206 तृतीय वर्गीय कर्मियों को मिली प्रोन्नति

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206 तृतीय वर्गीय कर्मियों को मिली प्रोन्नति

206 तृतीय वर्गीय कर्मियों को मिली प्रोन्नति

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दरभंगा। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में गुरुवार को कुलपति प्रो. संजय कुमार चौधरी की अध्यक्षता में सिंडिकेट की बैठक हुई। विवि मुख्यालय, पीजी विभागों व चार जिलों में संचालित अंगीभूत कॉलेजों में कार्यरत 206 तृतीय वर्गीय कर्मियों की प्रोन्नति पर सिंडिकेट ने अपनी मुहर लगा दी। इसकी अधिसूचना 24 जुलाई को जारी हुई जिसे सिंडिकेट में अनुमोदन के लिए प्रस्तावित किया गया था।
कुलसचिव डॉ. अजय कुमार पंडित ने बताया कि तृतीय वर्गीय कर्मियों को कतिपय शर्तों के आधार पर अस्थायी रूप से वेतनमान सहित उच्चतर पद का प्रभार दिया गया है। चतुर्थ वर्गीय कर्मियों के उच्चतर प्रभार दिये जाने के संबंध में विवि स्तर पर की गई कार्यवाही से सदस्यों को अवगत कराया गया। उच्चतर प्रभार के तकनीकी पक्षों के संबंध में राज्य सरकार से दिशा-निर्देश मिलने पर आगे की कार्रवाई किए जाने पर सर्वसम्मति से सहमति बनी। विवि मुख्यालय एवं पीजी विभागों व संस्थानों के 48, दरभंगा स्थित अंगीभूत कॉलेजों के 58, मधुबनी के 48, समस्तीपुर के 32 तथा बेगूसराय के 20 कर्मियों को वेतनमान के साथ उच्चतर प्रभार दिया गया है।

अधिसूचना के अनुसार विवि मुख्यालय व पीजी विभागों के एक कर्मी को प्रशाखा पदाधिकारी से सहायक वित्त पदाधिकारी, छह कर्मियों को सहायक से प्रशाखा पदाधिकारी, तीन कर्मियों को यूडीसी से प्रशाखा पदाधिकारी, 11 कर्मियों को यूडीसी से सहायक, 26 कर्मियों को एलडीसी से सहायक तथा एक कर्मी को प्रयोगशाला प्रदर्शक ग्रेड टू में प्रोन्नति दी गई है। दरभंगा जिले के कॉलेजों में 35 कर्मियों को यूडीसी तथा 23 कर्मियों को प्रधान लिपिक का प्रभार सौंपा गया है। मुधबनी जिले में 24 को यूडीसी तथा 24 कर्मियों को प्रधान लिपिक, समस्तीपुर जिले में 15 को यूडीसी तथा 17 कर्मियों को प्रधान लिपिक तथा बेगूसराय में आठ को यूडीसी तथा 12 कर्मियों को प्रधान लिपिक का प्रभार सौंपा गया है। प्रोन्नति के साथ कई कर्मियों का दूसरे कॉलेजों में पदस्थापन भी किया गया है।

कुलसचिव डॉ. पंडित ने बताया कि तृतीय वर्गीय कर्मियों को उच्चतर पद का कार्यकारी प्रभार पूर्णत: अस्थायी व्यवस्था के तहत नियमित प्रोन्नति का निर्णय होने तक विहित वेतनमान सहित योगदान की तिथि से देय होगी। भविष्य में नियमित प्रोन्नति पाने के बाद अस्थायी व्यवस्था के अंतर्गत उच्चतर पद का लाभ प्राप्त करने वाले कर्मी यह सुविधा लगातार प्राप्त करते रहेंगे तथा यदि नियमित प्रोन्नति की प्रक्रिया में यदि ये कर्मी किसी कारणवश प्रोन्नति प्राप्त नहीं कर पाते हैं तो उच्चतर पद से मूल पद पर वापस कर दिया जाएगा और उनसे वेतन-भत्ते की वसूली नहीं की जाएगी। अस्थायी उच्चतर पद के प्रभार के बाद राज्य सरकार से इस मद में राशि मिलने पर ही भुगतान किया जाएगा।

बैठक में कुलसचिव डॉ. अजय कुमार पंडित, कुलानुशासक प्रो. अजय नाथ झा, डीएसडब्ल्यू प्रो. विजय कुमार यादव, डॉ. हरि नारायण सिंह, डॉ. बैद्यनाथ चौधरी बैजू, प्रधानाचार्य डॉ. श्याम चंद्र गुप्ता व प्रो. विजय मिश्रा, प्रो. अशोक कुमार मेहता, प्रो. शाहिद हसन, डॉ. नौशाद आलम, डॉ. अमर कुमार, मीना कुमारी, सुजीत पासवान एवं डॉ. धनेश्वर प्रसाद सिंह उपस्थित थे।

डीडीई की समस्याओं को लेकर बैठक जल्द

बैठक में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के नामांकन एवं संचालन से संबंधित समस्याओं पर जल्द बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया। अनुकंपा समिति की बैठक अगस्त-सितंबर में करने पर सहमति बनी। समस्तीपुर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. मीना प्रसाद के निलंबर अवधि की कुल अनुपस्थिति 309 दिनों में से पांच दिनों का आकस्मिक अवकाश, 157 दिनों का चिकित्सा अवकाश एवं 147 दिनों का अर्जित अवकाश की स्वीकृति दी गई। विनय कुमार झा एवं अन्य के संबंध में पटना हाईकोर्ट के न्यायादेश के आलोक में सेवा सामंजन मामले में उच्च शिक्षा निदेशक से विमर्श कर समाधान के लिए कुलसचिव को अधिकृत किया गया। इसके अलावा कई अन्य प्रस्तावों पर भी सिंडिकेट में विमर्श कर निर्णय लिए गए।

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