हनुमान बेनीवाल के बयान के बाद सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है
Sachin PIlot News: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने जयपुर में रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। हनुमान बेनीवाल के पायलट को ऑफर दिए जाने और जयपुर में गुर्जर समाज के युवाओं की मुलाकात के बाद अब पायलट की यह प्रेस वार्ता चर्चा में है। पायलट आगे क्या कदम उठाने जा रहे है? सोशल मीडिया पर चर्चाओं का बाजार गर्म हो रहा है।
पायलट समर्थकों ने सोशल मीडिया पर शुरू किया प्रचार
पायलट की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुद्दों को लेकर भले ही अधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन पायलट समर्थकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें नेक्स्ट सीएम के रूप में प्रस्तुत करना शुरू कर दिया है। पायलट रविवार सुबह 11 बजे जयपुर आवास पर पत्रकार वार्ता करेंगे। शनिवार शाम जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर पायलट यूथ कांग्रेस के मशाल जुलूस में भी शामिल हुए। इस दौरान मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर हमला किया। अब देखना है कि रविवार को पायलट किस मुद्दे पर अपनी बात रखेंगे।
जयपुर में गुर्जर समाज के युवाओं ने सचिन पायलट से की मुलाकात
राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही गुर्जर समुदाय में आरक्षण कम फायदा नहीं मिलने का मुद्दा एक बार फिर छाने लगा हैं। आरक्षण को लेकर गुर्जर समाज में फिर से सुगबुगाहट शुरू हो गई है। इसको लेकर गुर्जर समाज के युवाओं ने सचिन पायलट से भी मुलाकात कर इस मांग को उठाया है। वहीं पायलट समर्थक विधायक भी इस पक्ष में उतर गए हैं। उन्होंने भी इस मुद्दे को लेकर सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। साथ ही गुर्जर समाज के युवाओं को आरक्षण देने की मांग की।
प्रक्रियाधीन भर्ती में नियुक्तियां देने का आग्रह
पिछले दिनों गुर्जर समाज के युवाओं ने इस मुद्दे को लेकर सचिन पायलट से मुलाकात की। जिसमें उन्होंने भर्ती में आरक्षण नहीं मिलने से खफा होकर नाराजगी जताई। इसके बाद युवाओं ने पायलट समर्थक विधायक इंद्राज गुर्जर, जोगिंदर अवाना, शकुंतला रावत, सुखराम बिश्नोई, राजकुमार शर्मा समेत कई विधायकों से भी मिलकर अपनी पीड़ा बताई। इसको लेकर इन विधायकों ने रीट भर्ती 2018 में शेष बचे अभ्यर्थियों को 372 पदों पर समझौते के अनुसार नियुक्ति देने का आग्रह किया है।
मुद्दा बनाकर आरक्षण लेना चाहता है गुर्जर समाज
राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक है। ऐसी स्थिति में गुर्जर समाज चुनाव के चलते आरक्षण का मुद्दा उठाकर इसका लाभ उठाना चाहता है। क्योंकि राजस्थान में 50 से 55 सीटों पर गुर्जर जातियों का प्रभाव माना जाता है। इस कारण बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां गुर्जर समुदाय के मतदाताओं को साधन की कोशिश में लगी हुई है। इसी का फायदा उठाकर गुर्जर युवा चाहते हैं कि वर्ष 2018 की रीट भर्ती परीक्षा में समझौते के अनुसार आरक्षण का लाभ मिले।
पिछले चुनाव में गुर्जर समाज के 8 विधायक जीतकर पहुंचे
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो विधानसभा में गुर्जर समाज के आठ विधायक जीतकर सदन में पहुंचे है। इनमें कांग्रेस के 7 विधायक शामिल है। जबकि एक अन्य विधायक बहुजन समाज पार्टी के टिकट से जोगिंदर सिंह अवाना जीतकर पहुंचे। हालांकि अवाना ने बाद में कांग्रेस को समर्थन दे दिया। इस प्रकार गुर्जर समाज के आठ विधायक है। खास बात कह रही कि गुर्जर समाज की ओर से बीजेपी की तरफ से कोई भी विधायक जीतकर नहीं पहुंच पाया। जबकि बीजेपी ने गुर्जर समाज के 9 उम्मीदवारों व कांग्रेस ने 12 उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया था इनमें बीजेपी के सभी 9 उम्मीदवार पराजित हुए। जबकि कांग्रेस के 12 में से 7 विधायकों ने जीत हासिल की थी।
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