हेलो जस्टिस सिन्हा बोल रहा हूं, जब सीधे CMO को जस्टिस ने किया फोन, जानें फिर क्या हुआ | Justice Sinha Fake call to CMO Lucknow | Patrika News

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हेलो जस्टिस सिन्हा बोल रहा हूं, जब सीधे CMO को जस्टिस ने किया फोन, जानें फिर क्या हुआ | Justice Sinha Fake call to CMO Lucknow | Patrika News

हेलो जस्टिस सिन्हा बोल रहा हूं, जब सीधे CMO को जस्टिस ने किया फोन, जानें फिर क्या हुआ | Justice Sinha Fake call to CMO Lucknow | Patrika News

प्रभारी निरीक्षक वजीरगंज राज किशोर पांडे के मुताबिक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार है। मनोज कुमार के मुताबिक 15 अप्रैल की दोपहर 12:00 बजे फोन नंबर 85459 288077 के मोबाइल पर कॉल आई। कॉल में खुद को जस्टिस सिन्हा बताया गया। कहा गया कि लखनऊ शहीद पथ स्थित एशिया हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर को तत्काल बंद करने का आदेश उनके द्वारा जारी किया गया था। लिहाजा, तत्काल अस्पताल का संचालन बंद करा दें फोन पर यह भी कहा गया कि आपको व जिला अधिकारी को आदेश का मेल पर भेजा गया है। मुख्य अधिकारी ने मेल चेक किया तो कोई मेल नहीं था।

लखनऊ

Updated: April 19, 2022 11:32:09 am

लखनऊ. हेलो सीएमओ साहब मैं जस्टिस सिन्हा बोल रहा हूं। मैंने शहीद पथ स्थित एशिया हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर बंद करने का आदेश दिया था। उसे तत्काल बंद करवा दें। आदेश मेल पर आपको व डीएम साहब को भेजा गया है। जिलाधिकारी लखनऊ की मेल आईडी से जज की मेल आईडी से जारी पत्र सिएमओं साहब के मेल पर आ भी गया। मेल मिलने के बाद संदेश होने पर सीएमओ ने रजिस्ट्रार व सीनियर रजिस्टर से बात की और पड़ताल कराई। पड़ताल में ये सच्चाई सामने आई कि जज साहब ने कोई ऐसा आदेश जारी ही नहीं किया है। फर्जीवाड़े की जानकारी होने पर सीएमओ ने अधिकारी को पूरी सूचना दी इसके बाद वजीरगंज थाने में कॉल करने वाले जालसाज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।

पुलिस ने दी जानकारी प्रभारी निरीक्षक वजीरगंज राज किशोर पांडे के मुताबिक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मनोज कुमार है। मनोज कुमार के मुताबिक 15 अप्रैल की दोपहर 12:00 बजे फोन नंबर 85459 288077 के मोबाइल पर कॉल आई। कॉल में खुद को जस्टिस सिन्हा बताया गया। कहा गया कि लखनऊ शहीद पथ स्थित एशिया हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर को तत्काल बंद करने का आदेश उनके द्वारा जारी किया गया था। लिहाजा, तत्काल अस्पताल का संचालन बंद करा दें फोन पर यह भी कहा गया कि आपको व जिला अधिकारी को आदेश का मेल पर भेजा गया है। मुख्य अधिकारी ने मेल चेक किया तो कोई मेल नहीं था।

ये भी पढ़ें: हाईकोर्ट का फैसला, अब और ताकतवर हुईं मुस्लिम महिलाएं बाद में आया मेल इसके बाद जिलाधिकारी के मेल से 15 अप्रैल 12 बजे को एक मेल आया जो कि खुद जस्टिस बने जालसाज ने उनके नाम से फर्जी आईडी बनाई थी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने लखनऊ खंडपीठ के रजिस्ट्रार व सीनियर स्टॉफ से बात की तो पता चला कि ऐसा कोई भी आदेश न्यायमूर्ति द्वारा जारी नहीं किया गया था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फर्जी आदेश की जानकारी सभी अधिकारियों को दी। उनका कहना है कि जालसाज ने फर्जी आदेश सभी अधिकारियों को भेजा था।
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