2022-23 में नहीं होगी पीपीटी, 137 पालीटेक्निक कॉलेजों में इस आधार पर होंगे एडमिशन | PPT will not taken in 2022-23 | Patrika News h3>
पालीटेक्निक कॉलेजों में प्रवेश के लिए होेनेवाली प्री पालीटेक्निक टेस्ट (पीपीटी) को तकनीकी शिक्षा विभाग ने निरस्त कर दिया है
भोपाल
Published: April 24, 2022 09:32:02 pm
भोपाल। मध्यप्रदेश के पालीटेक्निक कॉलेजों में इस बार भी विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी। पालीटेक्निक कॉलेजों में प्रवेश के लिए होेनेवाली प्री पालीटेक्निक टेस्ट (पीपीटी) को तकनीकी शिक्षा विभाग ने निरस्त कर दिया है। स्टूडेंट को सत्र 2022-23 में भी पालीटेक्निक कॉलेजों में मेरिट के आधार पर ही प्रवेश दिए जाएंगे। पालीटेक्निक कॉलेजों में दसवीं की मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे।
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की ओर से पीपीटी परीक्षा ली जाती है। इस बार भी इसके निरस्त करने की मुख्य वजह यह है स्कूल के रिजल्ट आने के अमूमन तीन माह बाद पीपीटी का रिजल्ट आता है। इसके कारण कई सीटें रिक्त रह जाती हैं। ऐसे में
पीपीटी का औचित्य नहीं रह पाता.
ज्ञातव्य है कि मप्र बोर्ड के दसवीं व बारहवीं के रिजल्ट 28 से 30 अप्रैल के बीच जारी हो जाते हैं, जबकि पीईबी पीपीटी के रिजल्ट जुलाई तक जारी करता है। तब तक दसवीं पास विद्यार्थी 11वीं क्लास में प्रवेश ले लेते हैं इसलिए ऐसे अनेक विद्यार्थी पीपीटी परीक्षा के बाद काउंसिलिंग प्रक्रिया में भाग नहीं लेते हैं। मध्यप्रदेश में कुल 137 निजी और सरकारी पालीटेक्निक कालेज हैं। इनमें करीब 28 हजार सीटें हैं। काउंसिलिंग के दौरान इन 28 हजार सीटों में से खींचतान कर 18 हजार सीटों पर ही प्रवेश हो रहे हैं।
सीटें ज्यादा और पीपीटी में विद्यर्थियों की संख्या कम होने के कारण विभाग ने पीपीटी बंद करना ही उचित समझा है। सत्र 2022-23 में विद्यार्थियों को बिना पीपीटी के सिर्फ दसवीं की मेरिट सूची के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे। दो साल से विद्यार्थियों को मेरिट के आधार पर ही प्रवेश दिए गए हैं। हालांकि इसकी वजह कोविड बताया गया।
इससे पहले बीफार्मा में प्री फार्मेसी टेस्ट (पीएफटी) और इंजीनियरिंग कालेजों में प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) के बिना प्रवेश शुरू किए जा चुके हैं। व्यापमं के प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) टेस्ट को भी बंद किया गया है। मेडिकल कालेजों में प्रवेश देने के लिए जहां नीट यूजी अनिवार्य किया गया है। वहीं इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश देने के लिए जेईई मेंस को आधार बनाया गया है।
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पालीटेक्निक कॉलेजों में प्रवेश के लिए होेनेवाली प्री पालीटेक्निक टेस्ट (पीपीटी) को तकनीकी शिक्षा विभाग ने निरस्त कर दिया है
भोपाल
Published: April 24, 2022 09:32:02 pm
भोपाल। मध्यप्रदेश के पालीटेक्निक कॉलेजों में इस बार भी विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा नहीं देनी होगी। पालीटेक्निक कॉलेजों में प्रवेश के लिए होेनेवाली प्री पालीटेक्निक टेस्ट (पीपीटी) को तकनीकी शिक्षा विभाग ने निरस्त कर दिया है। स्टूडेंट को सत्र 2022-23 में भी पालीटेक्निक कॉलेजों में मेरिट के आधार पर ही प्रवेश दिए जाएंगे। पालीटेक्निक कॉलेजों में दसवीं की मेरिट लिस्ट के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे।
प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) की ओर से पीपीटी परीक्षा ली जाती है। इस बार भी इसके निरस्त करने की मुख्य वजह यह है स्कूल के रिजल्ट आने के अमूमन तीन माह बाद पीपीटी का रिजल्ट आता है। इसके कारण कई सीटें रिक्त रह जाती हैं। ऐसे में
पीपीटी का औचित्य नहीं रह पाता.
ज्ञातव्य है कि मप्र बोर्ड के दसवीं व बारहवीं के रिजल्ट 28 से 30 अप्रैल के बीच जारी हो जाते हैं, जबकि पीईबी पीपीटी के रिजल्ट जुलाई तक जारी करता है। तब तक दसवीं पास विद्यार्थी 11वीं क्लास में प्रवेश ले लेते हैं इसलिए ऐसे अनेक विद्यार्थी पीपीटी परीक्षा के बाद काउंसिलिंग प्रक्रिया में भाग नहीं लेते हैं। मध्यप्रदेश में कुल 137 निजी और सरकारी पालीटेक्निक कालेज हैं। इनमें करीब 28 हजार सीटें हैं। काउंसिलिंग के दौरान इन 28 हजार सीटों में से खींचतान कर 18 हजार सीटों पर ही प्रवेश हो रहे हैं।
सीटें ज्यादा और पीपीटी में विद्यर्थियों की संख्या कम होने के कारण विभाग ने पीपीटी बंद करना ही उचित समझा है। सत्र 2022-23 में विद्यार्थियों को बिना पीपीटी के सिर्फ दसवीं की मेरिट सूची के आधार पर प्रवेश दिए जाएंगे। दो साल से विद्यार्थियों को मेरिट के आधार पर ही प्रवेश दिए गए हैं। हालांकि इसकी वजह कोविड बताया गया।
इससे पहले बीफार्मा में प्री फार्मेसी टेस्ट (पीएफटी) और इंजीनियरिंग कालेजों में प्री इंजीनियरिंग टेस्ट (पीईटी) के बिना प्रवेश शुरू किए जा चुके हैं। व्यापमं के प्री मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) टेस्ट को भी बंद किया गया है। मेडिकल कालेजों में प्रवेश देने के लिए जहां नीट यूजी अनिवार्य किया गया है। वहीं इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेश देने के लिए जेईई मेंस को आधार बनाया गया है।
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