स्वतंत्रता दिवस पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री जन आवास योजना की घोषणा की h3>
भोपाल: सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में स्वतंत्रता दिवस पर झंडोत्तोलन किया है। साथ ही परेड की सलामी ली है। 18 बलों की टुकड़ियों ने परेड किया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह आजादी का अमृत काल है। उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास 75 साल पुराना नहीं है। हजारों साल पुराना तो ज्ञात इतिहास है हमारा। सीएम ने कहा कि जब दुनिया के विकसित देशों में सभ्यता का सूर्य उदय नहीं हुआ था, तब हमारे यहां वेद रच दिए गए थे। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि हमले लाडली बहना योजना लगाकर बहनों की जिंदगी में बदलाव लाने की कोशिश की है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि क्रांतिकारियों की त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण भारत आजाद हुआ। उन्होंने कहा कि एक कसक हमारे सीने में आज भी है। भारत को आजादी तो मिली है लेकिन अखंड भारत नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि आज भी विभाजन की विभिषिका भूते नहीं भूलती। ये ऐतिहासिक भूल हुई है कि भारत के टुकड़े कर दिए है।
इसके साथ ही सीएम ने कहा कि ‘वसुधैव-कुटुंबकम्’ विश्व-मंत्र के रूप में उद्घोषित और उच्चारित हो रहा है। पिछले 5 वर्षों में देश के 13 करोड़ से अधिक लोगों का गरीबी से बाहर आना, आकाश में चंद्रयान और धरती पर वंदे भारत ट्रेन चलाना, कर्तव्य पथ पर भव्य नवीन संसद भवन और भारत मंडपम् को सजाना और भारत को विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनाना यह सिद्ध करता है कि बड़ी सोच और बड़े संकल्प के साथ उस लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश, जहां विकास का हर क्षेत्र में प्रवेश हो रहा है और विकास में हर वर्ग का समावेश भी। जहां पढ़ाई भी मिल रही है और दवाई भी। जहां कुशासन के ढर्रे को बदल दिया गया है और सभी तरह के माफिया को कुचल दिया गया है। जहां बेटियां और महिलाएं सशक्त बन रही हैं और परिवार समृद्ध है।
एमपी सीएम ने कहा कि सेवा और सुशासन की प्रतिज्ञा के साथ हमने मध्यप्रदेश के कायाकल्प का अभियान प्रारंभ किया था। तब और अब का फर्क साफ दिखता है। तब हमारी आर्थिक विकास दर 0.10% थी, जो अब 16% से अधिक है। तब खाद्यान्न उत्पादन मात्र 159 लाख मीट्रिक टन था, जो अब बढ़कर 619 लाख मीट्रिक टन है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेरी बहनों एवं भाइयों, आज हम फैसला कर रहे हैं आवास प्लस में जिनके नाम नहीं हैं, उन गरीबों के लिए ‘मुख्यमंत्री जन आवास योजना’ बनाई जाएगी। जो नाम छूट गए हैं, उनका सर्वे कर नई सूची में उन्हें जोड़ा जाएगा और उन सबको नि:शुल्क पक्का मकान देने का काम हमारी सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि तब प्रदेश में प्रति व्यक्ति वार्षिक आय लगभग ₹12 हजार थी, जो अब ₹1.40 लाख है। तब मध्यप्रदेश के बजट का आकार लगभग 23 हजार करोड़ रुपए था, जो अब 3 लाख 14 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक है।
इसके साथ ही सीएम ने कहा कि तब हमारी सड़कें मात्र 60 हजार किलोमीटर लंबाई की थीं, जो अब बढ़कर 5 लाख किलोमीटर से अधिक हैं। तब हमारी ऊर्जा क्षमता करीब 5 हजार मेगावॉट थी, जो अब बढ़कर 29 हजार मेगावॉट से अधिक हो गई है। तब खस्ताहाल सड़कें, बिजली की आंख मिचौली, सिंचाई के अभाव में सूखी फसलें और बीमारूपन मध्यप्रदेश की पहचान था और अब प्रवासी भारतीय सम्मेलन, जी-20 की बैठकें, खेलो इण्डिया यूथ गेम्स, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और इण्टरनेशनल लिटरेचर फेस्टिवल जैसे भव्य आयोजनों से मध्यप्रदेश की छवि देश और दुनिया में उज्ज्वल हुई है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज गेहूं निर्यात में मध्यप्रदेश नंबर वन राज्य है। आज यदि पीएम स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में देश में अव्वल राज्य है तो वो मध्यप्रदेश है। आज यदि आयुष्मान कार्ड बनाने में देश में सबसे आगे राज्य है तो वो मध्यप्रदेश है। आज यदि ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता में पूरे देश में कोई अग्रणी राज्य है तो वो मध्यप्रदेश है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां सरकार ने विकास को त्यौहार का स्वरूप दे दिया है। पूरे प्रदेश में 16 जुलाई से 14 अगस्त, 2023 तक विकास-पर्व की लहर गांव-गांव और शहर-शहर चली है। विकास-पर्व के दौरान 45 हजार करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन संपन्न हुआ है।
मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के रूप में मध्यप्रदेश में सुशासन की एक नई क्रांति प्रवाहित हुई है। अभियान के प्रथम चरण में 83 लाख से अधिक हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाया गया है। अभियान के दूसरे चरण में 68 लाख 46 हजार से अधिक आवेदनों और 1 लाख 73 हजार से अधिक सीएम हेल्पलाइन शिकायतों का निराकरण हुआ है।
सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में 10 अभूतपूर्व सामाजिक क्रांतियां हुई हैं। पहली सामाजिक क्रांति है- भूमि और आवास की क्रांति। सरकार का संकल्प है कि मध्यप्रदेश की धरती पर कोई भी गरीब बिना जमीन और बिना पक्के मकान के नहीं रहेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री जन आवास योजना की घोषणा की है। जो नाम छूट गए हैं, उनका सर्वे कर नई सूची में उन्हें जोड़ा जाएगा और उन सबको नि:शुल्क पक्का मकान देने का काम हमारी सरकार करेगी।
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शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि क्रांतिकारियों की त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण भारत आजाद हुआ। उन्होंने कहा कि एक कसक हमारे सीने में आज भी है। भारत को आजादी तो मिली है लेकिन अखंड भारत नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि आज भी विभाजन की विभिषिका भूते नहीं भूलती। ये ऐतिहासिक भूल हुई है कि भारत के टुकड़े कर दिए है।
इसके साथ ही सीएम ने कहा कि ‘वसुधैव-कुटुंबकम्’ विश्व-मंत्र के रूप में उद्घोषित और उच्चारित हो रहा है। पिछले 5 वर्षों में देश के 13 करोड़ से अधिक लोगों का गरीबी से बाहर आना, आकाश में चंद्रयान और धरती पर वंदे भारत ट्रेन चलाना, कर्तव्य पथ पर भव्य नवीन संसद भवन और भारत मंडपम् को सजाना और भारत को विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था बनाना यह सिद्ध करता है कि बड़ी सोच और बड़े संकल्प के साथ उस लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश, जहां विकास का हर क्षेत्र में प्रवेश हो रहा है और विकास में हर वर्ग का समावेश भी। जहां पढ़ाई भी मिल रही है और दवाई भी। जहां कुशासन के ढर्रे को बदल दिया गया है और सभी तरह के माफिया को कुचल दिया गया है। जहां बेटियां और महिलाएं सशक्त बन रही हैं और परिवार समृद्ध है।
एमपी सीएम ने कहा कि सेवा और सुशासन की प्रतिज्ञा के साथ हमने मध्यप्रदेश के कायाकल्प का अभियान प्रारंभ किया था। तब और अब का फर्क साफ दिखता है। तब हमारी आर्थिक विकास दर 0.10% थी, जो अब 16% से अधिक है। तब खाद्यान्न उत्पादन मात्र 159 लाख मीट्रिक टन था, जो अब बढ़कर 619 लाख मीट्रिक टन है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेरी बहनों एवं भाइयों, आज हम फैसला कर रहे हैं आवास प्लस में जिनके नाम नहीं हैं, उन गरीबों के लिए ‘मुख्यमंत्री जन आवास योजना’ बनाई जाएगी। जो नाम छूट गए हैं, उनका सर्वे कर नई सूची में उन्हें जोड़ा जाएगा और उन सबको नि:शुल्क पक्का मकान देने का काम हमारी सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि तब प्रदेश में प्रति व्यक्ति वार्षिक आय लगभग ₹12 हजार थी, जो अब ₹1.40 लाख है। तब मध्यप्रदेश के बजट का आकार लगभग 23 हजार करोड़ रुपए था, जो अब 3 लाख 14 हजार करोड़ रुपए से भी अधिक है।
इसके साथ ही सीएम ने कहा कि तब हमारी सड़कें मात्र 60 हजार किलोमीटर लंबाई की थीं, जो अब बढ़कर 5 लाख किलोमीटर से अधिक हैं। तब हमारी ऊर्जा क्षमता करीब 5 हजार मेगावॉट थी, जो अब बढ़कर 29 हजार मेगावॉट से अधिक हो गई है। तब खस्ताहाल सड़कें, बिजली की आंख मिचौली, सिंचाई के अभाव में सूखी फसलें और बीमारूपन मध्यप्रदेश की पहचान था और अब प्रवासी भारतीय सम्मेलन, जी-20 की बैठकें, खेलो इण्डिया यूथ गेम्स, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और इण्टरनेशनल लिटरेचर फेस्टिवल जैसे भव्य आयोजनों से मध्यप्रदेश की छवि देश और दुनिया में उज्ज्वल हुई है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज गेहूं निर्यात में मध्यप्रदेश नंबर वन राज्य है। आज यदि पीएम स्वनिधि योजना के क्रियान्वयन में देश में अव्वल राज्य है तो वो मध्यप्रदेश है। आज यदि आयुष्मान कार्ड बनाने में देश में सबसे आगे राज्य है तो वो मध्यप्रदेश है। आज यदि ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता में पूरे देश में कोई अग्रणी राज्य है तो वो मध्यप्रदेश है।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां सरकार ने विकास को त्यौहार का स्वरूप दे दिया है। पूरे प्रदेश में 16 जुलाई से 14 अगस्त, 2023 तक विकास-पर्व की लहर गांव-गांव और शहर-शहर चली है। विकास-पर्व के दौरान 45 हजार करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन संपन्न हुआ है।
मुख्यमंत्री जनसेवा अभियान के रूप में मध्यप्रदेश में सुशासन की एक नई क्रांति प्रवाहित हुई है। अभियान के प्रथम चरण में 83 लाख से अधिक हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाया गया है। अभियान के दूसरे चरण में 68 लाख 46 हजार से अधिक आवेदनों और 1 लाख 73 हजार से अधिक सीएम हेल्पलाइन शिकायतों का निराकरण हुआ है।
सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में 10 अभूतपूर्व सामाजिक क्रांतियां हुई हैं। पहली सामाजिक क्रांति है- भूमि और आवास की क्रांति। सरकार का संकल्प है कि मध्यप्रदेश की धरती पर कोई भी गरीब बिना जमीन और बिना पक्के मकान के नहीं रहेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री जन आवास योजना की घोषणा की है। जो नाम छूट गए हैं, उनका सर्वे कर नई सूची में उन्हें जोड़ा जाएगा और उन सबको नि:शुल्क पक्का मकान देने का काम हमारी सरकार करेगी।