हाउसिंग बोर्ड की प्रॉपर्टीज में अब कोई नहीं कर सकेगा फ्रॉड, एक ​क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी | mp housing board properties is now online | News 4 Social

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हाउसिंग बोर्ड की प्रॉपर्टीज में अब कोई नहीं कर सकेगा फ्रॉड, एक ​क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी | mp housing board properties is now online | News 4 Social

हाउसिंग बोर्ड की प्रॉपर्टीज में अब कोई नहीं कर सकेगा फ्रॉड, एक ​क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी | mp housing board properties is now online | News 4 Social


मध्यप्रदेश हाउसिंग बोर्ड ने प्रदेश भर में 152 प्रोजेक्ट की जानकारी अब ऑनलाइन कर दी है। इसके लिए 50 लाख दस्तावेज स्कैन किए, इससे 40 साल पुराने पेपर भी एक क्लिक पर देख सकेंगे। एमरॉल्ड पार्क सिटी भोपाल में हाउसिंग बोर्ड की जीआईएस मैपिंग वाली पहली कॉलोनी बन गई है। मैपिंग और सभी जानकारी व डॉक्यूमेंट ऑनलाइन करने का काम मंडल एमपीएसईडीसी विभाग के साथ मिल कर रहा है। हाउसिंग बोर्ड अपने ऑफिस से ही देख सकेगा कि प्रॉपर्टी रेजिडेंशियल है या कॉमर्शियल। इसमें संपत्ति आसानी से सर्च भी की जा सकेगी। आम आदमी भी आसानी से अपनी प्रॉपर्टी सर्च कर सकेगा।

ये है जीआईएस मैपिंग

– जीआईएस मैपिंग एक प्रकार का डेटा विज़ुअलाइज़ेशन होता है जो भूगोलीय सूचना को नक्शे पर प्रदर्शित करता है। यह सैकड़ों डेटा प्रकारों को शामिल कर सकता है, जैसे कि स्थान, प्राकृतिक संसाधन, सांख्यिकीय आंकड़े, और कई अन्य। जीआईएस मैपिंग का उपयोग नेविगेशन, भूगोलीय विश्लेषण, और निर्माण क्षेत्र में बहुतायत किया जाता है।

ऐसे सर्च होगी संपत्ति
– जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम मैपिंग के बाद इन प्रोजेक्ट की पूरी जानकारियां ऑनलाइन हो गई हैं। जिओ पोर्टल डॉट एमपी डॉट जीओवी डॉट इन पर जाकर कोई भी इन प्रॉपर्टी को लेकर सर्च करेगा तो जानकारी मिल जाएगी।

यह होगा लाभ

– इसका सबसे बड़ा लाभ इन प्रॉपर्टी से जुड़े फ्रॉड को रोकने के रूप में होगा। बोर्ड की संपत्तियों को कोई भी अपने स्तर पर खरीद विक्रय नहीं कर पाएगा। अतिक्रमण और कब्जे से जुड़ी डिटेल भी सामने आ जाएगी। आवंटी पोर्टल पर जाकर अपनी प्रॉपर्टी सर्च करके अपनी सभी डिटेल और डॉक्यूमेंट देख सकेगा संपत्ति किसके नाम से है, कितना बकाया है, एरिया कितना है, कब खरीदा, रेजिडेंशियल है या कॉमर्शियल। कोई विवाद होगा तो भी पता चलेगा।

बोर्ड को भी जीआईएस से ऐसे होगा लाभ

– आवासीय प्रॉपर्टी में व्यवसायिक एक्टिविटी का तो इस मैपिंग के जरिए पता चल जाएगा कि उस प्रॉपर्टी की परमिशन कैसी है। अगर किसी ने मंडल की जमीन पर अतिक्रमण किया है तो वो भी इस सिस्टम से पता चल जाएगा। इससे संपत्ति की लाइव मॉनिटरिंग की स्थिति भी बनेगी।

50 लाख दस्तावेज किये स्कैन, 40 साल पुराने पेपर भी देख पाएंगे
– हाउसिंग बोर्ड ने डिजिटाइजेशन के तहत सभी आवंटी के डॉक्यूमेंट, पेमेंट रसीद, बिल, आवंटी की जानकारी ऑनलाइन कर रहा है। 40 साल पुराना पेपर भी आवंटी ऑनलाइन देख सकेगा। इसके तहत अभी तक 50 लाख डॉक्यूमेंट बोर्ड ने स्कैन कर लिए हैं। 12 लाख पेपर अपलोड कर दिए गए हैं।

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बोर्ड 50 लाख डॉक्यूमेंट स्कैन कर चुका है। पूरे डाटा को क्लाउड पर लेकर जा रहे हैं। अब हम जीआईएस मैपिंग पर काम कर रहे हैं, इससे आवंटी को एक क्लिक में सभी जानकारी घर बैठे मिल सकेगी।
– बिदिशा मुखर्जी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, हाउसिंग बोर्ड

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