3109 करोड़ अगले साल खर्च कर सकेगी पंचायती राज संस्थाएं h3>
पंचायती राज संस्थाओं को मौजूदा वित्तीय वर्ष में मिले 3109 करोड़ को अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी खर्च किया जा सकेगा। इस साल बिहार में हुए चुनाव के कारण सरकार ने यह व्यवस्था लागू की है। बुधवार को पवन कुमार जायसवाल के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में प्रभारी मंत्री नितिन नवीन ने विधानसभा में यह जानकारी दी।
मंत्री ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में विभिन्न मदों में पंचायती राज संस्थाओं को 3109 करोड़ दिए गए। चूंकि इस साल बिहार में पंचायत चुनाव हुए। हाल ही में नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण हुआ है। इस कारण पंचायती राज संस्थाओं के द्वारा नाममात्र की राशि ही खर्च की जा सकी है। यह राशि हस्तांतरणीय है। इस पैसे को अगले वित्तीय वर्ष में भी खर्च किया जा सकता है। पूरक प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष के लिए पंचायती राज संस्थाओं को अलग से राशि दी जाएगी। उसके लिए अलग से योजना बनाई जाएगी।
डॉ. रामानुज प्रसाद के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने माना कि हाजीपुर-सोनपुर-छपरा फोरलेन जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण विलंबित हुई। पहले निर्माण एजेंसी को बर्खास्त करने की बात बनी थी लेकिन बाद में तय हुआ कि एजेंसी को वित्तीय सहायता दी जाएगी। सहमति बन गई है और जल्द ही इस फोरलेन का काम शुरू होगा। पूरक प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि सभी नेशनल हाईवे के निर्माण पर विभाग की नजर है। समय-समय पर समीक्षा की जाती है और केंद्र सरकार से भी इस मसले पर ध्यान आकृष्ट कराया जाता है।
ललित कुमार यादव के सवाल पर ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज ने माना कि राज्य में 280 चचरी पुलों का सर्वे हुआ है। लेकिन इसे बनाने के लिए विभाग के स्तर पर कोई योजना नहीं है। दरभंगा में पांच ऐसे पुल का उल्लेख करते हुए कहा कि निधि की उपलब्धता के आधार पर ही कोई निर्णय लिया जाएगा। संजय सरावगी के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि पांच दशक से अधिक समय से चल रही पश्चिमी कोसी नहर परियोजना मार्च 23 तक पूरी हो जाएगी। इस परियोजना की डीपीआर 1962 में बनी थी। 1971 से इस पर काम शुरू हुआ। जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण इस परियोजना को पूरा करने में दशकों लग गए। बीच के वर्षों में राशि की समस्या भी थी। अब इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की समस्या नहीं है। सरकार ने इसके लिए पर्याप्त पैसे का इंतजाम भी कर लिया है। विभाग की कोशिश है कि पश्चिमी कोसी नहर परियोजना को मार्च 2023 तक पूरा कर लिया जाए। इस परियोजना से दरभंगा, मधुबनी आदि जिलों में सिंचाई सुविधा हो सकेगी। वहीं बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना के सवाल पर मंत्री ने कहा कि चरणवार तरीके से इस पर काम हो रहा है। पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। छह चरणों में काम होने हैं। अब दूसरे चरण का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण की समस्या है। जिला प्रशासन से समन्वय कायम कर जमीन अधिग्रहण की समस्या को दूर किया जाएगा।
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पंचायती राज संस्थाओं को मौजूदा वित्तीय वर्ष में मिले 3109 करोड़ को अगले वित्तीय वर्ष 2022-23 में भी खर्च किया जा सकेगा। इस साल बिहार में हुए चुनाव के कारण सरकार ने यह व्यवस्था लागू की है। बुधवार को पवन कुमार जायसवाल के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में प्रभारी मंत्री नितिन नवीन ने विधानसभा में यह जानकारी दी।
मंत्री ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में विभिन्न मदों में पंचायती राज संस्थाओं को 3109 करोड़ दिए गए। चूंकि इस साल बिहार में पंचायत चुनाव हुए। हाल ही में नवनिर्वाचित सदस्यों का शपथ ग्रहण हुआ है। इस कारण पंचायती राज संस्थाओं के द्वारा नाममात्र की राशि ही खर्च की जा सकी है। यह राशि हस्तांतरणीय है। इस पैसे को अगले वित्तीय वर्ष में भी खर्च किया जा सकता है। पूरक प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष के लिए पंचायती राज संस्थाओं को अलग से राशि दी जाएगी। उसके लिए अलग से योजना बनाई जाएगी।
डॉ. रामानुज प्रसाद के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने माना कि हाजीपुर-सोनपुर-छपरा फोरलेन जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण विलंबित हुई। पहले निर्माण एजेंसी को बर्खास्त करने की बात बनी थी लेकिन बाद में तय हुआ कि एजेंसी को वित्तीय सहायता दी जाएगी। सहमति बन गई है और जल्द ही इस फोरलेन का काम शुरू होगा। पूरक प्रश्न के जवाब में मंत्री ने कहा कि सभी नेशनल हाईवे के निर्माण पर विभाग की नजर है। समय-समय पर समीक्षा की जाती है और केंद्र सरकार से भी इस मसले पर ध्यान आकृष्ट कराया जाता है।
ललित कुमार यादव के सवाल पर ग्रामीण कार्य मंत्री जयंत राज ने माना कि राज्य में 280 चचरी पुलों का सर्वे हुआ है। लेकिन इसे बनाने के लिए विभाग के स्तर पर कोई योजना नहीं है। दरभंगा में पांच ऐसे पुल का उल्लेख करते हुए कहा कि निधि की उपलब्धता के आधार पर ही कोई निर्णय लिया जाएगा। संजय सरावगी के अल्पसूचित प्रश्न के जवाब में जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि पांच दशक से अधिक समय से चल रही पश्चिमी कोसी नहर परियोजना मार्च 23 तक पूरी हो जाएगी। इस परियोजना की डीपीआर 1962 में बनी थी। 1971 से इस पर काम शुरू हुआ। जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण इस परियोजना को पूरा करने में दशकों लग गए। बीच के वर्षों में राशि की समस्या भी थी। अब इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की समस्या नहीं है। सरकार ने इसके लिए पर्याप्त पैसे का इंतजाम भी कर लिया है। विभाग की कोशिश है कि पश्चिमी कोसी नहर परियोजना को मार्च 2023 तक पूरा कर लिया जाए। इस परियोजना से दरभंगा, मधुबनी आदि जिलों में सिंचाई सुविधा हो सकेगी। वहीं बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना के सवाल पर मंत्री ने कहा कि चरणवार तरीके से इस पर काम हो रहा है। पहले चरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। छह चरणों में काम होने हैं। अब दूसरे चरण का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। जमीन अधिग्रहण की समस्या है। जिला प्रशासन से समन्वय कायम कर जमीन अधिग्रहण की समस्या को दूर किया जाएगा।