हाईवे पर ट्रकों से रेस लगाता है गुना का ‘मिल्खा’: 41km की रफ्तार से दौड़ते हैं गोपी; पासपोर्ट नहीं था तो विदेश नहीं जा पाए थे – Guna News

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हाईवे पर ट्रकों से रेस लगाता है गुना का ‘मिल्खा’:  41km की रफ्तार से दौड़ते हैं गोपी; पासपोर्ट नहीं था तो विदेश नहीं जा पाए थे – Guna News

हाईवे पर ट्रकों से रेस लगाता है गुना का ‘मिल्खा’: 41km की रफ्तार से दौड़ते हैं गोपी; पासपोर्ट नहीं था तो विदेश नहीं जा पाए थे – Guna News

गुना के एक युवक की दौड़ने के प्रति इस कदर दीवानगी है कि वह ट्रकों से रेस लगाता है। बचपन से शुरू हुए उसके इस शौक ने अब उसे सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर बना दिया है। सोशल मीडिया पर उसके लाखों फॉलोअर हैं। उसे यू-ट्यूब ने गोल्डन बटन दिया है। लोग इन्हें गुना क

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मुरैना निवासी गोपी के पिता जगदीश प्रसाद गौड़ पुलिस विभाग से एक साल पहले गुना से रिटायर हुए। बेटे गोपी की शुरुआती पढ़ाई शारदा विद्या निकेतन स्कूल से हुई। गोपी ने बताया कि जब वह कक्षा 5 में थे, तभी स्कूल में एक दौड़ प्रतियोगिता हुई। टीचर्स ने उनसे भी भाग लेने को कहा। जब वह उस रेस में शामिल हुए, तो उन्होंने कक्षा 8 तक के बच्चों को हरा दिया।

इसी जीत के साथ उनकी दौड़ने में दिलचस्पी जागी। इसके बाद वह कई प्रतियोगिताओं में शामिल हुए। स्टेट से लेकर नेशनल लेवल तक की रनिंग चैंपियनशिप में उन्होंने भाग लिया और मेडल जीते। चार साल पहले जमैका में होने वाली प्रतियोगिता में भी उनका चयन हुआ, लेकिन पासपोर्ट न होने के कारण वह उसमें शामिल नहीं हो सके। गोपी को इसका दुख आज भी है।

गोपी को मिल रही प्रसिद्धि से कई लोग जलने भी लगे और उन्होंने उसके छोटे भाई पर हमला कर दिया था। दैनिक NEWS4SOCIALने गोपी गौड़ से चर्चा की तो उन्होंने अभी तक के सफर को सिलसिलेवार बताया। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

गुना के मिल्खा सिह यानी गोपी गौड़ ट्रकों के साथ रेस लगाते हैं।

ट्रकों के साथ रेस लगाते हुए वीडियो पोस्ट किया गोपी ने बताया कि वह देखते थे कि सोशल मीडिया से काफी लोग अच्छा खासा पैसा कमा रहे हैं। ऐसे में मन में भी आया कि क्यों न हम भी ऐसा कुछ करें। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाया और वीडियो डालने लगे। हालांकि, शुरुआत में उन्हें ज्यादा रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था।

उन्होंने इंटरनेट पर सर्चिंग की। दौड़ने वाले लोगों के वीडियोज देखे। कुछ वीडियो उन्हें मिले, जिनमें अलग तरीके से दौड़कर लोगों को काफी व्यूज मिल रहे थे। यहां से उन्होंने भी सोचा कि कोई अलग तरीका निकाला जाए। उनके मन में आया कि ट्रकों के साथ दौड़ते हैं और उन्होंने अपना एक वीडियो ट्रकों से रेस लगाते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। ये वीडियो वायरल हो गया।

गोपी ने बताया कि ट्रकों के साथ रेस लगाने से विजिबिलिटी ज्यादा रहती है। क्योंकि, कुछ ट्रक काफी लंबे होते हैं, ऐस में उनके साथ रेस लगाते हुए वीडियो अच्छे बन जाते हैं। इसके बाद ट्रकों के साथ रेस लगाना शुरू किया। वह हाईवे पर जाते हैं और ट्रकों के साथ रेस लगाते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं। उन्होंने बताया कि उनकी अधिकतम स्पीड 41 किलोमीटर प्रति घंटा हो चुकी है।

व्यूज नहीं मिल रहे थे, अकाउंट बंद करने का सोचा गोपी गौड़ ने बताया कि शुरुआत में उन्हें ज्यादा व्यूज नहीं मिल रहे थे। ऐसे में एक समय ऐसा आया, जब उन्होंने सोच लिया कि अकाउंट बंद कर दें। उन्होंने यूट्यूब पर एक वीडियो डाला और छोड़ दिया। छह दिन बाद जब उन्होंने देखा तो उनके होश का ठिकाना नहीं रहा। उनके यूट्यूब पर एक मिलियन व्यूज हो गए थे। यह वीडियो ट्रक के साथ रेस लगाने का था। बस इसी के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

सिल्वर बटन मिला, गोल्डन बटन की उम्मीद नहीं थी गोपी ने बताया कि कभी सपने में नहीं सोचा था कि लोगों का इतना प्यार मिलेगा। शुरुआत में कुछ ही लाइक्स मिलते थे। धीरे धीरे यह संख्या बढ़ने लगी। देशभर के लोगों का प्यार मिला और लाइक्स कई मिलियन तक पहुंच गए। जब सिल्वर बटन मिला तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इसके कुछ दिन बाद गोल्डन बटन आया तो ऐसा लगा जैसे कोई बहुत बड़ा सपना पूरा हो गया है।

यूट्यूब पर दस लाख सब्सक्राइबर होने पर गोपी को गोल्डन बटन दिया गया।

पासपोर्ट नहीं बना था इसलिए नहीं जा पाए जमैका गाेपी का कहना है कि मुझे तो जमैका जाने का मौका मिल गया था, लेकिन पासपोर्ट और देरी से सूचना मिलने के कारण नहीं जा पाया। हमारे देश में ऐसी कई प्रतिभाएं हैं, जो बहुत अच्छा करती हैं। सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए, ताकि वह विदेशों की प्रतियोगिताओं में भाग लेकर देश का नाम रोशन कर सकें। मदद मिलती है तो देश में बहुत सारे ‘गोपी’ निकलकर सामने आ जाएंगे।

गोपी 41 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ लगाते हैं।

प्रसिद्धि मिली तो दोस्त ही जलने लगे, जबरन केस बनाए गोपी ने बताया कि जैस-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, आपसे जलने वालों की संख्या भी बढ़ने लगती है। शुरुआत में कुछ दोस्त जो दिन भर साथ रहते थे। साथ उठते बैठते थे, अब उन्हीं में से कुछ दोस्त मन ही मन जलने लगे हैं। कुछ दूसरे लोग भी हैं, जो जलन रखते हैं।

कुछ दिन पहले ही छोटे भाई से कुछ लोगों ने मारपीट की। उससे भी कहा कि भाई को समझा दो कि ये सोशल मीडिया वगैरह छोड़ दे। कुछ केसों में तो जानबूझकर मेरा नाम लिखा दिया गया, ताकि मैं आग न बढ़ पाऊं। घटना 20 जनवरी की है। गोपी के बड़े भाई राज गौड़ अपने एक दोस्त के साथ हनुमान चौराहे से अपने घर दलवी कॉलोनी लौट रहे थे।

तभी पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने गायत्री मंदिर के पास उनकी बाइक को टक्कर मारी। इससे वह सड़क पर गिर गए। इसके बाद उन पर लाठियों, डंडों से हमला कर दिया। हमला करने का आरोप मंजीत रघुवंशी (जिलाबदर), बग्गा, दिलीप, अन्नू, बाबा सहित 7-8 लोगों पर लगा था। हमले में राज के सिर में गंभीर चोटें आईं थी।

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