3 दिन बाद भी नहीं हो सका भाजपा नेता का पोस्टमार्टम, पढ़ें- जयपाल पूनिया हत्याकांड में अब तक क्या हुआ? h3>
नवीन वैष्णव, नागौर/ अजमेर: नावां में दिनदहाड़े बीजेपी नेता और नमक व्यापारी जयपाल पूनिया की हत्या का मामला गर्माता जा रहा है। सोमवार को तीसरे दिन भी शव को नहीं उठाया गया। शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। वहीं धरना स्थल पर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और सांसद हनुमान बेनीवाल ने पहुंचकर विधायक महेन्द्र चौधरी सहित अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग उठाई। सर्व समाज की ओर से नावां कस्बे में बेनीवाल के नेतृत्व में विधायक महेंद्र चौधरी के प्रतिकात्मक ‘शव यात्रा’ निकालकर विरोध भी जताया। उधर, पुलिस प्रशासन परिजनों से दिनभर समझाइश का प्रयास करता रहा। लेकिन परिजनों का साफ कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ ही सात मांगों पर जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक शव नहीं उठाया जाएगा। उधर, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने धरना स्थल पर कांग्रेस सरकार पर हमला बोलेते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री मौन क्यो हैं? आगे पढ़ें, जयपाल पूनियां मर्डर केस में अब तक क्या-क्या हुआ?
14 मई:
कार को टक्कर मारी, गोलियां दागी
नावां शहर निवासी नमक व्यापारी और हिस्ट्रीशीटर जयपाल बिश्नोई को शनिवार को जीप में आए बदमाशों ने कार को टक्कर मारकर गोलियां बरसाई थी। जिससे जयपाल की मौत हो गई।
विधायक महेंद्र चौधरी के खिलाफ केस दर्ज (देर रात)
हत्या के बाद जयपाल की पत्नी ने विधायक महेन्द्र चौधरी सहित अन्य के खिलाफ नामजद हत्या की रिपोर्ट दी। साथ ही गिरफ्तारी नहीं होने तक शव नहीं उठाने की चेतावनी भी दी।
15 मई:
सांसद हनुमान बेनीवाल समर्थन में उतरे
परिजनों ने दूसरे दिन शव नहीं उठाने दिया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग के चलते धरना शुरू। आरएलपी के कार्यकर्ताओं के साथ सांसद हनुमान बेनीवाल भी धरने के समर्थन में आगे आए। सांसद ने मामले की सीबीाआई जांच की मांग उठाई।
पुलिस की वार्ता विफल
शव का पोस्टमार्टम कराने की जिला पुलिस और प्रशासन ने परिजनों से वार्ता की। यह समझाइश वार्ता विफल साबित हुई। परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर डटे रहे। साथ ही कुछ और मांगे भी प्रशासन के सामने रखी।
16 मई:
सांसद बेनीवाली भी धरने पर बैठे, विधायक के खिलाफ रैली
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में सर्वसमाज ने कस्बे में विधायक महेन्द्र चौधरी के विरोध में ‘शव यात्रा’ निकाली। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई। साथ ही शव को आग के हवाले करके अपनी नाराजगी भी जताई गई। बेनीवाल ने धरना स्थल पर जयपाल पूनिया के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित की।
RLP का मंगलवार को विशाल जनसभा का आह्वान
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था पूरी तरह ठप्प हो गई है। अधिकारी राजनेताओं के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। इससे बदमाशों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच सीबीआई से करवाकर दिवंगत जयपाल पूनिया को न्याय दिलवाया जाए। बेनीवाल ने सर्वसमाज व आरएलपी से जुड़ कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि मंगलवार को विशाल जनसभा में उपस्थित होकर सीबीआई जांच की मांग को प्रमुखता से उठाएं। जिससे कि आरोपी किसी भी सूरत में नहीं बच सके।
बीजेपी का गहलोत पर हमला, प्रदेशाध्यक्ष ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी नावां में धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने दिवंगत जयपाल पूनिया के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। पूनिया ने धरना स्थल पर संबोधित करते हुए कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी का संकल्प नावां से शुरू हुआ है। उन्होंने कहा 24 घंटे में अपराधी नहीं पकड़े गए तो नावां से तो आगाज हुआ है, राजस्थान की जनता इसको अंजाम में बदलेगी और इस अन्याय का बदला लेगी।
यह हैं 7 मांगें
-एफआईआर में नामजद और अन्य आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
-हत्या के संबंध में पुलिस व प्रशासन की लापरवाही के मददेनजर अधिकारियों को तुरंत हटाया जाए।
-मृतक की पत्नी को राजकीय सेवा में नौकरी दी जाए।
-जयपाल पूनिया पर पिछले दो तीन सालों में झूठे मुकदमे दर्ज करके हिस्ट्रीशीटर घोषित किया गया, इसकी न्यायिक जांच करवाई जाए।
-हत्या के मामले की उच्चस्तरीय सीबीआई जांच की जाए।
-मृतक के परिवार को मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपए राज्य सरकार प्रदान करें।
-मृतक के परिवार को सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए।
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14 मई:
कार को टक्कर मारी, गोलियां दागी
नावां शहर निवासी नमक व्यापारी और हिस्ट्रीशीटर जयपाल बिश्नोई को शनिवार को जीप में आए बदमाशों ने कार को टक्कर मारकर गोलियां बरसाई थी। जिससे जयपाल की मौत हो गई।
विधायक महेंद्र चौधरी के खिलाफ केस दर्ज (देर रात)
हत्या के बाद जयपाल की पत्नी ने विधायक महेन्द्र चौधरी सहित अन्य के खिलाफ नामजद हत्या की रिपोर्ट दी। साथ ही गिरफ्तारी नहीं होने तक शव नहीं उठाने की चेतावनी भी दी।
15 मई:
सांसद हनुमान बेनीवाल समर्थन में उतरे
परिजनों ने दूसरे दिन शव नहीं उठाने दिया गया। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग के चलते धरना शुरू। आरएलपी के कार्यकर्ताओं के साथ सांसद हनुमान बेनीवाल भी धरने के समर्थन में आगे आए। सांसद ने मामले की सीबीाआई जांच की मांग उठाई।
पुलिस की वार्ता विफल
शव का पोस्टमार्टम कराने की जिला पुलिस और प्रशासन ने परिजनों से वार्ता की। यह समझाइश वार्ता विफल साबित हुई। परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर डटे रहे। साथ ही कुछ और मांगे भी प्रशासन के सामने रखी।
16 मई:
सांसद बेनीवाली भी धरने पर बैठे, विधायक के खिलाफ रैली
नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में सर्वसमाज ने कस्बे में विधायक महेन्द्र चौधरी के विरोध में ‘शव यात्रा’ निकाली। इस दौरान जमकर नारेबाजी की गई। साथ ही शव को आग के हवाले करके अपनी नाराजगी भी जताई गई। बेनीवाल ने धरना स्थल पर जयपाल पूनिया के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित की।
RLP का मंगलवार को विशाल जनसभा का आह्वान
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था पूरी तरह ठप्प हो गई है। अधिकारी राजनेताओं के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं। इससे बदमाशों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच सीबीआई से करवाकर दिवंगत जयपाल पूनिया को न्याय दिलवाया जाए। बेनीवाल ने सर्वसमाज व आरएलपी से जुड़ कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि मंगलवार को विशाल जनसभा में उपस्थित होकर सीबीआई जांच की मांग को प्रमुखता से उठाएं। जिससे कि आरोपी किसी भी सूरत में नहीं बच सके।
बीजेपी का गहलोत पर हमला, प्रदेशाध्यक्ष ने दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया भी नावां में धरना स्थल पर पहुंचे और उन्होंने दिवंगत जयपाल पूनिया के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। पूनिया ने धरना स्थल पर संबोधित करते हुए कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी का संकल्प नावां से शुरू हुआ है। उन्होंने कहा 24 घंटे में अपराधी नहीं पकड़े गए तो नावां से तो आगाज हुआ है, राजस्थान की जनता इसको अंजाम में बदलेगी और इस अन्याय का बदला लेगी।
यह हैं 7 मांगें
-एफआईआर में नामजद और अन्य आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
-हत्या के संबंध में पुलिस व प्रशासन की लापरवाही के मददेनजर अधिकारियों को तुरंत हटाया जाए।
-मृतक की पत्नी को राजकीय सेवा में नौकरी दी जाए।
-जयपाल पूनिया पर पिछले दो तीन सालों में झूठे मुकदमे दर्ज करके हिस्ट्रीशीटर घोषित किया गया, इसकी न्यायिक जांच करवाई जाए।
-हत्या के मामले की उच्चस्तरीय सीबीआई जांच की जाए।
-मृतक के परिवार को मुआवजे के रूप में 50 लाख रुपए राज्य सरकार प्रदान करें।
-मृतक के परिवार को सुरक्षा उपलब्ध करवाई जाए।