हेलमेट पहनने से 69 प्रतिशत कम होता है मौत का खतरा, होते हैं कई बड़े फायदें | benefits of wearing a helmet | Patrika News

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हेलमेट पहनने से 69 प्रतिशत कम होता है मौत का खतरा, होते हैं कई बड़े फायदें | benefits of wearing a helmet | Patrika News

हेलमेट पहनने से 69 प्रतिशत कम होता है मौत का खतरा, होते हैं कई बड़े फायदें | benefits of wearing a helmet | Patrika News

-बोझ नहीं सुरक्षा नए मोटर व्हीकल एक्ट में बढ़ाया जुर्माना, फैलाई जागरुकता
-बिना हेलमेट चलाई गाड़ी, एक साल में 4219 की छिनी जिंदगी
-प्रदेश में पिछले साल सड़क हादसों में मरने वालों में 35% दोपहिया सवार

भोपाल

Updated: April 19, 2022 02:12:52 pm

भोपाल। हेलमेट सिर का बोझ नहीं, बल्कि सुरक्षा के लिए है… ये सिर्फ स्लोगन नहीं है, हादसों में जीवन बचाने का मंत्र है। दोपहिया वाहन चालकों की जान पर भारी पड़ रही है। यही कारण है कि सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या एक साल में ही 4219 हो गई। ह 2021 में दोपहिया वाहनों से हुए 21941 हादसों में 16694 वाहन चालक घायल हुए। प्रदेश में 48877 सड़क हादसे हुए, इनमें 12057 मौतें हुई। इनमें 35% यानी 4219 दोपहिया वाहन चालकों की मौत हुई, जिन्होंने हेलमेट नहीं लगाया था। वहीं 35% यानी 48956 घायल हुए थे। बता दें, 2021 में कुल सड़क हादसों में 45% फीसदी दोपहिया वाहनों से हुए हैं।

helmet

ऐसे काम करता है हेलमेट

हेलमेट का खोल इंजेक्शन मोल्डेड थर्मोप्लास्टिक या प्रेशर मोल्डेड थेर्मोस्टेट होता है। इसे ग्लास फाइबर से मजबूती दी जाती है या फाइबर ग्लास से बना होता है। निचले बल पर पत्थर या सड़क की रगड़ अथवा अन्य सख्त वस्तुएं सिर की हड्डी को तोड़ सकती हैं। हेलमेट का खोल ऐसी टक्कर में बल को बांट देता है, जिससे इन वस्तुओं का हेलमेट में घुसने का खतरा खत्म हो जाता है।

हेलमेट पहनने के फायदे

-दोपहिया चलाते समय यदि हेलमेट पहना है तो ये आंखों के लिए भी ठीक है। यह हवा, धूल-मिट्टी, कीटाणु प्रदूषण से भी आंखों की रक्षा करता है।

– गर्मी के मौसम में वाहन चलाते समय यदि हेलमेट पहना हुआ है तो सूर्य की हानिकारक यूवी किरणों से त्वचा की रक्षा होती है।

– हेलमेट पहनना ध्यान केंद्रित करने का भी काम करता है। चेहरे पर लगा हेलमेट सीधे वाहन चलाने पर ध्यान लगाने में सहायक होता है।

-हेलमेट पहनने से दुर्घटना के समय आपका सिर ही नहीं रीढ़ की हड्डी की भी सुरक्षा होती है। सर्वाइकल स्पाइन इंजरी होने का खतरा कम हो जाता है।

जबलपुर टॉप पर, इंदौर दूसरे नंबर पर

मप्र के चार महानगरों में जबलपुर में सबसे ज्यादा 3855 हादसे हुए। 3676 हादसों के साथ इंदौर दूसरे स्थान पर है। भोपाल तीसरे स्थान पर रहा, यहां 2616 हादसे हुए। चौथे स्थान पर धार है, यहां 1973 हादसों में सबसे अधिक 627 लोगों की मौत हुई। पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट के एडीजी जी जनदिन के मुताबिक हेलमेट नहीं लगाने वालों पर जुर्माने की कार्रवाई सख्त करने के साथ ही अलग से जागरुकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

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