हाइवे की फेंसिंग लगाने में भ्रष्टाचार, सड़क पर पहुंच रहे मवेशी | Corruption in fencing the highway, cattle reaching the road | Patrika News h3>
जबलपुर . रीवा से नागपुर हाइवे के शहरी क्षेत्र में महाराजपुर से लेकर तिलवाराघाट तक फैंसिंग लगाई गई है। फैंसिग के साथ ही यहां किनारों से लेकर डिवाइडर तक पौधरोपण किया है ताकि मवेशियों का अवरोध थमे और साथ ही हरियाली बनी रहे लेकिन एनएचएआई के लिए सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है। इस फैंसिंग को जगह-जगह से खुला छोड़ दिया गया है, जो सडक़ पर दौडऩे वाले वाहनों के लिए खतरनाक हो गया है। एक्सपोज ने खजरी खिरिया से लेकर पाटन बायपास तक फैंसिंग का स्कैन किया तो यह सामने आया कि बांई ओर आठ जगहों से खुला रास्ता था, जहां से मवेशियों सहित लोगों का आना-जाना हो रहा है।
खजरी खिरिया से सौ मीटर खजरी खिरिया से सौ मीटर पर नाले के पुल के पास फैंसिंग में चार फीट का हिस्सा खुला हुआ था। सर्विस रोड पर चार पहिया वाहन खड़ा था, जिसमें लोग इस मार्ग से पैदल हाइवे तक पहुंच रहे थे।
खजरी खिरिया से तीन सौ मीटर खजरी खिरिया से तीन सौ मीटर दूर नाले के पुलिया के पास 15 फीट फैंसिंग थी ही नहीं। नाले के दूसरे ओर फैंसिंग लगी हुई थी। जबकि इस जगह पर सर्विस रोड पर नाले की पुलिया तक टीन लगाकर उसे पैक किया गया था।
खजरी खिरिया से चार सौ मीटर खजरी खिरिया से चार सौ मीटर पर अन्य नाले के किनारे दस फीट फैंसिंग नहीं थी। फैंसिंग इस जगह को छोडकऱ लगाई गई थी। सर्विस रोड के किनारे से यहां गांव की ओर जाने का रास्ता भी था।
फैंसिंग क्षतिग्रस्त, बनाया रास्ता खजरी खिरिया से छह सौ मीटर पर शो-रूम के सामने फैंसिंग का हिस्सा गिरा हुआ था। झाडिय़ों के बीच यहां से आने-जाने का रास्ता बना दिया गया था। सर्विस रोड के किनारे दो मकान भी बने हैं, जिससे मौके पर दो मवेशी हाइवे में घुसकर घास चर रहे थे।
पाटन बायपास से चार सौ मीटर पहले पाटन बायपास से चार सौ मीटर पहले पुल के संकेतक के पहले फैंसिंग का बड़ा हिस्सा खुला हुआ था। यहां फैंसिंग लगाई ही नहीं थी। इससे सर्विस रोड आसानी से पहंचा जा सकता था। सर्विस रोड के किनारे टीन लगे थे।
क्षतिग्रस्त फैंसिंग पर कांटे की झाडिय़ां पाटन बायपास के दो सौ मीटर पहले क्षतिग्रस्त फैंसिंग पर कांटेदार झाडिय़ां डाल दी गई थी। जानकार कहते हैं कि इस जगह से प्रवेश रोकने के लिए कांटेदार झाडिय़ां लगा दी गई हैं।
पाटन ओवरब्रिज के पहले पाटन ओवरब्रिज के पहले फैंसिंग में दो जगह पर रास्ते बना लिए गए हैं। मौके पर हवा भरने की दुकान सहित मैकेनिक मौजूद थे। हाइवे पर सडक़ की कॉलर बनी हुई थी, जिसमें मैकेनिकों का कारोबार फैला हुआ था।
हाइवे पर मवेशियों को रोकने फैंसिंग लगाई गई थी। इसकी मरम्मत भी की गई है, लेकिन यदि फिर से वहां छेड़छाड़ की गई है तो उसे देखा जाएगा। सामेश बांझल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई
जबलपुर . रीवा से नागपुर हाइवे के शहरी क्षेत्र में महाराजपुर से लेकर तिलवाराघाट तक फैंसिंग लगाई गई है। फैंसिग के साथ ही यहां किनारों से लेकर डिवाइडर तक पौधरोपण किया है ताकि मवेशियों का अवरोध थमे और साथ ही हरियाली बनी रहे लेकिन एनएचएआई के लिए सिर्फ दिखावा साबित हो रहा है। इस फैंसिंग को जगह-जगह से खुला छोड़ दिया गया है, जो सडक़ पर दौडऩे वाले वाहनों के लिए खतरनाक हो गया है। एक्सपोज ने खजरी खिरिया से लेकर पाटन बायपास तक फैंसिंग का स्कैन किया तो यह सामने आया कि बांई ओर आठ जगहों से खुला रास्ता था, जहां से मवेशियों सहित लोगों का आना-जाना हो रहा है।
खजरी खिरिया से सौ मीटर खजरी खिरिया से सौ मीटर पर नाले के पुल के पास फैंसिंग में चार फीट का हिस्सा खुला हुआ था। सर्विस रोड पर चार पहिया वाहन खड़ा था, जिसमें लोग इस मार्ग से पैदल हाइवे तक पहुंच रहे थे।
खजरी खिरिया से तीन सौ मीटर खजरी खिरिया से तीन सौ मीटर दूर नाले के पुलिया के पास 15 फीट फैंसिंग थी ही नहीं। नाले के दूसरे ओर फैंसिंग लगी हुई थी। जबकि इस जगह पर सर्विस रोड पर नाले की पुलिया तक टीन लगाकर उसे पैक किया गया था।
खजरी खिरिया से चार सौ मीटर खजरी खिरिया से चार सौ मीटर पर अन्य नाले के किनारे दस फीट फैंसिंग नहीं थी। फैंसिंग इस जगह को छोडकऱ लगाई गई थी। सर्विस रोड के किनारे से यहां गांव की ओर जाने का रास्ता भी था।
फैंसिंग क्षतिग्रस्त, बनाया रास्ता खजरी खिरिया से छह सौ मीटर पर शो-रूम के सामने फैंसिंग का हिस्सा गिरा हुआ था। झाडिय़ों के बीच यहां से आने-जाने का रास्ता बना दिया गया था। सर्विस रोड के किनारे दो मकान भी बने हैं, जिससे मौके पर दो मवेशी हाइवे में घुसकर घास चर रहे थे।
पाटन बायपास से चार सौ मीटर पहले पाटन बायपास से चार सौ मीटर पहले पुल के संकेतक के पहले फैंसिंग का बड़ा हिस्सा खुला हुआ था। यहां फैंसिंग लगाई ही नहीं थी। इससे सर्विस रोड आसानी से पहंचा जा सकता था। सर्विस रोड के किनारे टीन लगे थे।
क्षतिग्रस्त फैंसिंग पर कांटे की झाडिय़ां पाटन बायपास के दो सौ मीटर पहले क्षतिग्रस्त फैंसिंग पर कांटेदार झाडिय़ां डाल दी गई थी। जानकार कहते हैं कि इस जगह से प्रवेश रोकने के लिए कांटेदार झाडिय़ां लगा दी गई हैं।
पाटन ओवरब्रिज के पहले पाटन ओवरब्रिज के पहले फैंसिंग में दो जगह पर रास्ते बना लिए गए हैं। मौके पर हवा भरने की दुकान सहित मैकेनिक मौजूद थे। हाइवे पर सडक़ की कॉलर बनी हुई थी, जिसमें मैकेनिकों का कारोबार फैला हुआ था।
हाइवे पर मवेशियों को रोकने फैंसिंग लगाई गई थी। इसकी मरम्मत भी की गई है, लेकिन यदि फिर से वहां छेड़छाड़ की गई है तो उसे देखा जाएगा। सामेश बांझल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एनएचएआई