हरियाणा-महाराष्ट्र के बाद ये है RSS का ‘दिल्ली विजय’ प्लान: केजरीवाल की ‘एंटी हिंदू’ छवि टारगेट, झुग्गी-बस्तियों से निकलेगी BJP की जीत

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हरियाणा-महाराष्ट्र के बाद ये है RSS का ‘दिल्ली विजय’ प्लान:  केजरीवाल की ‘एंटी हिंदू’ छवि टारगेट, झुग्गी-बस्तियों से निकलेगी BJP की जीत

हरियाणा-महाराष्ट्र के बाद ये है RSS का ‘दिल्ली विजय’ प्लान: केजरीवाल की ‘एंटी हिंदू’ छवि टारगेट, झुग्गी-बस्तियों से निकलेगी BJP की जीत

’हम अरविंद केजरीवाल की वो छवि सामने लाएंगे, जिसे मुफ्त की योजनाओं ने ढंक रखा है। सनातन विरोधी, चुनावी हिंदू और तुष्टिकरण करने वाले केजरीवाल जैसे करीब 10-11 मुद्दे हैं। ये सीधे केजरीवाल की छवि पर वार करेंगे। हम उनका असली चेहरा लोगों के बीच लाएंगे।’

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हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में चुनाव के लिए RSS ने काम करना शुरू कर दिया है। RSS के एक पदाधिकारी बताते हैं कि हमारा प्लान केजरीवाल की हिंदू विरोधी छवि जनता के सामने लाना है। सेवा भारती संगठन झुग्गी बस्तियों में एक्टिव हो गया है। स्वयंसेवक भी 17 जनवरी से लोगों के बीच जाना शुरू कर देंगे।

दिल्ली में 70 सीटों पर 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है। RSS किन-किन मुद्दों को लेकर जनता के बीच पहुंच रहा है, कौन-कौन से संगठन काम कर रहे हैं, उनका लोगों तक पहुंचने का मॉडल क्या है, इस पर दैनिक NEWS4SOCIALने RSS के प्रांत, मंडल और विभाग स्तर के कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों से बात की।

RSS की नजर पूरी दिल्ली पर नहीं, झुग्गी-बस्तियों पर दिल्ली चुनाव में RSS की क्या भूमिका होने वाली है और उसकी एंट्री कब होगी, इसका जवाब हमने ग्राउंड लेवल पर जाकर तलाश किया। RSS के मंडल स्तर के एक कार्यकर्ता बताते हैं, ‘RSS ने कभी एग्जिट किया ही नहीं तो एंट्री कैसी। आपका सवाल राजनीतिक है और RSS राजनीतिक संगठन नहीं है।’

हमने पूछा कि RSS के 36 संगठनों में से एक BJP भी है। इस पर वे कहते हैं, ‘हम चुनाव में किसी पॉलिटिकल पार्टी का नाम नहीं लेते। हम सिर्फ उस सरकार को चुनने के लिए बोलते हैं, जो राष्ट्रवादी हो। अखंड भारत जिसके एजेंडे में हो। जो जातियों, समुदायों और संप्रदायों का तुष्टिकरण न करे। देश न बांटे।’

फिर क्या बंटेंगे तो कटेंगे का नारा दिल्ली में भी सुनाई देगा? इस पर साथ में बैठे RSS के दूसरे कार्यकर्ता कहते हैं, ‘हिंदू और सनातन विरोधी अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में तुष्टिकरण का मॉडल लागू किया है। स्कूलों में इकोनॉमिक वीकर सेक्शन कोटे से हिंदू बच्चों के मुकाबले मुस्लिमों के बच्चे भर्ती किए। दूसरी तरफ मुफ्त की योजनाओं का लालच देकर गरीब हिंदू और दलित तबके के वोट काटे जा रहे हैं।’

RSS का कैडर जमीन पर कब से दिखेगा? वे जवाब देते हैं, ‘हम तो हमेशा जमीन पर ही रहते हैं। सेवा भारती संगठन झुग्गियों में काम कर रहा है। भारत विकास परिषद बुद्धिजीवियों के बीच पहुंच रहा है। उद्योग भारती छोटे व्यापारियों से बात कर रहा है।‘ वे आगे कहते हैं,

आप जिस सक्रियता की बात कर रहे हैं, उसकी शुरुआत 17 जनवरी से बस्तियों और उप-बस्तियों में हो जाएगी। हालांकि हमारा जनसंपर्क पहले ही शुरू हो चुका है।

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साथ में बैठे दूसरे स्वयंसेवक प्लान को और क्लियर करते हुए कहते हैं, ‘झुग्गी बस्तियों में बिना बैनर-माइक के हमारी छोटी-छोटी बैठकें होंगी। इसमें 10-12 लोग और 2-3 स्वयंसेवक होंगे।’

वहीं RSS की टॉप लीडरशिप में शामिल एक पदाधिकारी बताते हैं, RSS के केंद्र में पूरी दिल्ली नहीं है। वो वोटर हैं, जो झुग्गियों और बस्तियों में रहते हैं। ये आंकड़ा करीब 35 से 38% है। ये करीब 90 से 95 लाख हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव को देखते हुए BJP ने 11 जनवरी को जेएलएन स्टेडियम में स्लम प्रधान सम्मेलन किया। BJP और RSS दोनों का फोकस झुग्गियों और बस्तियों में रहने वाले वोटर्स पर है।

फैमिली डिस्कशन से BJP के लिए निकलेंगे वोट RSS में हमारे सोर्स के मुताबिक, दिल्ली की घनी बस्तियों में अलग-अलग शाखाओं के स्वयंसेवक बैक टु बैक बैठकें करेंगे। ये बैठकें 10-12 लोगों के छोटे-छोटे ग्रुप्स के बीच होंगी।

सोर्स बताते हैं, ‘RSS बातचीत की शुरुआत किसी चुनावी मुद्दे से नहीं, बल्कि पारिवारिक मुद्दों से करेगा। जैसे- जॉइंट फैमिली की क्या अहमियत है। अगर सबका साथ रहना संभव नहीं, तो कम से कम हफ्ते में एक बार साथ खाना जरूर खाएं।’

RSS के प्लान के केंद्र में केजरीवाल की ‘हिंदू विरोधी छवि’ RSS के कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के दौरान निकले मुद्दों में ये 5 पॉइंट अहम हैं।

1. केजरीवाल के झूठे वादे: सोर्स बताते हैं, ‘हम अरविंद केजरीवाल के सारे झूठे वादे जनता के बीच लाने की तैयारी कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा था कि गाड़ी, बंगला और सुरक्षा नहीं लेंगे। ईमानदार हैं, जनता से पूछकर ठेका खोलेंगे। इसकी चर्चा हम उनके शीशमहल के खर्च और गाड़ियों की कीमत के साथ करेंगे। इसमें हवाला और शराब घोटाले में बंद हुए CM, डिप्टी CM और मंत्रियों की भी चर्चा होगी।

2. केजरीवाल की हिंदू विरोधी छवि: दिल्ली के स्कूलों में इकोनॉमिक वीकर सेक्शन कोटे के तहत दलित हिंदुओं की संख्या न के बराबर है, जबकि मुसलमानों की संख्या काफी है। यूपी के दादरी में अखलाक की मौत हुई, तो अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया- मैं आ रहा हूं। वहीं, बजरंग दल के रिंकू शर्मा की हत्या पर शोक तक नहीं जताया। अयोध्या में राम मंदिर बना, तो केजरीवाल ने अस्पताल बनाने का सुझाव दिया।

3. केजरीवाल का तुष्टिकरण मॉडल: दिल्ली के द्वारका सेक्टर-22 में सरकारी खर्च पर 100 करोड़ का हज हाउस बनवाया। मौलवियों की सैलरी तय कर दी। केजरीवाल को पुजारियों और ग्रंथियों की याद 12 साल बाद चुनाव से पहले आई है। उन्होंने क्या किसी मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया। वो मौकों के हिसाब से कभी हनुमान चालीसा पढ़ते हैं, तो कभी कृष्ण बन जाते हैं।

4. केजरीवाल का अर्बन नक्सल कनेक्शन: सोर्स के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल उस गैंग का हिस्सा हैं, जिसने नक्सल मूवमेंट खड़ा किया। नक्सली, जो देश विरोधी ताकतों के हाथों की कठपुतली हैं। ये भी हम जनता के सामने लाएंगे।

5. बांग्लादेशियों-घुसपैठियों को संरक्षण: सोर्स बताते हैं कि बांग्लादेशियों और घुसपैठियों के आधार कार्ड अभियान चलाकर बनवाए गए। बिना ये सोचे कि इससे देश की राजधानी के दरवाजे उन लोगों के लिए खुल सकते हैं, जो दिल्ली को असुरक्षित कर सकते हैं। हम केजरीवाल का ये सच भी सामने लाएंगे।

BJP दिल्ली चुनाव में आप सरकार के करप्शन को मुद्दा बना रही है। अरविंद केजरीवाल का बंगले पर हुआ खर्च चुनावी मुद्दा है। RSS भी इसे अपनी बैठकों में जनता के बीच ले जा रही है।

RSS की बैठकों में चर्चा का मॉडल RSS के सोर्स के मुताबिक, स्वयंसेवकों की टोली का कॉम्बिनेशन ऐसा बनाया जाएगा, जिसमें पुरुष, महिला और युवा हों। एक परिवार में अगर एक टोली गई तो वो उस परिवार के हर वर्ग से चर्चा कर सकेंगे।

1. फैमिली गैदरिंग के जरिए देश की बात जनसंपर्क के दौरान बातचीत का शुरुआती टॉपिक ‘परिवार’ होगा। जैसे- मोबाइल और बिना किसी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के फैमिली गैदरिंग क्यों जरूरी है। फैमिली वैल्यूज की चर्चा को आगे बढ़ाते हुए देश की चर्चा तक ले जाना होगा। इसके बाद केजरीवाल की छवि पर चर्चा होगी।

2. शराब घोटाले से महिलाओं की परेशानी का कनेक्शन सोर्स आगे बताते हैं, ‘शराब के ठेकों की संख्या बढ़ाने वाले अरविंद केजरीवाल पर घोटाले का भी आरोप है। ये मुद्दा तो रहेगा ही। इसमें गरीब और लोअर मिडिल क्लास के परिवारों की महिलाओं से भी चर्चा होगी।’

‘परिवार की महिलाओं के लिए सबसे बड़ी दुश्मन शराब है। पुरुष शराब पीकर घर की महिलाओं के साथ मारपीट करते हैं, काम-धंधा छोड़ देते हैं। घर की इकोनॉमी और शांति खतरे में पड़ जाती है। अरविंद केजरीवाल के दारूवाला अवतार की तस्वीर भी लोगों के बीच लाई जाएगी।’

दिल्ली में AAP सरकार के कथित शराब घोटाले को RSS चुनाव में मुद्दा बना रही है। इसे लेकर वो घर की महिलाओं से चर्चा करेगी।

3. हिंदुओं को नशे में धकेलकर बांटने की कोशिश सोर्स एक किस्से का जिक्र करते हुए कहते हैं, ‘ब्रिटेन भारत पर राज कर रहा था, उस वक्त अफीम के खेतों पर अंग्रेजों का कब्जा था। वे यहां अफीम की खेती कराते थे। ये अफीम चीन जाती थी। चीन की नस्लों को नशे में धकेलकर कमजोर किया गया। उस वक्त का चीन पहले से ही लैंड लॉर्ड्स में बंटा था। हुआ ये कि बंटे हुए चीन की नस्लें नशे से बर्बाद हो गई थीं।‘

‘जापान जैसे छोटे से देश ने चीन जैसे विशाल और ताकतवर देश को रौंदकर रख दिया। वजह चीन का बंटा होना और नशे का शिकार होना था। क्या हिंदुओं को भी इस वक्त बांटा नहीं जा रहा। क्या शराब के ठेके गली-मोहल्लों तक खोलकर ऐसी ही साजिश नहीं रची जा रही है।

दिल्ली में संघ के कौन-कौन से संगठन एक्टिव दिल्ली चुनाव के लिए बने RSS के प्लान में 6 संगठनों की भूमिका अहम है।

1. सेवा भारती: झुग्गियों में लगातार काम कर रही है। ये जिन बस्तियों में काम करती है, उसे सेवा बस्ती का नाम दिया जाता है। ये संगठन बस्तियों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए छोटे छोटे काम सिखाते हैं। जैसे- सिलाई-बुनाई सेंटर। इस चुनाव में इनकी भूमिका अहम है। सेवाभारती के पास 20 हजार बैठकें कराने का टारगेट है।

2. लघु उद्योग भारती: ये संगठन छोटे स्तर के व्यापारियों के साथ काम करेगा, जिनकी फैक्ट्रियों में गरीब तबका काम करता है। इनके साथ बैठकों के जरिए RSS मुफ्त की योजनाओं का इस्तेमाल करने वाले तबके तक पहुंचेगा। ये संगठन 15-20 हजार बैठकें कराएगा।

3. राष्ट्र सेविका समिति: इस संगठन के पास टारगेट नहीं है। बल्कि इस संगठन की महिलाएं दूसरे संगठनों के साथ जुड़कर काम करेंगी। इन्हें हर परिवार की महिलाओं के बीच RSS के चुनावी मुद्दों पर बात करनी है।

4. भारतीय मजदूर संघ: मजदूर संघ दिल्ली में उस तबके के बीच पहुंचेगा, जिस तक केजरीवाल की रेवड़ियां पहुंचती हैं। आम आदमी पार्टी सरकारी स्कीम का फायदा ले रहे लोगों तक रेवड़ी के पैकेट पहुंचा रही है। मजदूर संघ के पास उनके साथ बैठकें करने का टारगेट है।

5. विद्या भारती: ये संगठन सरकारी स्कूलों के बच्चों के पेरेंट्स तक पहुंच बनाएगा। सोर्स ने ये भी बताया कि RSS ने इस तबके तक पहुंचने के लिए हर शाखा के स्वयंसेवकों को 50 बैठकें करने का टारगेट दिया है।

6. भारत विकास परिषद: इस टोली की जिम्मेदारी बुद्धिजीवियों तक पहुंचना है। इस संगठन के लोग डॉक्टर, CA, इंजीनियर, साइंटिस्ट, वकील और प्रोफेसर्स के बीच जाकर बैठकें करेंगे।

अगर CM फेस को लेकर सवाल हुआ, तो जवाब तैयार RSS के सीनियर वर्कर से हमने उन सवालों पर भी चर्चा की, जो चुनाव प्रचार के दौरान सामने आ सकते हैं, जैसे BJP का CM फेस कौन होगा। इस पर वे कहते हैं, ‘CM फेस न होने पर आम आदमी पार्टी हमें लगातार घेर रही है। इन बैठकों में ये सवाल उठे या न उठे, हम जनता से पूछेंगे कि उन्हें कैसी सरकार चाहिए, क्या ऐसी जिसका CM फिक्स है।’

‘जो CM आवास को ऐसे मॉडिफाई करवाता है, जैसे अब वो स्थायी CM है। जहां पार्टी का कोई दूसरा कार्यकर्ता CM हो ही नहीं सकता। या फिर ऐसी पार्टी चाहिए, जहां कुर्सी फिक्स नहीं है। PM से लेकर CM जैसे पद के लिए छोटे से छोटा कार्यकर्ता दावेदार है। ओडिशा, हरियाणा, उत्तराखंड इसके ताजा उदाहरण हैं।’

वे आगे कहते हैं, ‘CM ऐसा होगा, जो देश की सरकार से समन्वय बनाएगा। केंद्र से दिल्ली तक योजनाओं को लाने में सक्षम होगा। पूर्ण राज्य का दर्जा तो तब भी दिल्ली के पास नहीं होगा। तब वो केंद्र के साथ मिलकर ऐसे काम करेगा, जिसमें केंद्र शासित राज्य का दर्जा काम में आड़े नहीं आएगा।’

जमीन पर एक्टिव RSS के त्रिदेव संगठन की हर विंग के पास बूथ लेवल पर 3 त्रिदेव उतारे हैं, यानी बूथ लेवल पर RSS के 3 पदाधिकारी एक्टिव हैं। इसके ऊपर अध्यक्ष, सह-अध्यक्ष, प्रांत अध्यक्ष जैसे पदाधिकारी होंगे।

हर त्रिदेव अपने नीचे कम से कम 10 आम लोगों को जोड़ेगा। दिल्ली में 13,000 बूथ हैं। इस हिसाब से 39,000 त्रिदेव हैं और वे करीब 3 लाख 90 हजार लोगों को अपने साथ जोड़ेंगे। ये सभी चुनाव में RSS के लिए बैठकें करेंगे।

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