हाईटेक-आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस होगी यूपी पुलिस, लॉ एंड आर्डर कंट्रोल के लिए 75 जिलों में बनेंगी हाईटेक क्यूआरटी | UP Police will be equipped with Hi-Tech-Artificial Intelligence | Patrika News h3>
इंटीग्रेटेड लॉ एंड आर्डर कमांड सेंटर स्थापित होगा पुलिस मुख्यालय व गृह विभाग में इंटीग्रेटेड लॉ एंड आर्डर कमांड सेंटर स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। यह कमांड सेंटर आधुनिक तकनीक से लैस होगा। इसमें पुलिस मुख्यालय का कंट्रोल रूम, सोशल मीडिया सेल, 112 यूपी व गृह विभाग का कंट्रोल रूम जुड़ा रहेगा। वरिष्ठ स्तर के अधिकारी की निगरानी में यह संचालित होगा। इस कंट्रोल रूम को अगले छह माह के अंदर डीजीपी मुख्यालय में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
कमांड सेंटर आधुनिक तकनीक से लैस होगा यूपी की कानून व्यवस्था किसी भी सरकार के लिए हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है। योगी सरकार ने दूसरे कार्यकाल में इस नजीर को और बड़ा करने की ठानी है। इसके तहत पुलिस मुख्यालय व गृह विभाग में इंटीग्रेटेड लॉ एंड आर्डर कमांड सेंटर स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। यह कमांड सेंटर आधुनिक तकनीक से लैस होगा। इसमें पुलिस मुख्यालय का कंट्रोल रूम, सोशल मीडिया सेल, 112 यूपी व गृह विभाग का कंट्रोल रूम जुड़ा रहेगा। वरिष्ठ स्तर के अधिकारी की निगरानी में यह संचालित होगा। इस कंट्रोल रूम को अगले छह माह के अंदर डीजीपी मुख्यालय में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
10 जिलों में हाईटेक लॉ एंड आर्डर क्यूआरटी बनेंगी अगले छह माह के अंदर कानून व्यवस्था के हिसाब से 10 महत्वपूर्ण जिलों में हाईटेक लॉ एंड आर्डर क्यूआरटी टीम बनाई जाएंगी जो सिर्फ कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों के लिए होंगी।
दंगा निरोधी अस्त्र-शस्त्र से होंगी लैस जिलों को वहां की जनसंख्या, क्षेत्रफल, पूर्व में कानून व्यवस्था के लिहाज से हुई घटनाओं के आधार पर ए, बी और सी श्रेणी में बांटा जाएगा और उसके आधार पर ही क्यूआरटी टीमें बनाई जाएंगी। इन्हें दो पहिया, चार पहिया वाहनों, दंगा निरोधी अस्त्र-शस्त्र से लैस किया जाएगा। अगले पांच वर्ष में सभी जिलों में हाईटेक क्यूआरटी स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इनके लिए अलग से वाहन भी लिए जाएंगे। ये टीमें डीजीपी मुख्यालय में बने इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से जुड़ी रहेंगी।
आईआईटी की मदद से तैयार होगा डेटा एनालिसिस टूल इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर के लिए आईआईटी की मदद से डेटा एनालिसिस टूल तैयार किया जाएगा। अपराध व घटनाओं के विश्लेषण, निवारण और घटना के पूर्वानुमान के लिए एआई टूल्स का इस्तेमाल किया जाएगा।
चेहरे के भाव से होगी पहचान इस तरह के साफ्टवेयर का इस्तेमाल करने की तैयारी है जहां चेहरे के भाव पढ़कर व्यक्ति के एक्शन की जानकारी मिल जाएगी और किसी वारदात को रोका जा सकेगा। सभी प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों जैसे लोकभवन, विधान भवन, सचिवालय और सुरक्षा व जांच एजेंसियों से जुड़े मुख्यालय में इस तरह के टूल्स इस्तेमाल होंगे। इसके साथ ही सीसीटीवी में विडियो एनालिटिक व मैनेजमेंट तकनीक का शामिल किया जाएगा।
अपराध शाखा में विलय होगी एससीआरबी आने वाले 100 दिनों के अंदर स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को डीजीपी मुख्यालय स्थित अपराध शाखा में विलय करने की तैयारी है। वर्तमान में एडीजी तकनीकी सेवाएं के अंतर्गत आता है।
इंटीग्रेटेड लॉ एंड आर्डर कमांड सेंटर स्थापित होगा पुलिस मुख्यालय व गृह विभाग में इंटीग्रेटेड लॉ एंड आर्डर कमांड सेंटर स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। यह कमांड सेंटर आधुनिक तकनीक से लैस होगा। इसमें पुलिस मुख्यालय का कंट्रोल रूम, सोशल मीडिया सेल, 112 यूपी व गृह विभाग का कंट्रोल रूम जुड़ा रहेगा। वरिष्ठ स्तर के अधिकारी की निगरानी में यह संचालित होगा। इस कंट्रोल रूम को अगले छह माह के अंदर डीजीपी मुख्यालय में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
कमांड सेंटर आधुनिक तकनीक से लैस होगा यूपी की कानून व्यवस्था किसी भी सरकार के लिए हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है। योगी सरकार ने दूसरे कार्यकाल में इस नजीर को और बड़ा करने की ठानी है। इसके तहत पुलिस मुख्यालय व गृह विभाग में इंटीग्रेटेड लॉ एंड आर्डर कमांड सेंटर स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार की जाएगी। यह कमांड सेंटर आधुनिक तकनीक से लैस होगा। इसमें पुलिस मुख्यालय का कंट्रोल रूम, सोशल मीडिया सेल, 112 यूपी व गृह विभाग का कंट्रोल रूम जुड़ा रहेगा। वरिष्ठ स्तर के अधिकारी की निगरानी में यह संचालित होगा। इस कंट्रोल रूम को अगले छह माह के अंदर डीजीपी मुख्यालय में स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
10 जिलों में हाईटेक लॉ एंड आर्डर क्यूआरटी बनेंगी अगले छह माह के अंदर कानून व्यवस्था के हिसाब से 10 महत्वपूर्ण जिलों में हाईटेक लॉ एंड आर्डर क्यूआरटी टीम बनाई जाएंगी जो सिर्फ कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों के लिए होंगी।
दंगा निरोधी अस्त्र-शस्त्र से होंगी लैस जिलों को वहां की जनसंख्या, क्षेत्रफल, पूर्व में कानून व्यवस्था के लिहाज से हुई घटनाओं के आधार पर ए, बी और सी श्रेणी में बांटा जाएगा और उसके आधार पर ही क्यूआरटी टीमें बनाई जाएंगी। इन्हें दो पहिया, चार पहिया वाहनों, दंगा निरोधी अस्त्र-शस्त्र से लैस किया जाएगा। अगले पांच वर्ष में सभी जिलों में हाईटेक क्यूआरटी स्थापित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इनके लिए अलग से वाहन भी लिए जाएंगे। ये टीमें डीजीपी मुख्यालय में बने इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से जुड़ी रहेंगी।
आईआईटी की मदद से तैयार होगा डेटा एनालिसिस टूल इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर के लिए आईआईटी की मदद से डेटा एनालिसिस टूल तैयार किया जाएगा। अपराध व घटनाओं के विश्लेषण, निवारण और घटना के पूर्वानुमान के लिए एआई टूल्स का इस्तेमाल किया जाएगा।
चेहरे के भाव से होगी पहचान इस तरह के साफ्टवेयर का इस्तेमाल करने की तैयारी है जहां चेहरे के भाव पढ़कर व्यक्ति के एक्शन की जानकारी मिल जाएगी और किसी वारदात को रोका जा सकेगा। सभी प्रमुख सरकारी प्रतिष्ठानों जैसे लोकभवन, विधान भवन, सचिवालय और सुरक्षा व जांच एजेंसियों से जुड़े मुख्यालय में इस तरह के टूल्स इस्तेमाल होंगे। इसके साथ ही सीसीटीवी में विडियो एनालिटिक व मैनेजमेंट तकनीक का शामिल किया जाएगा।
अपराध शाखा में विलय होगी एससीआरबी आने वाले 100 दिनों के अंदर स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो को डीजीपी मुख्यालय स्थित अपराध शाखा में विलय करने की तैयारी है। वर्तमान में एडीजी तकनीकी सेवाएं के अंतर्गत आता है।