हनीट्रैप केस: MP पुलिस ने कमलनाथ को भेजा नोटिस, कहा- 2 जून तक जमा करें पेन ड्राइव

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हनीट्रैप केस: MP पुलिस ने कमलनाथ को भेजा नोटिस, कहा- 2 जून तक जमा करें पेन ड्राइव


हनीट्रैप केस: MP पुलिस ने कमलनाथ को भेजा नोटिस, कहा- 2 जून तक जमा करें पेन ड्राइव

मध्य प्रदेश के इंदौर में ‘हनीट्रैप’ मामले की जांच कर रहे एक विशेष जांच दल (SIT) ने रविवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ को उस पेन ड्राइव को सौंपने के लिए कहा है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह “बेहद महत्वपूर्ण सबूत” है। आपको बता दें कि इस मामले ने 2019 में काफी सुर्खियां बटोरी थी। उसी साल सितंबर महीने में भोपाल और इंदौर में पांच महिलाओं और एक पुरुष को कथित तौर पर अच्छे लोगों को फंसाने और आपत्तिजनक वीडियो के साथ ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था।

एसआईटी के विवेचना सहायक (निरीक्षक) शशिकांत चौरसिया की ओर से कमलनाथ को एक पेज का नोटिस जारी किया गया है, जो रविवार को मीडिया तक पहुंचा। इसमें कहा गया है कि हनीट्रैप कांड में पेन ड्राइव और सीडी अत्यंत महत्वपूर्ण सबूत है। इससे जांच को और प्रभावशाली तथा सुदृढ़ बनाया जा सकता है। इसलिए आपसे अपेक्षा है कि वह दो जून को दोपहर 12:30 भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित अपने निवास में उपस्थित रहें और एसआईटी में शामिल एक निरीक्षक को बयान दर्ज कराते हुए पेन ड्राइव और सीडी का भौतिक सबूत सौंपें।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि नोटिस में बहुचर्चित हनीट्रैप मामले की उस कथित पेन ड्राइव का जिक्र किया गया है, जिसका जिक्र वरिष्ठ कांग्रेस नेता कमलनाथ ने हाल ही में 21 मई को आयोजित एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया था। मालूम हो कि हनीट्रैप गिरोह की पांच महिलाओं व उनके ड्राइवर को भोपाल और इंदौर से सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था। उस समय कमलनाथ नीत कांग्रेस सरकार सूबे की सत्ता में थी।

मेरे पास कहां है पेन ड्राइव : कमलनाथ
कमलनाथ ने रविवार को मुरैना में संवाददाताओं से कहा कि वह हनीट्रैप मामले में एसआईटी के जारी नोटिस का जवाब देंगे। उन्होंने कहा, कांड की यह पेन ड्राइव उनके पास पास कहां है? यह तो आपमें (पत्रकारों) से बहुत लोगों के पास है। यह पेन ड्राइव तो पूरे प्रदेश में घूम रही है। कमलनाथ ने यह भी कहा कि उन्होंने हनीट्रैप कांड को लेकर पेन ड्राइव की राजनीति कभी नहीं की। उन्होंने हालांकि, कहा कि उस समय उनके मुख्यमंत्री होने के कारण पुलिस उन्हें इस मामले में जांच की प्रगति के बारे में स्वाभाविक रूप से अवगत कराती रहती थी।



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