| स्वाति मालीवाल मारपीट मामला: पुलिस ने बिभव कुमार को अदालत में किया पेश, मांगी 7 दिन की हिरासत – Hindi News | Live News in Hindi | ताजा हिंदी खबरें

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| स्वाति मालीवाल मारपीट मामला: पुलिस ने बिभव कुमार को अदालत में किया पेश, मांगी 7 दिन की हिरासत – Hindi News | Live News in Hindi | ताजा हिंदी खबरें

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बिभव कुमार और आप सांसद स्वाति मालीवाल (फोटो: पीटीआई)

दिल्ली पुलिस ने अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के मामले में तीस हजारी कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने कोर्ट से कुमार की सात दिन की हिरासत की मांग की है।

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नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार को आम आदमी पार्टी (आप) की सांसद स्वाति मालीवाल के साथ मारपीट के मामले में शनिवार को तीस हजारी कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने कोर्ट से कुमार की सात दिन की हिरासत की मांग की है। जहां, कोर्ट ने विभव कुमार की पुलिस हिरासत पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

बता दें कि पुलिस ने कुमार को आज दोपहर मुख्यमंत्री आवास से हिरासत में लिया था। जिसके बाद उन्हें दिल्ली की एक अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को “निरर्थक” करार देते हुए इसका निपटारा कर दिया था। बाद में पुलिस ने कुमार को मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल के सामने पेश किया।

पुलिस की ओर से पेश वकील ने मामले में कुमार से पूछताछ करने के लिए उनकी सात दिन की हिरासत का अनुरोध किया है। अदालत ने बिभव कुमार की हिरासत के अनुरोध संबंधी पुलिस की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया। आरोप है कि केजरीवाल के निजी सहायक कुमार ने 13 मई को मुख्यमंत्री आवास पर मालीवाल के साथ मारपीट की थी।

पुलिस ने अदालत को बताया कि हमले के कारण के बारे में पूछताछ के लिए कुमार की हिरासत आवश्यक है। पुलिस ने बिभव पर मुख्यमंत्री आवास में साक्ष्य नष्ट करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने कहा कि कुमार ने जांच एजेंसी को अपने मोबाइल फोन का पासवर्ड नहीं दिया था और बताया था कि मोबाइल में कुछ खराबी होने के कारण उनका फोन मुंबई में ‘फॉर्मेट’ कर दिया गया था। उसने कहा कि मोबाइल के हटाए गए डेटा को पुनः प्राप्त करने के लिए कुमार को मुंबई ले जाना होगा।

पुलिस ने कहा कि आरोपी का मोबाइल फोन किसी विशेषज्ञ से खुलवाने के लिए भी उनकी मौजूदगी जरूरी है। दलीलों का विरोध करते हुए कुमार के वकील राजीव मोहन ने कहा कि न तो 13 मई से पहले मालीवाल की मुख्यमंत्री आवास की यात्रा का कोई रिकॉर्ड था और न ही उन्होंने 16 मई को प्राथमिकी दर्ज करने का कारण स्पष्ट किया।

प्राथमिकी सिविल लाइंस थाने में दर्ज की गई थी। मोहन ने कहा कि मालीवाल बिना समय लिए मुख्यमंत्री आवास पर गईं और दिल्ली पुलिस तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मालीवाल चोट लगने के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही हैं और मीडिया में भी बयान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि जांच के लिए कुमार के मोबाइल फोन की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मालीवाल ने फोन या व्हाट्सएप कॉल पर धमकी देने का कहीं भी आरोप नहीं लगाया है। (एजेंसी इनपुट के साथ)

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