हादसाः मुजफ्फरपुर में लपटों में घिरा होटल, दम घोंटू धुएं के बीच 45 मिनट तक फंसी रहीं 47 जिंदगियां h3>
बिहार के मुजफ्फरपुर में इमलीचट्टी स्थित रेडिमेड गारमेंट्स की दुकान में आग लगने से ठीक उपर स्थित संस्कार होटल आग की लपटों और घने धुएं में घिर गया। सोमवार की रात करीब नौ बजे यह घटना हुई। अफरातफरी में होटल में ठहरे तीन लोगों ने खिड़की से कूदकर जान बचाई, जबकि 11 लोगों को बगल की छत के सहारे निकाला गया।
पांच मंजिले मकान के नीचे कपड़ा दुकान व उपर के तल्लों पर होटल चलता है। पहले कपड़े की दुकान में शॉर्ट सर्किट से आग लगी। उस समय दुकान बंद थी। जब तक लोगों को पता चलता तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। सीढ़ी से निकलने का रास्ता भी नहीं दिखाई दे रहा था। हादसे में जख्मी दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में ब्रजेश कुमार (पटना), धीरज कुमार (पटना), गुलरेज (पटना) और मनीष कुमार (करनाल) शामिल हैं। इनमें धीरज का पैर फ्रैक्चर हो गया है। होटल के 26 कमरों में 47 लोग ठहरे हुए थे।
आग से लाखों की संपत्ति जलकर हुई राख
अगलगी में कपड़ा दुकान में रखी लाखों की संपत्ति जल कर राख हो गई। स्थानीय निवासी नथुनी साह ने बताया कि तीन दिन पहले ही दुर्गापूजा को लेकर कपड़ा दुकानदार ओझा जी कोलकाता से करीब 8 लाख का सामान लेकर आये थे।
दहशत का रहा माहौल
मंगलवार की रात इमलीचट्टी स्थित होटल संस्कार में फैले धुएं के बीच जान बचाने के लिए 47 लोग 45 मिनट तक जद्दोजहद करते रहे। भयावह स्थिति के बीच कोई रास्ता नहीं देख चार लोग होटल की छत से कूद गए। इसके बाद मौके पर पहुंचे दमकल दस्ते ने 11 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। पटना के गुलरेज ने बताया कि वे सुबह में होटल पहुंचे थे। रात में अचानक कमरे में धुंआ आने लगा। कुछ दिख नहीं रहा था। उतरने के क्रम में सीढ़ी से गिरने से सिर फट गया। लहूलुहान होने के बावजूद किसी तरह भाग कर बाहर निकले। इस दौरान कई लोग छतों के सहारे नीचे उतर गए। होटल में फंसे लोग पहले किसी तरह छत पर पहुंचे। फिर उससे सटे विशाल मेगा मार्ट की छत के सहारे बाहर निकले।
यह भी पढ़ें- इंडोनेशिया में बिहार का जलवाः जी-20 सम्मेलन में राष्ट्राध्यक्षों को दी जाएगी मुजफ्फरपुर की लहठी
कपड़ा दुकान बोलबम रेडिमेड गारमेंट्स में लगी आग पड़ोस की दवा दुकान तक पहुंच गई। आग लगने के बाद बगल में स्थित विशाल मेगा मार्ट के कर्मियों की चिंता बढ़ गई, क्योंकि दो साल पहले इसी मार्ट में लगी आग चार दिन तक सुलगते रही थी। खतरनाक हालात को देखे संस्कार होटल से सटे कई घरों को खाली करके लोग बाहर निकल गए।
हरियाणा के करनाल निवासी मनीष कुमार होटल के कमरा नंबर 203 में ठहरे थे। वे नेटवर्किंग मार्केटिंग से जुड़े हैं। उनसे मिलने के लिए कांटी, बैरिया व सिकंदरपुर के लोग पहुंचे थे। अचानक वेटर ने जल्दी बाहर निकलने को कहा। बाहर चारों तरफ धुंआ था। दम घुटने लगा। होटल की छत से विशाल मेगा मार्ट की छत पर कूदे। इसमें पैर में चोट लगी।
पूजा कर निकला, रास्ते में मिली आग की खबर
जेल चौक निवासी बोलबम गारमेंट्स के मालिक राम विनोद झा ने बताया कि जब से होटल की बिल्डिंग बनी है, तब से वह दुकान चला रहे थे। उन्हें इस होटल में दुकान खोले 20 वर्ष हो गए। इस अगलगी में 60 लाख से अधिक का माल जल गया। बताया कि करीब साढ़े आठ बजे रात में उनके दोनों स्टाफ चले गए थे। वे दुकान की पूजा करने के बाद करीब पौने नौ बजे घर के लिए निकले थे। रास्ते में ही उन्हें फोन आया कि उनकी दुकान में आग लग गई है। उन्होंने दुकान का इंश्योरेंस भी नहीं करा रखा था।
लगा कि अब कोई नहीं बचेगा
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एकबारगी लगा कि आग की लपटों व धुएं के बीच होटल में फंसे लोगों का बचना मुश्किल है। कई लोग खिड़की खोल कर सांस लेने के साथ ही बचाने के लिए मदद की गुहार लगा रहे थे। विशाल मेगा मार्ट की छत से रस्सी के सहारे कई लोगों को निकाला गया। पीछे के रास्ते की जानकारी नहीं होने के कारण लोग फंस गए।
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बिहार के मुजफ्फरपुर में इमलीचट्टी स्थित रेडिमेड गारमेंट्स की दुकान में आग लगने से ठीक उपर स्थित संस्कार होटल आग की लपटों और घने धुएं में घिर गया। सोमवार की रात करीब नौ बजे यह घटना हुई। अफरातफरी में होटल में ठहरे तीन लोगों ने खिड़की से कूदकर जान बचाई, जबकि 11 लोगों को बगल की छत के सहारे निकाला गया।
पांच मंजिले मकान के नीचे कपड़ा दुकान व उपर के तल्लों पर होटल चलता है। पहले कपड़े की दुकान में शॉर्ट सर्किट से आग लगी। उस समय दुकान बंद थी। जब तक लोगों को पता चलता तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। सीढ़ी से निकलने का रास्ता भी नहीं दिखाई दे रहा था। हादसे में जख्मी दो को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में ब्रजेश कुमार (पटना), धीरज कुमार (पटना), गुलरेज (पटना) और मनीष कुमार (करनाल) शामिल हैं। इनमें धीरज का पैर फ्रैक्चर हो गया है। होटल के 26 कमरों में 47 लोग ठहरे हुए थे।
आग से लाखों की संपत्ति जलकर हुई राख
अगलगी में कपड़ा दुकान में रखी लाखों की संपत्ति जल कर राख हो गई। स्थानीय निवासी नथुनी साह ने बताया कि तीन दिन पहले ही दुर्गापूजा को लेकर कपड़ा दुकानदार ओझा जी कोलकाता से करीब 8 लाख का सामान लेकर आये थे।
दहशत का रहा माहौल
मंगलवार की रात इमलीचट्टी स्थित होटल संस्कार में फैले धुएं के बीच जान बचाने के लिए 47 लोग 45 मिनट तक जद्दोजहद करते रहे। भयावह स्थिति के बीच कोई रास्ता नहीं देख चार लोग होटल की छत से कूद गए। इसके बाद मौके पर पहुंचे दमकल दस्ते ने 11 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। पटना के गुलरेज ने बताया कि वे सुबह में होटल पहुंचे थे। रात में अचानक कमरे में धुंआ आने लगा। कुछ दिख नहीं रहा था। उतरने के क्रम में सीढ़ी से गिरने से सिर फट गया। लहूलुहान होने के बावजूद किसी तरह भाग कर बाहर निकले। इस दौरान कई लोग छतों के सहारे नीचे उतर गए। होटल में फंसे लोग पहले किसी तरह छत पर पहुंचे। फिर उससे सटे विशाल मेगा मार्ट की छत के सहारे बाहर निकले।
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कपड़ा दुकान बोलबम रेडिमेड गारमेंट्स में लगी आग पड़ोस की दवा दुकान तक पहुंच गई। आग लगने के बाद बगल में स्थित विशाल मेगा मार्ट के कर्मियों की चिंता बढ़ गई, क्योंकि दो साल पहले इसी मार्ट में लगी आग चार दिन तक सुलगते रही थी। खतरनाक हालात को देखे संस्कार होटल से सटे कई घरों को खाली करके लोग बाहर निकल गए।
हरियाणा के करनाल निवासी मनीष कुमार होटल के कमरा नंबर 203 में ठहरे थे। वे नेटवर्किंग मार्केटिंग से जुड़े हैं। उनसे मिलने के लिए कांटी, बैरिया व सिकंदरपुर के लोग पहुंचे थे। अचानक वेटर ने जल्दी बाहर निकलने को कहा। बाहर चारों तरफ धुंआ था। दम घुटने लगा। होटल की छत से विशाल मेगा मार्ट की छत पर कूदे। इसमें पैर में चोट लगी।
पूजा कर निकला, रास्ते में मिली आग की खबर
जेल चौक निवासी बोलबम गारमेंट्स के मालिक राम विनोद झा ने बताया कि जब से होटल की बिल्डिंग बनी है, तब से वह दुकान चला रहे थे। उन्हें इस होटल में दुकान खोले 20 वर्ष हो गए। इस अगलगी में 60 लाख से अधिक का माल जल गया। बताया कि करीब साढ़े आठ बजे रात में उनके दोनों स्टाफ चले गए थे। वे दुकान की पूजा करने के बाद करीब पौने नौ बजे घर के लिए निकले थे। रास्ते में ही उन्हें फोन आया कि उनकी दुकान में आग लग गई है। उन्होंने दुकान का इंश्योरेंस भी नहीं करा रखा था।
लगा कि अब कोई नहीं बचेगा
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एकबारगी लगा कि आग की लपटों व धुएं के बीच होटल में फंसे लोगों का बचना मुश्किल है। कई लोग खिड़की खोल कर सांस लेने के साथ ही बचाने के लिए मदद की गुहार लगा रहे थे। विशाल मेगा मार्ट की छत से रस्सी के सहारे कई लोगों को निकाला गया। पीछे के रास्ते की जानकारी नहीं होने के कारण लोग फंस गए।