हिंसा बड़ी पवित्र चीज, 1947 के पहले भारत नहीं था, पंजाब अलग देश… ‘खालिस्तानी’ अमृतपाल सिंह के जहरीले बोल
भारत की परिभाषा से सहमत नहीं हूं: अमृतपाल
वारिस पंजाब दे संगठन के अध्यक्ष अमृतपाल हिंसा ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा, ‘ हिंसा बड़ी पवित्र चीज होती है। 1947 के पहले कोई भारत नहीं था। इंडिया इज ए यूनियन ऑफ स्टेट्स (भारत राज्यों का एक संघ है)। मैं भारत की परिभाषा से सहमत नहीं हूं। पंजाब एक अलग तरह का भाव है। पंजाब में एक अलग तरह की ऊर्जा है। पंजाब एक अलग देश है।’ जब अमृतपाल से कहा गया कि सिखों ने भारत के लिए बहुत सारे बलिदान दिए हैं तो इस पर उसने कहा, ‘सिखों ने देश के लिए जान दी लेकिन बदले में उन्हें क्या मिला। 1984 का नरसंहार। एक राज्य के तीन टुकड़े। 1984 में एयर मार्शल अर्जुन सिंह के घर पर भीड़ पहुंच गई और मारने की कोशिश की। पुलिस ने उनके हाथ से हथियार छीन लिया था।’
वारिस पंजाब दे चीफ अमृतपाल विवादों में
वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह विवादों में है। पहले उसने मोगा में दीप सिद्धू की बरसी पर कार्यक्रम में भड़काऊ बयान दिए। इसके बाद गुरुवार को अजनाला थाने में घुसकर उसके समर्थकों ने हिंसा और बवाल काटा। वारिस पंजाब दे की स्थापना दीप सिद्धू ने की थी, जिस पर लाल किला हिंसा में भी आरोप लगे थे। दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में मौत के बाद अमृतपाल वारिस पंजाब दे का कर्ता-धर्ता बना था। सितंबर 2022 में वह खालिस्तान के लिए हिंसक आंदोलन चला चुके जरनैल सिंह भिंडरावाले के मोगा स्थित गांव रोडे गया था। जून 1984 में भारतीय सेना की कार्रवाई में ऑपरेशन ब्लू स्टार के दौरान भिंडरावाले और सैकड़ों खालिस्तानी आतंकी मारे गए थे। 1993 में अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव में पैदा हुआ अमृतपाल कई साल तक दुबई में भी रहा। यहां से लौटने के बाद वह कुछ अरसे से खालिस्तान के समर्थन में भड़काऊ बयानबाजी कर रहा है।
शाह को धमकी देने वाले ‘खालिस्तानी’ अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने थाने पर किया कब्जा
अमित शाह को भी अमृतपाल ने दी थी धमकी
दीप सिद्धू की बरसी पर मोगा के बुधसिंहवाला गांव में एक कार्यक्रम के दौरान उसने कहा था कि पंजाब का बच्चा-बच्चा खालिस्तान की बात करता है। चाहे अमित शाह हों, चाहे नरेंद्र मोदी चाहे भगवंत मान, इससे हमें कोई पीछे नहीं हटा सकता है। यह धरती हमारी है और इस पर हमने राज किया है। सारी दुनिया की फौज भी आ जाए तो हम अपना दावा नहीं छोड़ेंगे। अमृतपाल ने इस दौरान चुनौती देते हुए कहा था कि जिसे जो भी करना है कर ले लेकिन हमें हमारा अधिकार लौटा दे। गुरुवार को अमृतपाल और उसके समर्थकों ने अमृतसर के अजनाला थाने पर कब्जा कर लिया था। अमृतपाल के करीबी लवप्रीत तूफानी को पुलिस ने मारपीट और किडनैपिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद अमृतपाल ने गुरुवार सुबह 11 बजे विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया था। अमृतपाल के समर्थकों ने अजनाला थाने पर कब्जा करने के साथ ही पुलिस पर हमला बोला था। बाद में पुलिस ने बयान दिया कि अमृतपाल के करीबी लवप्रीत को शुक्रवार को रिहा कर दिया जाएगा। लवप्रीत और अमृतपाल समेत 30 लोगों पर एक शख्स से मारपीट के आरोप में केस दर्ज हुआ था।