10 मार्च तक दे सकेंगे एसजीपीसी वोटर सूचियों के ऐतराज: ईमेल से भी किए जाएंगे स्वीकार, 1950 हेल्पलाइन नंबर पर मिलेगी मदद – Punjab News h3>
अब दस मार्च तक एसजीपीसी चुनाव के लिए ऐतराज लो दे पाएंगे।
पंजाब में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बोर्ड की वोट सूचियों के लिए अब 10 मार्च तक लोग ऐतराज दे पांएगे। जबकि वोटर सूचियों की आखिरी प्रकाशना 16 अप्रैल को की जाएगी। वोटर सूचियां डिप्टी कमिश्नर आफिस, रवाइजिंग अथाॅरिटी, रिटर्निंग अफसरों, तहसील दफ्तरों
.
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल ने गुरुद्वारा चुनाव आयोग से ऐतराज देने का समय बढ़ाने की अपील की थी। उन्होंने दलील थी कि वोटर सूचियों में कई स्तर पर खामियां हैं। गलत तरीके से वोट बने हैं। ऐसे में ऐतराज देने की तारीख को बढ़ाया जाना चाहिए।
इस तरह से दे पाएंगे ऐतराज
वोटर सूची में प्रिंटिंग या छपाई संबंधित कोई ऐतराज किसी को है तो इसकी भी सुनवाई होगी। मतदाता सूची के ड्राफ्ट के बारे में आवेदक अपने ऐतराज अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से लिखित में, ई मेल द्वारा या किसी एजेंट के माध्यम से दे सकते हैं। केवल वहीं व्यक्ति आपत्ति दर्ज कर सकता है, जिसकी उम्र 21 वर्ष या उससे अधिक है जिसका नाम पहले से ही उस निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता सूची में शामिल है।
मतदाता सूचियों के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए मतदाता हेल्पलाइन नंबर 1950 पर संपर्क किया जा सकता है। लोगों के दावे व ऐतराज 10 मार्च तक लिए जाएंगे। 24 मार्च को मतदाता सूचियों की खामियों को सुधारा जाएगा। इसके बाद 16 अप्रैल को प्रकाशना होगी।
एसजीपीसी मेंबरों से मीटिंग करते हुए शिरोमणि अकाली दल के नेता।
अकाली दल ने उठाए थे यह वाल
अकाली दल ने गुरुद्वारा चुनाव के सामने वोटर सूचियों को लेकर चार चीजें उठाई थी। इसमें उनका ऐतराज था कि पंजाब में कोई ऐसा वोटर नहीं है, जिसका अपना घर न हो। लेकिन कई वोटों में घर के नंबर तक नहीं है। एक से लेकर सौ नंबर तक के नंबर गायब है, जो कि पूरी तरह से गलत है। जीरो पर नंबर पर ही वोट बन गए हैं।
रहत मर्यादा के मुताबिक सिख धर्म में जन्म लेने वाले बच्चे के नाम के पीछे सिंह और कौर लिखा जाता है। लेकिन वोटर सूचियों में शामिल नामों के पीछे सिंह और कौर नहीं है। जिससे साफ है वोटर सूचियों में धांधली हुई हैं। कई गांवों में इस तरह के मामले सामने आए हैं। प्रतिनिधिमंडल ने दलील दी थी कि जिसे सिख धर्म का ज्ञान नहीं है।
वह वोटर कैसे बन सकता है। उन्होंने ऐसा कर सिख धर्म धार्मिक स्थानों पर दखल की कोशिश की जा रही है। कई जगह पर असल वोट ही काट दिए गए हैं। जिससे कई सिख धर्म को मानने वाले लोग वोटिंग नहीं कर पाएंगे। ऐसे में रिव्यू के लिए समय दिया जाए। ताकि सारी चीजों को उचित तरीके से पड़ताल हो सकें।