स्पोट्‌र्स कोटे से सरकारी नौकरियों में बड़ा घोटाला: ओवर एज खिलाड़ियों को भी दिए मेडल, SOG की रडार पर फेडरेशन की खेल प्रतियोगिताएं – Rajasthan News

18
स्पोट्‌र्स कोटे से सरकारी नौकरियों में बड़ा घोटाला:  ओवर एज खिलाड़ियों को भी दिए मेडल, SOG की रडार पर फेडरेशन की खेल प्रतियोगिताएं – Rajasthan News

स्पोट्‌र्स कोटे से सरकारी नौकरियों में बड़ा घोटाला: ओवर एज खिलाड़ियों को भी दिए मेडल, SOG की रडार पर फेडरेशन की खेल प्रतियोगिताएं – Rajasthan News

राजस्थान में स्पोट्‌र्स कोटे के फर्जी मेडल-सर्टिफिकेट लगाकर सैकड़ों अभ्यर्थी सरकारी नौकरी पर लग गए। पिछले 5 साल में हुई REET, सब इंस्पेक्टर, पीटीआई, पटवारी सहित कई भर्तियों में बड़े स्तर पर धांधली हुई। एसओजी की मानें तो 70 फीसदी से ज्यादा अभ्यर्थियों

.

कई खेल फेडरेशन ने रस्सी कूद, मिनी गोल्फ, वुडबॉल, टग ऑफ वॉर जैसी गैर ओलिम्पिक प्रतियोगिताएं करवाईं। पैसे लेकर खेल प्रमाण पत्र बांटे गए। कई यूनिवर्सिटी ने तो 60 फीसदी से ज्यादा प्रतिभागियों को मेडल थमा दिए।

कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं, जिन्होंने दो साल में तीन अलग-अलग प्रतियोगिता में भाग लिया और तीनों में ही मेडल हासिल कर लिए। एसओजी की एक टीम खेल कोटे से नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों की कुंडली खंगाल रही है।

यह पूरा फर्जीवाड़ा कैसे किया गया? एसओजी के सामने कैसे आया? पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

सबसे पहले 4 मामलों से समझते हैं फर्जीवाड़े का पूरा खेल

केस-1 : तीन जगह एडमिशन और राजस्थान यूनिवर्सिटी से तीन अलग-अलग गेम में मेडल

एसओजी के पास एक शिकायत आई। झुंझुनूं के रहने वाले सचिन ने 12 से 14 फरवरी 2019 को रोल बॉल प्रतियोगिता में तिलक पीजी कॉलेज बस्सी, जयपुर से राजस्थान यूनिवर्सिटी की टीम में भाग लिया।

  • 3 से 6 अप्रैल 2019 को सचिन ने मिनी गोल्फ प्रतियोगिता में तिलक पीजी कॉलेज बस्सी, जयपुर से राजस्थान विश्वविद्यालय की टीम में भाग लिया और मेडल जीता।
  • 23 से 27 जनवरी 2020 को सचिन ने राजस्थान यूनिवर्सिटी की ओर से खेलते हुए हैंडबॉल प्रतियोगिता में मेडल जीता।

सचिन का रिकॉर्ड खंगालने पर सामने आया कि उसने 3-3 खेल प्रतियोगिताओं में चयनित होकर मेडल जीते।

सचिन ने पीटीआई भर्ती-2022 में फॉर्म भरा। उसमें बताया कि भूपाल नोबल यूनिवर्सिटी उदयपुर से 2019-2021 सेशन में बीपीएड की डिग्री की। उसी दौरान उसकी एलएलबी की डिग्री राजस्थान विश्वविद्यालय में 2019-2022 तक चल रही थी।

राजस्थान यूनिवर्सिटी से आज तक न टीसी ली और न ही माइग्रेशन लिया। लगातार उसी यूनिवर्सिटी की ओर से कई खेलों में भाग भी ले लिया।

सचिन ने 3 खेलों के फर्जी खेल प्रमाण पत्र अलग-अलग भर्तियों में लगाए। इससे उसे पीटीआई भर्ती-2021 में खेल कोटे का 40 नंबर का वेटेज मिला। इन्हीं खेल प्रमाण पत्रों और बीपीएड अंकतालिका के जरिए सचिन ने असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में भी फायदा उठाया।

केस-2 : रोप स्किपिंग (रस्सी कूद) में गोल्ड मेडल

नागौर के रहने वाला मुकेश सारण ने पीटीआई की नौकरी फर्जी खेल मेडल और फर्जी बीपीएड डिग्री से हासिल की। मुकेश सारण फर्जी दस्तावेज से नौकरी पाने वाले मंत्रालयिक कर्मचारी जगदीश सारण का छोटा भाई है। जगदीश खुद टग ऑफ वॉर एसोसिएशन का प्रदेश सचिव था। उस समय काफी फर्जी खेल सर्टिफिकेट बनाए गए थे।

– मुकेश सारण ने 2022 में पूर्णिमा यूनिवर्सिटी में आयोजित रोप स्किपिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया था।

– मुकेश को इस स्पोट्‌र्स सर्टिफिकेट से काफी फायदा मिला था। एसओजी अभी मुकेश की तलाश कर रही है।

केस-3 : ओवर एज के बाद भी प्रतियोगिता में मेडल

पूरणमल ने पीटीआई भर्ती-2021 में दो खेलों में जीते मेडल और सर्टिफिकेट लगाए। इसकी बदौलत उसने 28 नंबर का वेटेज लेकर नौकरी प्राप्त की। दोनों ही खेलों के सर्टिफिकेट ओवर एज होने के बाद के हैं।

  • 3 से 6 अप्रैल 2019 को मिनी गोल्फ प्रतियोगिता लवली प्रोफेशनल विश्वविद्यालय, जालंधर में आयोजित हुई। इसमें पूरणमल मीणा ने राजस्थान यूनिवर्सिटी की तरफ से भाग लिया।
  • इससे पहले पूरण ने 2018-19 के सत्र में एसआरएम यूनिवर्सिटी चेन्नई में आयोजित बॉल बैडमिंटन प्रतियोगिता में मेडल जीता।

पूरणमल का जन्म दिनांक 4 जून 1993 है। ALL INDIA UNIVERSITY के नियमानुसार कोई भी खिलाड़ी 25 साल की उम्र तक ही प्रतियोगिता में भाग ले सकता है।

केस- 4 : डिस्कॉम का कर्मचारी होते खेल में लिया भाग

अशोक सिंह ने पीटीआई भर्ती के दौरान राजस्थान यूनिवर्सिटी से 2019 में फिजिकल एजुकेशन में बैचलर डिग्री (बीपीएड) करना बताया। इससे पहले अशोक की फरवरी 2019 में डिस्कॉम में नौकरी लग चुकी थी। नौकरी के दौरान उसने 3 से 6 अप्रैल 2019 को राजस्थान यूनिवर्सिटी की तरफ से मिनी गोल्फ प्रतियोगिता में भाग लिया। यह नियमों के खिलाफ था। इसी खेल के प्रमाण पत्र के जरिए उसने पीटीआई की नौकरी हासिल की।

एसओजी के शक के दायरे में ये प्रतियोगिताएं

टग ऑफ वार : 14 से 17 जनवरी 2023 को जगन्नाथ विश्वविद्यालय जयपुर में आयोजित हुई। इसमें 270 मेडल पुरुष और 270 महिलाओं को बांटे गए। टग ऑफ वार में अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार केवल एक ही श्रेणी होती है। जबकि यहां तीन श्रेणी ओपन, इनडोर, मिक्स जैसी कई श्रेणियां बनाकर मेडल बांट दिए। नियमानुसार एक प्रतियोगिता में अधिकतम पुरुष और महिला वर्ग में 30-30 पदक ही हो सकते हैं। एसओजी की जांच के अनुसार इस प्रतियोगिता के सबसे ज्यादा सर्टिफिकेट का इस्तेमाल तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में हुआ।

मिनी गोल्फ : 16 से 20 अप्रैल 2022 सुरेश ज्ञान विहार विविव में मिनी गोल्फ में 348 खिलाड़ियों ने भाग लिया। कुल 209 खिलाड़ियों को गोल्ड, सिल्वर, ब्रॉन्ज मेडल बांट दिए गए। यानी प्रतियोगिता में 60 प्रतिशत खिलाड़ियों के पास मेडल थे। दिखाया गया कि कुल 21 यूनिवर्सिटी ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया। अधिकांश यूनिवर्सिटी बाहरी राज्यों की थी। लेकिन उनकी तरफ से खेलने वाले स्टूडेंट राजस्थान के निकले। खिलाड़ियों की उम्र भी 25 वर्ष से ज्यादा निकली है। इस प्रतियोगिता के सर्टिफिकेट का सबसे ज्यादा इस्तेमाल रीट भर्ती-2022 में नियुक्ति पाने वालों ने किया।

वुडबॉल : एआईयू के कैलेंडर के अनुसार वुडबॉल प्रतियोगिता डेमोंस्ट्रेशन खेल के रूप में अंकित है। यानी गेम का सिर्फ ट्रायल किया जा सकता है, इसके सर्टिफिकेट या मेडल नहीं बांटे जा सके। एसओजी की पड़ताल कहती है कि इस प्रतियोगिता के मेडल बांटकर सैकड़ों छात्रों ने नौकरी प्राप्त की।

रोप स्किपिंग : पूर्णिमा यूनिवर्सिटी जयपुर में 11 से 13 जुलाई 2022 को रोप स्किपिंग यानी रस्सा कूद प्रतियोगिता हुई। इसी प्रतियोगिता में भाग लेकर मुकेश सारण ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया था।

2019 में बदले स्पोट्‌र्स कोटे के नियम, इसलिए बढ़ा फर्जीवाड़ा एक्सपर्ट ने बताया कि राजस्थान में सरकारी नौकरियों में खेल कोटा के पहले नियम और थे। 2019 में हुए बदलाव के बाद फर्जीवाड़ा बड़े स्तर पर बढ़ा है।

पहले क्या थे नियम?

  • इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन या संबंधित मान्यता प्राप्त नेशनल स्पोट्‌र्स फेडरेशन के किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में व्यक्तिगत या टीम स्पर्धा में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया हो।
  • इंडियन स्कूल स्पोट्‌र्स फेडरेशन या संबंधित मान्यता प्राप्त नेशनल स्कूल गेम्स फेडरेशन द्वारा मान्यता प्राप्त किसी खेलकूद के कोई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में व्यक्तिगत या टीम स्पर्धा में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया हो।
  • इंडियन ओलिम्पिक एसोसिएशन या संबंधित मान्यता प्राप्त नेशनल स्पोट्‌र्स फेडरेशन द्वारा मान्यता प्राप्त किसी खेलकूद के कोई राष्ट्रीय टूर्नामेंट में व्यक्तिगत या टीम स्पर्धा में मेडल जीता हो।
  • इंडियन यूनिवर्सिटीज एसोसिएशन द्वारा मान्यता प्राप्त किसी खेलकूद के ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी टूर्नामेंट में व्यक्तिगत स्पर्धा में या टीम स्पर्धा में मेडल जीता हो।

नवंबर 2019 के बाद क्या नियम बनाए? 21 नवंबर, 2019 को जारी आदेश के अनुसार 3600 ग्रेड-पे तक की भर्तियों में राज्य सरकार की ओपन खेलकूद प्रतियोगिताओं, जो कि राज्य खेल समूह द्वारा आयोजित की जाती हैं, उनमें विजेता रहकर राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को 2 प्रतिशत आरक्षण के लिए पात्र माना जाएगा।

इंडियन ओलिम्पिक एसोसिएशन /पैरा ओलिम्पिक कमेटी ऑफ इंडिया या इससे संबद्ध नेशनल स्पोट्‌र्स फेडरेशन द्वारा आयोजित किसी खेलकूद की नेशनल चैंपियनशिप / पैरा नेशनल चैंपियनशिप या नेशनल गेम्स/नेशनल पैरा गेम्स में व्यक्तिगत या टीम स्पर्धा में राजस्थान का प्रतिनिधित्व किया हो, उन्हें भी पात्र माना जाएगा।

खेल नियमों में हुए इन बदलावों के बाद प्रदेशभर में गैर ऑलिम्पिक खेलों के आयोजन बढ़ गए। कई खेल फेडरेशन ने काफी संख्या में पैसों के जरिए खेल सर्टिफिकेट बांटने शुरू कर दिए। जिनका फर्जीवाड़ा भर्तियों की जांच में सामने आ रहा है।

फर्जी स्पोट्‌र्स सर्टिफिकेट की यह खबर भी पढ़िए…

सरकारी नौकरी के​ लिए खेल प्रतियोगिताओं के फर्जी सर्टिफिकेट बनाए:अध्यक्ष बोले- दलालों से फर्जी डॉक्युमेंट तैयार करवाए; 72 कैंडिडेट रडार पर; धोखाधड़ी का केस होगा

प्रदेश में राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में खेल कोटे से नौकरी लेने के लिए कैंडिडेट ने फर्जी सर्टिफिकेट बना दिए। ऐसे 10 या 20 नहीं बल्कि 72 कैंडिडेट थे। बोर्ड अध्यक्ष अलोक का कहना है कि इनमें अधिकांश ने दलालों के माध्यम से ये सर्टिफिकेट तैयार करवाए है। पूरी खबर पढ़िए..

राजस्थान की और समाचार देखने के लिए यहाँ क्लिक करे – Rajasthan News