स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट: देश का सबसे हाईटेक सेंटर लेकिन कई डेडलाइन के बाद भी अधूरा | State Cancer Institute: india’s most high-tech center in madhya prades | Patrika News h3>
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट: देश का सबसे हाईटेक सेंटर लेकिन कई डेडलाइन के बाद भी अधूरा
जबलपुर
Published: April 13, 2022 10:40:05 am
jabalpur/ कैंसर मरीजों के बेहतर उपचार की सुविधा की राह में बजट ने रोड़ा अटका दिया है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में बन रहे स्टेट कैंसर इंस्टीट््यूट का निर्माण कई डेडलाइन के बाद भी अधूरा है। 50 करोड़ रुपए की इंस्टीट््यूट भवन बना चुके ठेकेदार के पुराने काम के 42 लाख रुपए का भुगतान अटक गया है। इसके चलते बचे मामूली काम की गति धीमी हो गई है। भवन जल्द हैंडओवर होने में फिर पेंच फंस गया है।
State Cancer Institute
समय पर राशि नहीं मिलने से आधुनिक उपचार में देर
ठेकेदार के 42 लाख अटके, 50 करोड़ का भवन हैंडओवर होने में फंसा पेंच
अंचल में कैंसर मरीजों की जांच एवं उपचार के सबसे बड़े केन्द्र की स्थापना शुरू से लापरवाही का शिकार रही है। दो साल से स्टेट कैंसर इंस्टीट््यूट को शुरु करने के दावे किए जाते रहे है। लेकिन आर्थिक तंगी से जूझ रही योजना की डेडलाइन हर बार आगे बढ़ती जा रही है। कोरोना काल में तेजी से सुविधाएं जुटाने के बाद अस्पताल के इस महीने शुरू करने की तैयारी थी। लंबी लेटलतीफी के बाद भवन तैयार है। फर्नीचर आ गए है। तो मामला ठेकेदार को अधूरे भुगतान में लटक गया है। इससे बचे हुए मामूली फिनिङ्क्षशग काम की चाल सुस्त पड़ गई है। भवन के हैंडओवर में देरी से कैंसर पीडि़तों को जल्द बेहतर इलाज मिलने की उम्मीद टूट रही है।
यहां उलझ गया मामला
कैंसर इंस्टीट््यूट भवन के लिए पहले लगभग 50 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। बाद में अन्य आधुनिक सुविधाओं के लिए 17 करोड़ रुपए मिले। इस काम को लगभग पूरा करने के बाद ठेकेदार ने 4 करोड़ रुपए 72 लाख रुपए की मांग की। फरवरी-मार्च का बजट समय पर नहीं मिलने 72 लाख रुपए का भुगतान रुक गया।
ये काम आखिरी स्टेज में आकर रुके
इंस्टीट््यूट की बिङ्क्षल्डग करीब एक साल से बनकर तैयार है। अतिरिक्त बजट से फायर फायङ्क्षटग, फायर अलार्म, भवन को वातानुकूलित सुविधा से लैस भी किया जा चुका है। सिर्फ कुछ जगह पर सीङ्क्षलग का मामूली कार्य, बाहर लैंड स्केङ्क्षपग और फर्नीचर को जमाना बाकी है। ये काम भुगतान में विलंब से आखिरी चरण में आकर रुक गए हैं।
आधुनिक जांच व थैरेपी होगी
स्टेट कैंसर इंस्टीट््यूट को सबसे आधुनिक कैंसर डायग्नोसिस एवं ट्रीटमेंट सेंटर बनाने का प्रस्ताव है। थैरेपी के लिए अत्याधुनिक लीनियर एक्सीलेटर मशीन लगना है। एंडोस्कॉपी, ब्रांकोस्कोपी, कोलोस्कोपी, काल्पोस्कोपी सहित कई आधुनिक उपकरण होंगे। विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन, पैरामेडिकल मिलाकर ढाई सौ लोगों का स्टाफ होगा। मरीजों को जांच, उपचार, थैरेपी के लिए नागपुर, भोपाल, मुंबई तक दौड़ाने की जरूरत नहीं रहेगी।
ये है स्थिति
कॉलेज में
150 से ज्यादा मरीज की प्रतिदिन ओपीडी
10 इसमें जांच में कैंसर पीडि़त मिल रहे है
130 के लगभग मरीजों की थैरेपी हो रही है
53 बिस्तर मौजूदा कैंसर अस्पताल में अभी
योजना में
2014 में स्थापना की घोषणा हुई
2018 से उपचार शुरू हो जाना था
4 बार डेडलाइन चार साल में बढी
1 माह का काम एक साल से बाकी
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स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट: देश का सबसे हाईटेक सेंटर लेकिन कई डेडलाइन के बाद भी अधूरा
जबलपुर
Published: April 13, 2022 10:40:05 am
jabalpur/ कैंसर मरीजों के बेहतर उपचार की सुविधा की राह में बजट ने रोड़ा अटका दिया है। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में बन रहे स्टेट कैंसर इंस्टीट््यूट का निर्माण कई डेडलाइन के बाद भी अधूरा है। 50 करोड़ रुपए की इंस्टीट््यूट भवन बना चुके ठेकेदार के पुराने काम के 42 लाख रुपए का भुगतान अटक गया है। इसके चलते बचे मामूली काम की गति धीमी हो गई है। भवन जल्द हैंडओवर होने में फिर पेंच फंस गया है।
State Cancer Institute
समय पर राशि नहीं मिलने से आधुनिक उपचार में देर
ठेकेदार के 42 लाख अटके, 50 करोड़ का भवन हैंडओवर होने में फंसा पेंच
अंचल में कैंसर मरीजों की जांच एवं उपचार के सबसे बड़े केन्द्र की स्थापना शुरू से लापरवाही का शिकार रही है। दो साल से स्टेट कैंसर इंस्टीट््यूट को शुरु करने के दावे किए जाते रहे है। लेकिन आर्थिक तंगी से जूझ रही योजना की डेडलाइन हर बार आगे बढ़ती जा रही है। कोरोना काल में तेजी से सुविधाएं जुटाने के बाद अस्पताल के इस महीने शुरू करने की तैयारी थी। लंबी लेटलतीफी के बाद भवन तैयार है। फर्नीचर आ गए है। तो मामला ठेकेदार को अधूरे भुगतान में लटक गया है। इससे बचे हुए मामूली फिनिङ्क्षशग काम की चाल सुस्त पड़ गई है। भवन के हैंडओवर में देरी से कैंसर पीडि़तों को जल्द बेहतर इलाज मिलने की उम्मीद टूट रही है।
यहां उलझ गया मामला
कैंसर इंस्टीट््यूट भवन के लिए पहले लगभग 50 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे। बाद में अन्य आधुनिक सुविधाओं के लिए 17 करोड़ रुपए मिले। इस काम को लगभग पूरा करने के बाद ठेकेदार ने 4 करोड़ रुपए 72 लाख रुपए की मांग की। फरवरी-मार्च का बजट समय पर नहीं मिलने 72 लाख रुपए का भुगतान रुक गया।
ये काम आखिरी स्टेज में आकर रुके
इंस्टीट््यूट की बिङ्क्षल्डग करीब एक साल से बनकर तैयार है। अतिरिक्त बजट से फायर फायङ्क्षटग, फायर अलार्म, भवन को वातानुकूलित सुविधा से लैस भी किया जा चुका है। सिर्फ कुछ जगह पर सीङ्क्षलग का मामूली कार्य, बाहर लैंड स्केङ्क्षपग और फर्नीचर को जमाना बाकी है। ये काम भुगतान में विलंब से आखिरी चरण में आकर रुक गए हैं।
आधुनिक जांच व थैरेपी होगी
स्टेट कैंसर इंस्टीट््यूट को सबसे आधुनिक कैंसर डायग्नोसिस एवं ट्रीटमेंट सेंटर बनाने का प्रस्ताव है। थैरेपी के लिए अत्याधुनिक लीनियर एक्सीलेटर मशीन लगना है। एंडोस्कॉपी, ब्रांकोस्कोपी, कोलोस्कोपी, काल्पोस्कोपी सहित कई आधुनिक उपकरण होंगे। विशेषज्ञ डॉक्टर, नर्स, टेक्नीशियन, पैरामेडिकल मिलाकर ढाई सौ लोगों का स्टाफ होगा। मरीजों को जांच, उपचार, थैरेपी के लिए नागपुर, भोपाल, मुंबई तक दौड़ाने की जरूरत नहीं रहेगी।
ये है स्थिति
कॉलेज में
150 से ज्यादा मरीज की प्रतिदिन ओपीडी
10 इसमें जांच में कैंसर पीडि़त मिल रहे है
130 के लगभग मरीजों की थैरेपी हो रही है
53 बिस्तर मौजूदा कैंसर अस्पताल में अभी
योजना में
2014 में स्थापना की घोषणा हुई
2018 से उपचार शुरू हो जाना था
4 बार डेडलाइन चार साल में बढी
1 माह का काम एक साल से बाकी
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