होली-रंगपंचमी पर महाकाल मंदिर में रंग-गुलाल बैन: पिछले साल भस्म आरती में गुलाल उड़ाने से लगी थी आग, दोषी का अब तक पता नहीं – Ujjain News h3>
महाकाल मंदिर में पिछले साल होली पर गर्भगृह में गुलाल उड़ाने के दौरान आग भड़क गई थी।
उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में 13 मार्च को परम्परागत तरीके से होलिका दहन के बाद 14 मार्च को धुलेंडी का पर्व मनाया जाएगा। पिछले साल धुलेंडी की सुबह भस्म आरती के दौरान लगी आग के बाद अब महाकाल प्रशासन ने होली पर भक्तों के गुलाल और रंग के साथ प
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महाकाल मंदिर में क्विंटलों से रंग गुलाल ले जाने वाले भक्त, पंडे-पुजारी, कर्मचारियों को इस बार मंदिर में खाली हाथ जाना होगा। अनहोनी से बचने के लिए होली की शाम संध्या आरती में भी मंदिर समिति पुजारी को सीमित मात्रा में गुलाल उपलब्ध करवाएगी।
महाकालेश्वर मंदिर में पिछले साल धुलेंडी के दिन सुबह 5.49 बजे भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आग लगने से पुजारी समेत 14 लोग झुलस गए थे। घायलों में पुजारी सेवक और गर्भगृह निरीक्षक सहित 14 लोगों को इंदौर रेफर किया गया। आग से झुलसे सेवक सत्यनारायण सोनी (80) की 30 प्रतिशत से अधिक जलने के चलते मौत हो गई थी।
पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीएम मोहन यादव से बात कर घटना की जानकारी ली थी। इस प्रकार की घटना को रोकने के लिए जरूरी उपाय करने के निर्देश भी दिए थे।
पिछले साल भस्म आरती के बाद श्रद्धालुओं ने गर्भगृह, नंदी हॉल, गणेश मण्डपम, कार्तिकेय मण्डपम में जमकर रंग-गुलाल उड़ाया था। इसी दौरान आगजनी की घटना हुई थी।
मंदिर में जिस गुलाल से आग लगी उसे कौन लाया ये भी नहीं पता मंदिर में लगी आग के बाद अधिकारियों की टीम ने जांच रिपोर्ट तीन दिन में आने की बात कही, लेकिन करीब 15 दिन बाद आई प्राथमिक रिपोर्ट के आधार पर महाकाल मंदिर के तत्कालीन प्रशासक संदीप सोनी को हटा दिया गया। इसके बाद पिछले एक साल से जांच रिपोर्ट का इंतजार हो रहा है। लेकिन रिपोर्ट कब बनी, किसने बनाई और गलती किसकी निकली? ये सार्वजनिक किए बिना ही रिपोर्ट भोपाल भेज दी गई। शासन को भेजी गई रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। यह भी पता नहीं चला है कि प्रतिबंध के बावजूद मंदिर में इतनी बड़ी मात्रा में गुलाल लेकर कौन आया था।
पिछले साल श्री महाकालेश्वर मंदिर में धुलेंडी की सुबह भस्म आरती के दौरान ऐसा था नजारा।
आग लगने के बाद ये उपाय किए आग लगने के बाद महाकाल मंदिर में आग से बचाव के लिए बड़ौदा की विमल कंपनी ने अपनी ओर से मंदिर के गर्भगृह व गलियारे में मॉडर्न सेफ्टी सिस्टम लगाया है, जिससे गर्भगृह का तापमान 57 डिग्री से अधिक होने पर अग्निशमन यंत्र का अलार्म अपनेआप ही बजने लगेगा। फिर इसे नियंत्रित करने के उपाय किए जाएंगे।
मंदिर प्रशासक ने गाइडलाइन जारी कर होली पर सीमित मात्रा में गुलाल देने की बात कही है। होली और रंगपंचमी पर श्रद्धालुओं के रंग लाने, रंग उड़ाने पर पाबंदी लगा दी है। पंडे-पुजारी अब प्रतीकात्मक होली मनाएंगे। मंदिर प्रबंध समिति की ओर से गर्भगृह में केवल एक लीटर हर्बल रंग अर्पित किया जाएगा।