कूलों में प्री-नर्सरी से लेकर पहली कक्षा तक बच्चों का प्रवेश दिया जाएगा। पहले चरण में जिले के 39 स्कूलों को इस योजना के तहत शामिल किया गया है, जहां 16 जून से नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 कक्षाएं शुरू होंगी। राज्य शिक्षा केंद्र ने इस संबंध में कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। डीपीसी पीआर त्रिपाठी का कहना है कि नर्सरी कक्षा में प्रवेश के लिए 3 वर्ष से 4 वर्ष 6 माह होगी, जबकि केजी-1 में प्रवेश के लिए 4 वर्ष से 5 वर्ष 6 माह और केजी-2 में एडमिशन के लिए 5 वर्ष से 6 वर्ष 6 माह व पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 6 वर्ष से 7 वर्ष 6 माह आयु का नियम है। इसके लिए अभिभावकों को बच्चों का जन्म प्रमाण-पत्र, समग्र आईडी व आधार कार्ड लेकर स्कूल में जाना होगा। तब जाकर बच्चे को उम्र के अनुसार संबंधित कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा।
डीपीसी त्रिपाठी का कहना है कि सरकारी स्कूलों से अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ा जाएगा। ऐसे में नर्सरी के बच्चों को स्कूल लाएंगे, तो वह आगे की कक्षा में भी सरकारी स्कूलों में ही पढ़ेंगे। नर्सरी में पढ़ने वाले बच्चे अक्षर ज्ञान हासिल करेंगे। पहली कक्षा तक आते-आते दो-तीन अक्षर वाले शब्द लिखने और पहचानने लगेंगे। ऐसे में बच्चों को आगे की शिक्षा की राह आसान होगी। क्योंकि अभी तक कक्षा 1 तक के बच्चों को अक्षर ज्ञान नहीं हो पाता था।
ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल अधिक चिह्नित किए राज्य शिक्षा केंद्र ने सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए इस साल फिर से नवाचार किया है। जिसमें स्कूली में छात्र संख्या बढ़ाने और निजी स्कूलों को पीछे छोड़ने के लिए अब राज्य शिक्षा केंद्र ने सरकारी स्कूलों में नर्सरी, केजी-1 व केजी-2 की कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिले के 39 स्कूलों में 16 जून से नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। योजना के तहत ज्यादातर स्कूल ग्रामीण अंचल में चिह्नित किए गए हैं।
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टीकमगढ़ जिले के 39 सरकारी स्कूलों में इस बार 3 साल तक के बच्चों को नर्सरी में प्रवेश दिया जाएगा। यह व्यवस्था नई शिक्षा नीति के तहत लागू की जा रही है। जिसके अनुसार प्री-प्राइमरी कक्षाओं में प्रवेश के लिए न्यूनतम आयु 3 वर्ष निर्धारित की गई है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब नर्सरी में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 3 वर्ष से 4 वर्ष 6 माह के बीच होनी चाहिए।
अभियान के तहत सरकारी स्कूलों में प्री-नर्सरी से लेकर पहली कक्षा तक बच्चों का प्रवेश दिया जाएगा। पहले चरण में जिले के 39 स्कूलों को इस योजना के तहत शामिल किया गया है, जहां 16 जून से नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 कक्षाएं शुरू होंगी। राज्य शिक्षा केंद्र ने इस संबंध में कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। डीपीसी पीआर त्रिपाठी का कहना है कि नर्सरी कक्षा में प्रवेश के लिए 3 वर्ष से 4 वर्ष 6 माह होगी, जबकि केजी-1 में प्रवेश के लिए 4 वर्ष से 5 वर्ष 6 माह और केजी-2 में एडमिशन के लिए 5 वर्ष से 6 वर्ष 6 माह व पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 6 वर्ष से 7 वर्ष 6 माह आयु का नियम है। इसके लिए अभिभावकों को बच्चों का जन्म प्रमाण-पत्र, समग्र आईडी व आधार कार्ड लेकर स्कूल में जाना होगा। तब जाकर बच्चे को उम्र के अनुसार संबंधित कक्षा में प्रवेश दिया जाएगा।
डीपीसी त्रिपाठी का कहना है कि सरकारी स्कूलों से अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ा जाएगा। ऐसे में नर्सरी के बच्चों को स्कूल लाएंगे, तो वह आगे की कक्षा में भी सरकारी स्कूलों में ही पढ़ेंगे। नर्सरी में पढ़ने वाले बच्चे अक्षर ज्ञान हासिल करेंगे। पहली कक्षा तक आते-आते दो-तीन अक्षर वाले शब्द लिखने और पहचानने लगेंगे। ऐसे में बच्चों को आगे की शिक्षा की राह आसान होगी। क्योंकि अभी तक कक्षा 1 तक के बच्चों को अक्षर ज्ञान नहीं हो पाता था।
ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल अधिक चिह्नित किए राज्य शिक्षा केंद्र ने सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए इस साल फिर से नवाचार किया है। जिसमें स्कूली में छात्र संख्या बढ़ाने और निजी स्कूलों को पीछे छोड़ने के लिए अब राज्य शिक्षा केंद्र ने सरकारी स्कूलों में नर्सरी, केजी-1 व केजी-2 की कक्षाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए जिले के 39 स्कूलों में 16 जून से नर्सरी, केजी-1 और केजी-2 की कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। योजना के तहत ज्यादातर स्कूल ग्रामीण अंचल में चिह्नित किए गए हैं।