हाईकोर्ट ने बीएचयू के खिलाफ याचिका खारिज की: प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति के लिए गठित चयन समिति की वैधता को चुनौती देने का मामला – Prayagraj (Allahabad) News

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हाईकोर्ट ने बीएचयू के खिलाफ याचिका खारिज की:  प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति के लिए गठित चयन समिति की वैधता को चुनौती देने का मामला – Prayagraj (Allahabad) News

हाईकोर्ट ने बीएचयू के खिलाफ याचिका खारिज की: प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति के लिए गठित चयन समिति की वैधता को चुनौती देने का मामला – Prayagraj (Allahabad) News

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के नृत्य विभाग में प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति के लिए गठित चयन समिति की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति को चयन समिति के गठन का अधिकार है और उनके निर्

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याची की नियुक्ति बीएचयू के नृत्य विभाग में वर्ष 2015 में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर लेबल 13 ए पर हुई थी। विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने एक सितंबर 2023 को प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति के लिए अधिसूचना जारी की। करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत याची ने लेवल 14 पर प्रोन्नति के लिए आवेदन किया। चार जनवरी 2024 को प्रोन्नति के लिए गठित चयन समिति की बैठक हुई, जिसमें याची साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुई।

याची ने चयन समिति के निर्णय को यह कहते हुए चुनौती दी की विश्वविद्यालय में वर्तमान में विधिवत रूप से गठित कार्य परिषद नहीं है और कुलपति को चयन समिति के गठन का अधिकार नहीं है। यह अधिकार विश्वविद्यालय की कार्य परिषद को है। याची का कहना था कि कुलपति द्वारा गठित चयन समिति में कथक नृत्य का कोई विशेषज्ञ शामिल नहीं था। यह भी कहा गया कि चयन समिति में शामिल किए गए तीन विशेषज्ञों के नाम की सूची नृत्य विभाग की अध्यक्ष डॉ विधि नागर ने कुलपति को भेजी थी। डॉ नागर स्वयं प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति के लिए अभ्यर्थी हैं इसलिए चयन समिति का गठन दूषित है।

याचिका का विरोध करते हुए बीएचयू के अधिवक्ता अमित सिन्हा का कहना था कि विश्वविद्यालय के परिनियमों के अनुसार के अनुसार कुलपति को चयन समिति के गठन का अधिकार है। कुलपति ने चयन समिति का गठन शिक्षा मंत्रालय के 6 जनवरी 2023 के निर्देश पर किया है। कुलपति को आपात स्थिति में तत्काल कार्रवाई करने और अपने विवेक के अनुसार उचित निर्णय लेने का अधिकार है। याची की नियुक्ति नृत्य विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर पद पर की गई है न कि कथक नृत्य के विशेषज्ञ के तौर पर। सभी नाट्य विधाओं के पाठ्यक्रम समान हैं। चयन समिति में विशेषज्ञों का चयन कुलपति द्वारा स्वयं उन्हें भेजी गई 20 विशेषज्ञों की सूची से किया गया है। कोर्ट ने कहा कि चयन समिति के गठन में कोई अवैधानिकता नहीं है। इस आधार पर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

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