हजारों वोटर हुए कम… भाजपा को सताने लगी चिंता | Thousands of voters reduced… BJP started worrying | Patrika News h3>
यूरोप के प्रसिद्ध शासक नेपोलियन बोनापार्ट ने कहा था कि शांतिकाल में बहाया पसीना युद्धकाल में खून बहने से बचाता है। ये बात बिलकुल सही है और इंदौर भाजपा पर लागू हो रही है। नगर निगम चुनाव के पहले नगर संगठन ने अपने नेता और कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची की जांच करने और नाम बढ़ाने को लेकर दबाव बनाया था। सभी ने विषय को हलके में ले लिया और कांग्रेस सरकार में बनी मतदाता सूची के
आधार पर चुनाव हो गए। परिणाम भले ही पक्ष में आया, लेकिन भाजपा के पसीने छूट गए।
अब विधानसभा चुनाव को सालभर है और जिला निर्वाचन की टीम ने सर्वे करके नो विधानसभाओं से एक लाख वोट कम कर दिए हैं जिसमें महू विधानसभा भी शामिल है। बड़ी बात है निगम चुनाव की तरह ही विधायक और अन्य नेता अब भी सोए हुए हैं, जबकि कांग्रेस का एक तंत्र अंदर ही अंदर काम कर रहा है जिसका जादू पिछले चुनाव में नजर भी आया था। सिर्फ तीन नंबर विधायक आकाश विजयवर्गीय और उनकी टीम इस मामले में सक्रिय है। कई बूथों पर उन्होंने 50 से 100 नाम भी बढ़ावा दिए।
इधर, स्थिति को देखते हुए नगर भाजपा ने कल नगर पदाधिकारियों, वार्ड पार्षदों व संयोजकों की बैठक बुलाई थी। अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने सभी को हर विधानसभा में कम हुए वोटरों की जानकारी दी। साफ कर दिया कि विधानसभा चुनाव सालभर बाद है जिसकी चिंता अभी से करना होगी। घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच करना चाहिए और नए मतदाताओं का नाम सूची में बढ़ाया जाना चाहिए।
5-5 की टोली करेगी काम
ये भी बताया कि 9 नवंबर से 8 दिसंबर के बीच निर्वाचन विभाग का अभियान भी चलाया जाएगा जिसमें अहमभूमिका निभानी है। तय हुआ कि 5-5 लोगों की टोली हर बूथ पर मतदाता सूची लेकर जांच करेगी और नाम नहीं होने पर जुड़ाने का फॉर्म भराएगी। साथ में ये भी जांच करेगी कि किसी का नाम जानबूझकर तो नहीं काटा गया। ऐसे बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी जिला निर्वाचन को लिखा जाए। इसमें मोर्चा प्रकोष्ठों को भी काम पर लगाया गया तो नियमित सभी को अपने काम की रिपोर्ट भी देना होगी।
51 प्रतिशत का लक्ष्य
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले दिनों कार्यकर्ताओं का आह्वान किया था कि 51 प्रतिशत वोट किए जाने का कार्यकर्ता प्रयास करें। ऐसा होने पर पार्टी को पंच से लेकर प्रधानमंत्री तक कोई नहीं हटा सकता है।
गायब रहे कई नेता
सभी को सूचना देते समय बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने का कहा गया था, लेकिन बड़ी संख्या में पार्षद गायब थे। विधायकों में महेंद्र हार्डिया व आकाश विजयवर्गीय, सभापति मुन्नालाल यादव, एमआईसी सदस्यों में राजेश उदावत, बबलू शर्मा, मनीष मामा, राकेश जैन, प्रिया डांगी ही नजर आईं। इसके अलावा कई महिला पार्षदों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
यूरोप के प्रसिद्ध शासक नेपोलियन बोनापार्ट ने कहा था कि शांतिकाल में बहाया पसीना युद्धकाल में खून बहने से बचाता है। ये बात बिलकुल सही है और इंदौर भाजपा पर लागू हो रही है। नगर निगम चुनाव के पहले नगर संगठन ने अपने नेता और कार्यकर्ताओं को मतदाता सूची की जांच करने और नाम बढ़ाने को लेकर दबाव बनाया था। सभी ने विषय को हलके में ले लिया और कांग्रेस सरकार में बनी मतदाता सूची के
आधार पर चुनाव हो गए। परिणाम भले ही पक्ष में आया, लेकिन भाजपा के पसीने छूट गए।
अब विधानसभा चुनाव को सालभर है और जिला निर्वाचन की टीम ने सर्वे करके नो विधानसभाओं से एक लाख वोट कम कर दिए हैं जिसमें महू विधानसभा भी शामिल है। बड़ी बात है निगम चुनाव की तरह ही विधायक और अन्य नेता अब भी सोए हुए हैं, जबकि कांग्रेस का एक तंत्र अंदर ही अंदर काम कर रहा है जिसका जादू पिछले चुनाव में नजर भी आया था। सिर्फ तीन नंबर विधायक आकाश विजयवर्गीय और उनकी टीम इस मामले में सक्रिय है। कई बूथों पर उन्होंने 50 से 100 नाम भी बढ़ावा दिए।
इधर, स्थिति को देखते हुए नगर भाजपा ने कल नगर पदाधिकारियों, वार्ड पार्षदों व संयोजकों की बैठक बुलाई थी। अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने सभी को हर विधानसभा में कम हुए वोटरों की जानकारी दी। साफ कर दिया कि विधानसभा चुनाव सालभर बाद है जिसकी चिंता अभी से करना होगी। घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच करना चाहिए और नए मतदाताओं का नाम सूची में बढ़ाया जाना चाहिए।
5-5 की टोली करेगी काम
ये भी बताया कि 9 नवंबर से 8 दिसंबर के बीच निर्वाचन विभाग का अभियान भी चलाया जाएगा जिसमें अहमभूमिका निभानी है। तय हुआ कि 5-5 लोगों की टोली हर बूथ पर मतदाता सूची लेकर जांच करेगी और नाम नहीं होने पर जुड़ाने का फॉर्म भराएगी। साथ में ये भी जांच करेगी कि किसी का नाम जानबूझकर तो नहीं काटा गया। ऐसे बीएलओ के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी जिला निर्वाचन को लिखा जाए। इसमें मोर्चा प्रकोष्ठों को भी काम पर लगाया गया तो नियमित सभी को अपने काम की रिपोर्ट भी देना होगी।
51 प्रतिशत का लक्ष्य
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पिछले दिनों कार्यकर्ताओं का आह्वान किया था कि 51 प्रतिशत वोट किए जाने का कार्यकर्ता प्रयास करें। ऐसा होने पर पार्टी को पंच से लेकर प्रधानमंत्री तक कोई नहीं हटा सकता है।
गायब रहे कई नेता
सभी को सूचना देते समय बैठक में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने का कहा गया था, लेकिन बड़ी संख्या में पार्षद गायब थे। विधायकों में महेंद्र हार्डिया व आकाश विजयवर्गीय, सभापति मुन्नालाल यादव, एमआईसी सदस्यों में राजेश उदावत, बबलू शर्मा, मनीष मामा, राकेश जैन, प्रिया डांगी ही नजर आईं। इसके अलावा कई महिला पार्षदों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।