हमें 1000 रुपए नहीं, नियुक्ति पत्र चाहिए… एमपी में चयनित शिक्षकों ने बीजेपी ऑफिस को घेर लिया

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हमें 1000 रुपए नहीं, नियुक्ति पत्र चाहिए… एमपी में चयनित शिक्षकों ने बीजेपी ऑफिस को घेर लिया

हमें 1000 रुपए नहीं, नियुक्ति पत्र चाहिए… एमपी में चयनित शिक्षकों ने बीजेपी ऑफिस को घेर लिया

भोपाल: मैंने कई सालों से पढ़ाई की, प्रतियोगी परीक्षा दी, अब मेरा चयन प्राथमिक शिक्षक के लिए हो गया है, कई महीने बीत गए, जिला का चयन (MP Newly Appointed Teachers) करवा लिया गया, लेकिन मुझे नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा है। मेरा मासूम बच्चा है, उसे लेकर 12 अगस्त से लोक शिक्षण संचालनालय डीपीआई के सामने बैठकर शांतिपूर्वक धरना दे रही हूं, मेरे पति भी प्राइवेट नौकरी छोड़कर मेरे साथ हैं, बच्चे की देशभाल में सहयोग कर रहे हैं, धरना को एक महीने होने वाले हैं, लेकिन सरकार का दिल पसीज ही नहीं रहा है।

नववभारत टाइम्स डॉट कॉम से बात करते हुए एक चयनित महिला शिक्षिका रुआंसी हो जाती है। यह सिर्फ एक शिक्षिका का दर्द नहीं है। प्रदेश के सैकड़ों शिक्षकों का यह दर्द छलककर सामने आ रहा है। यह शिक्षक 12 अगस्त से डीपीआई के सामने शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं। शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया संभालने वाले लोक शिक्षण संचालनालय डीपीआई गौतम नगर भोपाल के सामने शांतिपूर्वक धरना दे रहे। चयनित अभ्यर्थी राजधानी में पैदल घूम-घूमकर मंत्री-संत्री से लेकर अधिकारियों से मिल रहे हैं, लेकिन कोई उन्हें नियुक्ति पत्र देने का आश्वासन नहीं दे रहा है।

सोमवार को सैकड़ों चयनित शिक्षक प्रदेश बीजेपी कार्यालय के सामने पहुंच गए। भारी संख्या में पहुंचे युवाओं को देखकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने इनसे बात की और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इनको मिलवाने का अश्वासन दिया है।

दरअसल, इन प्राथमिक शिक्षकों को विभाग ने चयनित कर जिले भी आवंटित कर दिए हैं, विद्यालय का भी चयन करवा लिया है लेकिन नियुक्ति पत्र नहीं दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि प्राथमिक शिक्षक की द्वितीय काउंसलिंग में चयनित शिक्षकों में 882 अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी के नियुक्ति पत्र रोक लिए गए हैं। अब अपने हक के लिए यही युवा डीपीआई के सामने बैठकर प्रदर्शन करके अपने हक की आवाज को बुलंद कर रहे हैं।

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क्यों फंसा है पेंच

आवेदकों का कहना है कि अधिकारी हमें गुमराह कर रहे हैं। हमें बताया जा रहा है कि सामान्य प्रशासन विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय में आपसी सामंजस्य स्थापित न होने की वजह से हमारे नियुक्ति पत्र अटके हुए हैं।

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मुख्यमंत्री से मिलने के लिए अड़े

चयनित युवाओं ने कई बार सीएम हाउस जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। वे कई बार मंत्रियों से मिल चुके हैं, लेकिन हर जगह सिर्फ मौखिक आश्वासन ही मिला। अब यह युवा मुख्यमंत्री से मिलने की जिद पकड़कर बैठ गए हैं। हालांकि वीडी शर्मा ने उनकी मुलाकात का आश्वासन दिया है।

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युवाओं ने पकड़ा अधिकारियों का झूठ

लोक शिक्षण संचालनालय का कहना है कि चयनित शिक्षकों के नियुक्ति आदेश, सामान्य प्रशासन विभाग के 9 मई 2023 के आदेश के तहत रोके गए हैं। वहीं, चयनित शिक्षकों का कहना है कि सामान्य प्रशासन विभाग का आदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती जो कि जिला संवर्ग की भर्ती है, इस पर लागू नहीं होता। कोर्ट के जिस 16 फरवरी वाले आदेश के हवाले से सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किया है, वह कोर्ट का आदेश उन भर्तियों के लिये है, जिन पर उच्च न्यायालय में आरक्षण संबंधी कोई प्रकरण न्यायालय में लंबित है, यह आदेश प्राथमिक शिक्षक भर्ती पर लागू ही नहीं है, लेकिन अधिकारी झूठ बोलकर हमारे नियुक्ति पत्र नहीं दे रहे हैं।

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