2 मार्च को पंचकल्याणक महोत्सव में अयोध्या आऐंगे सीएम योगी: रायगंज जैन मंदिर में मंदिर परिसर में स्वर्ग, मध्य एवं नरक लोक के दर्शन होंगे – Ayodhya News

0
2 मार्च को पंचकल्याणक महोत्सव में अयोध्या आऐंगे सीएम योगी:  रायगंज जैन मंदिर में मंदिर परिसर में स्वर्ग, मध्य एवं नरक लोक के दर्शन होंगे – Ayodhya News

2 मार्च को पंचकल्याणक महोत्सव में अयोध्या आऐंगे सीएम योगी: रायगंज जैन मंदिर में मंदिर परिसर में स्वर्ग, मध्य एवं नरक लोक के दर्शन होंगे – Ayodhya News

2 मार्च 2025 से अयोध्या में होने वाले पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों में जुटीं जैन धर्म की सर्वोच्च साधिका माता ज्ञानमती और अयोध्या तीर्थ क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष स्वामी रवीन्द्रकीर्ति।

अयोध्या के दिंगबर जैन मंदिर में 2 मार्व से होने वाले पंच कल्याणक महोत्सव में प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। शुक्रवार को श्री दिगम्बर जैन अयोध्या तीर्थ क्षेत्र कमेटी के एक प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उन

.

प्रतिनिधि मंडल में विधायक रामचंद्र यादव व कमेटी के अध्यक्ष पीठाधीश रवीन्द्र कीर्ति स्वामी के साथ मंत्री डॉ. जीवन प्रकाश जैन, कमेटी के शासन संपर्क संयोजक श्री शुभचंद्र जैन सर्राफ व संयोजक श्री हिमांशु गर्ग उपस्थित रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वामीजी व सभी का अभिवादन किया।

स्वामी जी ने मुख्यमंत्री जी से अयोध्या में जैन धर्म एवं सर्वोच्च जैन साध्वी गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी को लेकर अनेक औपचारिक चर्चा की। मुख्यमंत्री जी ने महोत्सव के पोस्टर का विमोचन कर प्रथम अवलोकन भी किया।

ज्ञानमती माताजी इस समय की दीर्घ कालिक तपस्या से पवित्र आत्मा

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस धरती के प्रथम राजा भगवान ऋषभदेव हैं। साथ ही उन्होंने पूज्य गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी के प्रति अत्यधिक आदर अभिव्यक्त किया और कहा कि ज्ञानमती माताजी इस समय की दीर्घ कालिक तपस्या से पवित्र आत्मा हैं। उन्होंने पूज्य माताजी के जन्मस्थान से लेकर उनके बारे में अन्य भी अनेक चर्चाएँ कीं। मुख्यमंत्री जी को पूज्य माताजी के आशीर्वाद स्वरूप श्रीफल भी भेंट किया गया।

31 फुट विशाल भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा

बताते चलें कि जहाँ पूरे देश और दुनिया में अयोध्या को भगवान राम की नगरी से जाना जा रहा है, वहीं भारत देश की प्राचीनतम संस्कृति में यह अयोध्या नगरी प्रथम तीर्थकर भगवान ऋषभदेव आदि पाँच भगवन्तों की भी जन्मभूमि है। ऐसी महान तीर्थभूमि पर जैन धर्म के अनेक जिनमंदिर अयोध्या के विभिन्न स्थानों पर दर्शनीय एवं वंदनाथमि इन जिन मंदिरों में रायगंज स्थित भगवान ऋषभदेव दिगम्बर जैन मंदिर, बड़ी मूर्ति का परिसर 6 एकड़ विशाल प्रांगण में अपनी अद्वितीय आभा बिखेरता हुआ जैनधर्म की प्राचीनता और इसके इतिहास को जगजाहिर कर रहा है। यहाँ 31 फुट विशाल भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा होने से इस तीर्थ को “बड़ी मूर्ति” के नाम से जन-जन में पहचाना जाता है।

अयोध्या का एक मानद तीर्थ बनकर प्रगट हो रहा है

ऐसे बड़ी मूर्ति परिसर का ऐतिहासिक विकास सर्वोच्च जैन साध्वी दिव्यशक्ति गणिनी प्रमुख ज्ञानमती माताजी की पावन प्रेरणा से सन् 1993-1994 से सतत चल रहा है। प्रगतिशील विकास के इस पायदान पर यह तीर्थ वर्ष 2025 में नये-नये जिन मंदिरों के साथ अयोध्या का एक मानद तीर्थ बनकर प्रगट हो रहा है। यहाँ के विशाल जिन मंदिरों के गगनचुंबी शिखर और श्वेत आभा से आने वाले हर भक्त और पर्यटकों का मन भक्ति गंगा में डूबता है और भक्तों को जैनधर्म का स्वरूप भी जानने को प्राप्त होता है।

“तीन लोक” का स्वरूप वास्तव में बनकर प्रगट हुआ

ऐसे ही इन रचनाओं में वर्तमान में जैनधर्म का चिन्ह माना जाने वाला “तीन लोक” का स्वरूप वास्तव में बनकर प्रगट हुआ है। लगभग 50 फुट ऊंची श्वेत मकराना मार्बल की आभा से यह रचना पूरे अयोध्या की एक अद्वितीय रचना बनकर जैनधर्म का मर्म समझाने के लिए तैयार है। इस रचना में जहाँ ब्रह्म स्थान अर्थात् मोक्ष की सत्य परिकल्पना जानने को मिलेगी, वहीं स्वर्ग के स्थान, मनुष्य और तिर्यंच लोक का स्थान और उसके साथ ही नरक में रहने वाले पापी जीवों के स्थान भी क्रमशः स्वर्गलोक, मध्यलोक एवं नरक लोक के रूप में देखने को प्राप्त होगा।

1008 प्रतिमाओं का भी पंचकल्याणक अर्थात प्राणप्रतिष्ठा

ऐसे इस तीनलोक रचना में सिद्ध भगवन्तों की 727 जिन प्रतिमाएं विराजमान होंगी तथा इसी के साथ भगवान ऋषभदेव से लेकर भगवान महावीर तक की अन्य 1008 प्रतिमाओं का भी पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव अर्थात् प्राणप्रतिष्ठा श्री दिगम्बर जैन अयोध्या तीर्थक्षेत्र कमेटी के तत्त्वावधान में फाल्गुन शुक्ल. तृतीया से सप्तमी अर्थात् 2 मार्च से 6 मार्च तक राष्ट्रीय स्तर पर सम्पन्न होगा।

इस देश व्यापी महोत्सव सर्वोच्च जैन साध्वी गणिनीप्रमुख आर्यिकाशिरोमणि ज्ञानमती माताजी की पावन प्रेरणा एवं साधना का प्रतिफल है, जो उनके दिव्य सान्निध्य में सम्पन्न होगा। सम्पूर्ण कार्यक्रम को प्रज्ञाश्रमणी आर्यिका चंदनमती माताजी का मार्गदर्शन एवं तीर्थ के अध्यक्ष पीठाधी रवीन्द्रकीर्ति स्वामीजी का कुशल निर्देशन प्राप्त हो रहा है। विशेषरूप से इस आयोजन में कमेटी द्वारा आचार्यश्री भद्रबाहु सागर महाराज को ससंघ आमंत्रित किया गया है। जिनके सान्निध्य में उक्त महोत्सव सम्पन्न होगा।

देश के 5 हजार भक्त शामिल होंगे

साथ ही देश के चिरपरिचित क्षुल्लक ध्यानसागर जी महाराज एवं श्रवण बेलगोला के भट्टारक चारुकीर्ति महाराज भी अपना सान्निध्य प्रदान करेंगे।इस पंचकल्याणक महोत्सव में देश के लगभग सभी प्रान्तों से पाँच हजार भक्तजन शामिल होने की संभावना है। ये सभी भक्तजन इन्द्र और इन्द्राणी का रूप धारण करके शुद्ध पारम्परिक पूजन वस्त्र धोती-दुपट्टा एवं साड़ियों में इन्द्र-इन्द्राणी का रूप धारण करके अनुष्ठान को सम्पन्न करेंगे।

विद्वान् के रूप में इस अनुष्ठान को प्रतिष्ठाचार्य विजय कुमार जैन, पं. ऋषभसेन जैन उपाध्ये, पं. सतेन्द्र जैन, पं. अकलंक जैन आदि विद्वत् जन सम्पन्न करायेंगे। इस प्रकार अयोध्या में एक साथ 1800 प्रतिमाओं के गर्भ कल्याणक, जन्म कल्याणक, दीक्षा कल्याणक, केवलज्ञान कल्याणक और मोक्ष कल्याण के साथ इन सारी प्रतिमाओं को मंत्रोच्चार एवं पूर्ण विधिविधान के साथ 6 मार्च को प्रातः भगवान का स्वरूप प्राप्त होगा।

अयोध्या के इतिहास का यह एक उत्कर्ष काल है, जब एक साथ जैन तीर्थंकर एवं सिद्ध भगवन्तों की 1800 प्रतिमाएं पूजनीय बनकर प्रतिष्ठापित की जायेंगी।

इस महोत्सव में समस्त इन्द्र-इन्द्राणियों में प्रमुख माने जाने वाले सौधर्म इन्द्र के रूप में श्री अध्यात्म-अर्पिता जैन-लखनऊ विशेष पुण्यार्जन करेंगे। साथ ही भगवान के माता-पिता बनने का सौभाग्य- श्री ज्ञानेशचंद जैन- अलका जैन-लखनऊ को, महायज्ञ नायक अनुपम सोनाली जैन-प्रयागराज, ईशान इन्द्र अभय डोटिया-हेमा जैन डोटिया-मुम्बई, सानत्कुमार इन्द्र सुनील कुमार-मीनाक्षी जैन सर्राफ मेरठ, माहेन्द्र इन्द्र विनोद-शकुन्तला जैन, उत्तमनगर-दिल्ली एवं धनकुबेर का सौभाग्य सौरभ-दीपिका जैन-बहराइच को व अन्य अनेक स्थानों से पधारे इन्द्र-इन्द्राणियों को समस्त अनुष्ठान करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है।

आयोजनों में दिनाँक 4 मार्च को प्रसिद्ध गीतकार संगीतकार रूपेश जैन द्वारा संगीत संध्या एवं दिनाँक 5 मार्च को रंगशाला ग्रुप-इंदौर की साधना मादावत द्वारा भारतीय संस्कृति की प्राचीनता पर आधारित वर्तमान नव पीढ़ी के लिए अत्यन्त प्रेरक नाटिका भी प्रस्तुत की जायेगी।

उत्तर प्रदेश की और खबर देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Uttar Pradesh News