10 करोड़ टूरिस्ट हर साल आते हैं वाराणसी! मोदी के PM बनने से पहले काशी में पर्यटकों के आंकड़े भी जान लीजिए

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10 करोड़ टूरिस्ट हर साल आते हैं वाराणसी! मोदी के PM बनने से पहले काशी में पर्यटकों के आंकड़े भी जान लीजिए

10 करोड़ टूरिस्ट हर साल आते हैं वाराणसी! मोदी के PM बनने से पहले काशी में पर्यटकों के आंकड़े भी जान लीजिए

वाराणसीः उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही है। विश्वनाथ कॉरिडोर के साथ शहर धार्मिक पर्यटन की दिशा में रोज नई ऊंचाइयां छू रहा है। एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि हर साल वाराणसी में 10 करोड़ सैलानी आ रहे हैं। यह आंकड़ा इतना ज्यादा है कि टूरिजम के लिए मशहूर गोवा भी काफी पीछे छूट गया है। स्वतंत्र सर्वेक्षणों ने साल 2022 में गोवा की तुलना में वाराणसी में पर्यटकों की संख्या में 8 गुना वृद्धि का अनुमान लगाया है।

आईसीआईसीआई डायरेक्ट के एक सर्वेक्षण ने बताया है कि जहां 2022 में वाराणसी में 7.2 करोड़ पर्यटक आए, वहीं गोवा 85 लाख के साथ बहुत पीछे था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में भी इसका जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रभाव जीवन और आजीविका पर महसूस किया जा रहा है। वाराणसी में पर्यटकों की संख्या प्रति वर्ष 10 करोड़ से अधिक हो गई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि वाराणसी की पर्यटन-संबंधी आय में 20-65% की वृद्धि हुई है, जबकि इस क्षेत्र में रोजगार में 34.2% की वृद्धि हुई है।

सबसे ज्यादा आध्यात्मिक पर्यटन
बता दें कि केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय भारत में 60% से अधिक पर्यटन को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन श्रेणी में रखता है। मंत्रालय के आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि भारत में पूजा स्थलों के आसपास की अर्थव्यवस्थाओं में 2022 में करीब 1.3 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई, जो 2021 में 65,070 करोड़ रुपये थी। मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि जहां वाराणसी पर्यटकों की संख्या के मामले में सबसे आगे है, वहीं अयोध्या, मथुरा और उज्जैन जैसे अन्य मंदिर शहर भी पीछे नहीं हैं।

मन की बात में मोदी ने दो अमेरिकी तीर्थयात्रियों का भी जिक्र किया, जिन्होंने स्वामी विवेकानन्द के अनुभवों से प्रेरित होकर अमरनाथ यात्रा की थी। उन्होंने कहा कि वे इतने प्रेरित हुए कि स्वयं यात्रा के लिए आए। वे इसे भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद मानते हैं। यह भारत की विशेषता है कि वह सभी को स्वीकार करता है, सभी को कुछ न कुछ देता है। पीएम ने फ्रांसीसी योग चिकित्सक चार्लोट चोपिन के प्रयासों की भी सराहना की, जो 100 साल से अधिक उम्र के होने के बावजूद भारत के योग विज्ञान और इसकी ताकत का एक प्रमुख चेहरा हैं। पीएम ने उज्जैन में किए जा रहे ऐसे ही एक प्रयास की ओर देश का ध्यान आकर्षित करते हुए लोगों से अपनी विरासत को अपनाने और इसे दुनिया के सामने जिम्मेदारी से पेश करने का भी आग्रह किया।

मोदी के पहले क्या थी पर्यटकों की संख्या
जाहिर है प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी से चुनाव लड़ने तथा शहर के जीर्णोद्धार के प्रयासों के बाद यहां पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। 2014 में बीजेपी की सरकार के आने से पहले वाराणसी में पर्यटकों की संख्या जितनी थी, वह आज के 10 करोड़ के दावे से काफी पीछे है। यूपी टूरिजम विभाग की वेबसाइट पर दर्ज एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2013 में वाराणसी में 49 लाख भारतीय और 28 लाख विदेशी सैलानियों को मिलाकर कुल 52 लाख 50 हजार के आसपास सैलानी आए। साल 2014 में यह संख्या बढ़कर 54 लाख 89 हजार हो गई। साल 2015 में 57 लाख और साल 2016 में 59 लाख 47 हजार के आसपास पर्टयक बनारस घूमने आए। साल 2017 में यह संख्या 62 लाख के पार पहुंच गई।

वाराणसी में पर्यटकों की संख्या

2018 में देशी-विदेशी मिलाकर 63 लाख से ज्यादा पर्यटक वाराणसी में आए। 2019 में 67 लाख लोग वाराणसी आए लेकिन साल 2020 में कोरोना की वजह से सिर्फ 10 लाख के आसपास लोग वाराणसी पहुंचे। साल 2021 में 37 लाख के आसपास, साल 2022 में 72 लाख के आसपास टूरिस्ट वाराणसी पहुंचे। वेबसाइट पर साल 2023 का डेटा नहीं है लेकिन दावा किया जा रहा है कि 10 करोड़ के आसपास लोग एक साल में वाराणसी पहुंचे हैं।

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