2024 में नगर निगम को सुपूर्द हो जायेगा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट h3>
2024 में नगर निगम को सुपूर्द हो जायेगा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
940 करोड़ रुपये से शहर को स्मार्ट बनाने का है लक्ष्य
2018 में अंतिम चरण में स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल हुआ था बिहारशरीफ
फोटो:
शहर : बिहारशरीफ शहर।
बिहारशरीफ, निज प्रतिनिधि।
स्मार्ट सिटी की कार्य अवधि मई 2022 में समाप्त होने के पहले भारत सरकार द्वारा एक साल के लिए कार्य अवधि का विस्तार कर दिया गया है। जून 2024 तक स्मार्ट सिटी की अवधि का विस्तार की गयी है। चर्चा है कि विस्तारित कार्य अवधि समाप्त होने के बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को नगर निगम को सुपूर्द कर दिया जायेगा। मई 2022 तक ही कार्य अवधि होने के कारण अधिकारी तक चितिंत थे।
स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। लेकिन पांच साल में महज 372 करोड़ आवंटन प्राप्त हो पाया है। स्मार्ट सिटी का कुल प्रोजेक्ट 940 करोड़ रुपये की है। पांच साल में देश के 100 और सूबे के चार शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए चयन किया गया है। इसमें बिहारशरीफ भी है। सबसे अंतिम चरण 2018 में बिहारशरीफ का चयन किया गया है।
940 करोड़ रुपये से शहर का बनाना है स्मार्ट:
बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी के लिए बैसे से 1550 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया गया था। स्मार्ट सिटी द्वारा जब कंसल्टेंट का चयन किया गया तो इसके द्वारा शहर को स्मार्ट बनान के लिए 940 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाया गया। इस तरह अब शहर को स्मार्ट बनाने पर 940 करोड़ का ही प्रस्तावित बजट है। हालांकि, पांच साल की अवधि बीत जाने के बाद भी अब तक महज 372 करोड़ रुपये आवंटित हो पाया है। इसमें केंद्र व राज्य से 186-186 करोड़ रुपये है। जबकि, बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी से 650 करोड़ से अधिक राशि की योजनाएं खुल चुकी हैं। स्मार्ट सिटी से 650 करोड़ रुपये की योजनाओं पर काम चालू है। लेकिन अब तक आवंटन 372 करोड़ रुपये प्राप्त है। अधिकारियों का कहना है कि कार्य प्रगति के अनुसार राशि पर्याप्त होती है। स्मार्ट सिटी के अनुसार 22 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। 12 पर काम प्रगति है। तीन और प्रोजेक्ट टेंडर की प्रक्रिया में हैं।
118 करोड़ की योजनाएं पूर्ण:
स्मार्ट सिटी में शामिल होने के पीछे कई आईएएस अधिकारियों की मेहनत का फल है। अब तक 118 करोड़ रुपये की योजनाएं पूर्ण कर ली गयी है। इसमें आईसीसी भवन, नालंदा हेल्थ क्लब, सोलर एनर्जी सरकारी भवन, नौ प्राईमरी विद्यालयों का जीर्णोद्धार, लाईब्रेरी जीर्णोद्धार, टाउन हॉल की मरम्मत, बड़ी पहाड़ी पर रेनवाटर हार्वेस्टिंग, गांधी पार्क का जीर्णोद्धार,सुभाष पार्क का जीर्णोद्धार, श्रम कल्याण मैदान को विकसित, रामचंद्रपुर बस पड़ाव में पीसीसी, पेवर ब्लॉक अस्पताल मोड़ से सोहसराय तक, परती जमीनों की बाउंड्री।
स्मार्ट सिटी से इन प्रोजेक्टों पर काम जारी :
नाला व रोड निर्माण : 128 करोड़
सीवरेज : 300 करोड़
फ्लाईओवर : 90 करोड़
स्कूलों का जीर्णोद्धार : 20 करोड़
लाईब्रेरी जीर्णोद्धार : 10 करोड़
कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम : 103 करोड़
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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2024 में नगर निगम को सुपूर्द हो जायेगा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट
940 करोड़ रुपये से शहर को स्मार्ट बनाने का है लक्ष्य
2018 में अंतिम चरण में स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल हुआ था बिहारशरीफ
फोटो:
शहर : बिहारशरीफ शहर।
बिहारशरीफ, निज प्रतिनिधि।
स्मार्ट सिटी की कार्य अवधि मई 2022 में समाप्त होने के पहले भारत सरकार द्वारा एक साल के लिए कार्य अवधि का विस्तार कर दिया गया है। जून 2024 तक स्मार्ट सिटी की अवधि का विस्तार की गयी है। चर्चा है कि विस्तारित कार्य अवधि समाप्त होने के बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को नगर निगम को सुपूर्द कर दिया जायेगा। मई 2022 तक ही कार्य अवधि होने के कारण अधिकारी तक चितिंत थे।
स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है। लेकिन पांच साल में महज 372 करोड़ आवंटन प्राप्त हो पाया है। स्मार्ट सिटी का कुल प्रोजेक्ट 940 करोड़ रुपये की है। पांच साल में देश के 100 और सूबे के चार शहरों को स्मार्ट बनाने के लिए चयन किया गया है। इसमें बिहारशरीफ भी है। सबसे अंतिम चरण 2018 में बिहारशरीफ का चयन किया गया है।
940 करोड़ रुपये से शहर का बनाना है स्मार्ट:
बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी के लिए बैसे से 1550 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया गया था। स्मार्ट सिटी द्वारा जब कंसल्टेंट का चयन किया गया तो इसके द्वारा शहर को स्मार्ट बनान के लिए 940 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट बनाया गया। इस तरह अब शहर को स्मार्ट बनाने पर 940 करोड़ का ही प्रस्तावित बजट है। हालांकि, पांच साल की अवधि बीत जाने के बाद भी अब तक महज 372 करोड़ रुपये आवंटित हो पाया है। इसमें केंद्र व राज्य से 186-186 करोड़ रुपये है। जबकि, बिहारशरीफ स्मार्ट सिटी से 650 करोड़ से अधिक राशि की योजनाएं खुल चुकी हैं। स्मार्ट सिटी से 650 करोड़ रुपये की योजनाओं पर काम चालू है। लेकिन अब तक आवंटन 372 करोड़ रुपये प्राप्त है। अधिकारियों का कहना है कि कार्य प्रगति के अनुसार राशि पर्याप्त होती है। स्मार्ट सिटी के अनुसार 22 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। 12 पर काम प्रगति है। तीन और प्रोजेक्ट टेंडर की प्रक्रिया में हैं।
118 करोड़ की योजनाएं पूर्ण:
स्मार्ट सिटी में शामिल होने के पीछे कई आईएएस अधिकारियों की मेहनत का फल है। अब तक 118 करोड़ रुपये की योजनाएं पूर्ण कर ली गयी है। इसमें आईसीसी भवन, नालंदा हेल्थ क्लब, सोलर एनर्जी सरकारी भवन, नौ प्राईमरी विद्यालयों का जीर्णोद्धार, लाईब्रेरी जीर्णोद्धार, टाउन हॉल की मरम्मत, बड़ी पहाड़ी पर रेनवाटर हार्वेस्टिंग, गांधी पार्क का जीर्णोद्धार,सुभाष पार्क का जीर्णोद्धार, श्रम कल्याण मैदान को विकसित, रामचंद्रपुर बस पड़ाव में पीसीसी, पेवर ब्लॉक अस्पताल मोड़ से सोहसराय तक, परती जमीनों की बाउंड्री।
स्मार्ट सिटी से इन प्रोजेक्टों पर काम जारी :
नाला व रोड निर्माण : 128 करोड़
सीवरेज : 300 करोड़
फ्लाईओवर : 90 करोड़
स्कूलों का जीर्णोद्धार : 20 करोड़
लाईब्रेरी जीर्णोद्धार : 10 करोड़
कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम : 103 करोड़
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