2 देशों-6 राज्यों में नशा तस्करी नेटवर्क, 2 आरोपी गिरफ्तार: जालोर के तस्कर हड़मान को पकड़ने के लिए चलाया ऑपरेशन कंटकमोचन – Jalore News

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2 देशों-6 राज्यों में नशा तस्करी नेटवर्क, 2 आरोपी गिरफ्तार:  जालोर के तस्कर हड़मान को पकड़ने के लिए चलाया ऑपरेशन कंटकमोचन – Jalore News

2 देशों-6 राज्यों में नशा तस्करी नेटवर्क, 2 आरोपी गिरफ्तार: जालोर के तस्कर हड़मान को पकड़ने के लिए चलाया ऑपरेशन कंटकमोचन – Jalore News

पुलिस की गिरफ्त में नशे के दो तस्कर

जालोर पुलिस ने नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दो कुख्यात तस्करों को गिरफ्तार किया है। एक आरोपी की गिरफ्तारी जोधपुर और दूसरे की कोटपूतली से की गई है। आरोपियों ने छह राज्यों और दो देशों में नशा तस्करी का नेटवर्क फैला रखा था। इनमें जालोर के एक आरोप

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आईजी विकास कुमार ने बताया- पकड़े गए अपराधियों में हनुमान उर्फ हड़िया उर्फ बालाजी (29) और जालाराम (34) शामिल हैं।

जालोर का निवासी हड़मान, 6 स्टेट में गैंग का नेटवर्क

हड़मान जालोर जिले के सायला थाना क्षेत्र के खारी गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ राजस्थान समेत कई राज्यों में मादक पदार्थों की तस्करी के मामले दर्ज हैं। पुलिस मुख्यालय ने उसकी गिरफ्तारी पर 1 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। वह पिछले 4 साल से राजस्थान और मध्यप्रदेश में वांटेड था। उसकी गैंग का नेटवर्क छह राज्यों- राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड तक फैला था। पिछले 2 साल में राजस्थान के कई जिलों में पकड़ी गई बड़ी खेप हड़मान की गैंग से जुड़ी थीं।

हड़मान की गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन “कंटकमोचक” चलाया गया।

बालोतरा का निवासी जालाराम, अंतरराष्ट्रीय नशा तस्कर

दूसरा आरोपी जालाराम बालोतरा जिले के मंडली थाना क्षेत्र के कपूरकी गांव का रहने वाला है। वह भी अंतरराष्ट्रीय तस्कर है। राजस्थान और गुजरात में लंबे समय से नशे का कारोबार कर रहा था। जालाराम की गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन “जैमरोल” चलाया गया।

दोनों तस्करों को पकड़ने के लिए करीब साढ़े 3 महीने तक 5 राज्यों में अभियान चला।

इस घर से भागते हुए हड़मान को किया गिरफ्तार

दूसरी मंजिल से कूदा हड़मान, 20 फीट ऊंची दीवार फांद गया

गिरफ्तारी से बचने के लिए हड़मान ने जोधपुर निवासी प्रेमिका का सहारा लिया। उसने जोधपुर से प्रेमिका को लिया और उसके साथ बिहार, झारखंड और नेपाल तक घूमता रहा। फिर कोटपूतली (कोटपूतली-बहरोड़) में एक सहयोगी के ठिकाने पर छिप गया। साइक्लोनर टीम ने प्रेमिका के संपर्क सूत्रों को ट्रैक किया।

कोटपूतली में प्रेमिका को ट्रैस किया गया। पुलिस ने मकान पर छापा मारा तो हड़मान दूसरी मंजिल से कूद कर भागने लगा। टीम प्रभारी कन्हैयालाल भी उसके पीछे कूद गए। उनके पैर में मोच आई। हड़मान 20 फीट ऊंची दीवार भी फांद गया, लेकिन पुलिस के घेरे से नहीं बच सका।

पुलिस को हड़मान और जालाराम के जबलपुर, अयोध्या और बिहार के नरकटियागंज में ठिकानों का पता चला था। जानकारी मिली थी कि गैंग जल्द ही राजस्थान लौटने वाली है। जालाराम जयपुर पहुंचा और पत्नी से संपर्क किया। इससे उसकी लोकेशन ट्रैस हो गई। पुलिस ने बस में सवार होकर जालाराम की पहचान की। जोधपुर पहुंचते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

ढाबा चला चुका जालाराम, नेपाल तक नेटवर्क फैलाया

जालाराम ने होटल और ढाबे का काम किया था। काम चला नहीं तो मध्यप्रदेश के एक नशे के व्यापारी के संपर्क किया। इसके बाद वह तस्करी के काम में लग गया। मध्यप्रदेश से मादक पदार्थ लाकर राजस्थान में बेचने लगा। धीरे-धीरे नेटवर्क बिहार, झारखंड और गुजरात तक फैल गया।

कुछ साल पहले जालाराम हड़मान से मिला। दोनों ने मिलकर कारोबार को और बढ़ाया। उत्तर-पूर्वी राज्यों से नशा लाकर वे समाज में परोसने लगे। नेपाल तक नेटवर्क फैलाया।

कोचिंग, हॉस्टल चला चुका हड़मान बचपन से नशेड़ी

हड़मान ने चार साल की उम्र में पिता को खो दिया था। छह साल की उम्र में उसकी शादी तय हो गई। कोचिंग और हॉस्टल चलाने का काम छोड़ वह ठेकेदारी करने लगा। फिर ट्रकों का व्यवसाय किया। इसके बाद नशे की दुनिया में 12 साल में बड़ा नाम बन गया।

बचपन में गलत संगत से नशे की लत लग गई थी। मध्यप्रदेश से कारोबार शुरू कर बिहार, झारखंड, उत्तर-पूर्वी राज्यों और नेपाल तक फैला दिया। 2012 से अब तक 13 साल में कई बार जेल गया। जालोर, नागौर, जोधपुर, बालोतरा, बाड़मेर और मध्यप्रदेश के मंदसौर तक उसका दबदबा रहा।

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