10 वीं परीक्षार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी, रिजल्ट का प्रतिशत बढ़ाने के लिए बोर्ड ने की यह कवायद | Big news for 10th students | Patrika News h3>
एमपी बोर्ड की बैठक में लिया गया निर्णय, परीक्षा समिति को भेजा गया प्रस्ताव।
भोपाल
Published: April 17, 2022 07:17:16 pm
भोपाल। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मध्य प्रदेश बोर्ड की परीक्षा पद्धति में बदलाव किया गया है। बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट का प्रतिशत बढ़ाने के लिए यह कवायद की जा रही है। इसके लिए अगले सत्र (2022-23) में प्रश्न पत्र अब बदले हुए पैटर्न पर तैयार किया जाएगा। इसमें नियमित व स्वाध्यायी विद्यार्थियों को 75 अंक की सैद्धांतिक और 25 अंक की प्रायोगिक परीक्षा देनी होगी।
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नौवीं व दसवीं क्लास में यह बदलाव अगले सत्र से लागू होंगे। नई व्यवस्था में बिना प्रायोगिक वाले विषयों में 25 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा। 25 अंक में 15 का प्रोजेक्ट वर्क, पांच अंक का नोटबुक प्रस्तुतीकरण और पांच अंक तिमाही और छमाही परीक्षा के आधार पर मिलेंगे।
वहीं स्वाध्यायी विद्यार्थियों के लिए सिर्फ 75 अंक का सैद्धांतिक पेपर देना होगा। इसी सैद्धांतिक पेपर के आधार पर ही उन्हें 25 अंक का अधिभार दिया जाएगा। इससे स्वाध्यायी परीक्षार्थियों को फायदा मिलेगा। अभी बारहवीं की परीक्षा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
स्वाध्यायी विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
उदाहरणार्थ दसवीं में गणित का रिजल्ट कुल 100 अंकों से बनेगा। इसमें नियमित विद्यार्थियों के लिए सैद्धांतिक पेपर 75 अंकों का होगा जबकि आंतरिक मूल्यांकन से 25 अंक मिलेंगे। स्वाध्यायी के लिए सिर्फ 75 अंक का पेपर होगा जिसमें उन्हें 25 अंक अधिभार से दिए जाएंगे।
माशिमं के सचिव श्रीकांत बनोठ बताते हैं कि अब दसवीं क्लास में 75 अंक का सैद्धांतिक और 25 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा। इसे नौवीं क्लास और दसवीं क्लास में लागू कर दिया जाएगा। बारहवीं क्लास में अभी कोई बदलाव नहीं होगा।
पहले भी कर चुके कवायद
दसवीं का रिजल्ट प्रतिशत बढ़ाने के लिए मंडल पहले भी कई बदलाव कर चुका है। मंडल में 2018 से बेस्ट आफ फाइव व्यवस्था लागू है। इसके तहत अगर कोई विद्यार्थी छह में से पांच विषयों में पास हो जाता है तो छठवें विषय में उसे पास कर दिया जाता है। बेस्ट आफ फाइव योजना इस बार भी लागू है। इसके अलावा 25 अंक विद्यार्थियों को स्कूलों द्वारा भेजे जाएंगे. इससे भी विद्यार्थियों को अच्छे अंक मिल जाएंगे जिससे रिजल्ट का प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
अभी यह व्यवस्था— अभी तक दसवीं में 80 अंक सैद्धांतिक और 20 अंक का प्रोजेक्ट वर्क होता था। इसमें पांच अंक के तीन प्रोजेक्ट व पांच अंक का नोटबुक प्रस्तुतीकरण शामिल था।
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एमपी बोर्ड की बैठक में लिया गया निर्णय, परीक्षा समिति को भेजा गया प्रस्ताव।
भोपाल
Published: April 17, 2022 07:17:16 pm
भोपाल। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत मध्य प्रदेश बोर्ड की परीक्षा पद्धति में बदलाव किया गया है। बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट का प्रतिशत बढ़ाने के लिए यह कवायद की जा रही है। इसके लिए अगले सत्र (2022-23) में प्रश्न पत्र अब बदले हुए पैटर्न पर तैयार किया जाएगा। इसमें नियमित व स्वाध्यायी विद्यार्थियों को 75 अंक की सैद्धांतिक और 25 अंक की प्रायोगिक परीक्षा देनी होगी।
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नौवीं व दसवीं क्लास में यह बदलाव अगले सत्र से लागू होंगे। नई व्यवस्था में बिना प्रायोगिक वाले विषयों में 25 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा। 25 अंक में 15 का प्रोजेक्ट वर्क, पांच अंक का नोटबुक प्रस्तुतीकरण और पांच अंक तिमाही और छमाही परीक्षा के आधार पर मिलेंगे।
वहीं स्वाध्यायी विद्यार्थियों के लिए सिर्फ 75 अंक का सैद्धांतिक पेपर देना होगा। इसी सैद्धांतिक पेपर के आधार पर ही उन्हें 25 अंक का अधिभार दिया जाएगा। इससे स्वाध्यायी परीक्षार्थियों को फायदा मिलेगा। अभी बारहवीं की परीक्षा में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
स्वाध्यायी विद्यार्थियों को मिलेगा लाभ
उदाहरणार्थ दसवीं में गणित का रिजल्ट कुल 100 अंकों से बनेगा। इसमें नियमित विद्यार्थियों के लिए सैद्धांतिक पेपर 75 अंकों का होगा जबकि आंतरिक मूल्यांकन से 25 अंक मिलेंगे। स्वाध्यायी के लिए सिर्फ 75 अंक का पेपर होगा जिसमें उन्हें 25 अंक अधिभार से दिए जाएंगे।
माशिमं के सचिव श्रीकांत बनोठ बताते हैं कि अब दसवीं क्लास में 75 अंक का सैद्धांतिक और 25 अंक का आंतरिक मूल्यांकन होगा। इसे नौवीं क्लास और दसवीं क्लास में लागू कर दिया जाएगा। बारहवीं क्लास में अभी कोई बदलाव नहीं होगा।
पहले भी कर चुके कवायद
दसवीं का रिजल्ट प्रतिशत बढ़ाने के लिए मंडल पहले भी कई बदलाव कर चुका है। मंडल में 2018 से बेस्ट आफ फाइव व्यवस्था लागू है। इसके तहत अगर कोई विद्यार्थी छह में से पांच विषयों में पास हो जाता है तो छठवें विषय में उसे पास कर दिया जाता है। बेस्ट आफ फाइव योजना इस बार भी लागू है। इसके अलावा 25 अंक विद्यार्थियों को स्कूलों द्वारा भेजे जाएंगे. इससे भी विद्यार्थियों को अच्छे अंक मिल जाएंगे जिससे रिजल्ट का प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
अभी यह व्यवस्था— अभी तक दसवीं में 80 अंक सैद्धांतिक और 20 अंक का प्रोजेक्ट वर्क होता था। इसमें पांच अंक के तीन प्रोजेक्ट व पांच अंक का नोटबुक प्रस्तुतीकरण शामिल था।
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