सैकड़ों पुलिसवालों को चूना लगा चुका है नकली टांग बनवाने के नाम पर पैसे ठगने वाले दिव्यांग, खबर छपने के बाद कई पुलिसवालों के आए फोन

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सैकड़ों पुलिसवालों को चूना लगा चुका है नकली टांग बनवाने के नाम पर पैसे ठगने वाले दिव्यांग, खबर छपने के बाद कई पुलिसवालों के आए फोन

सैकड़ों पुलिसवालों को चूना लगा चुका है नकली टांग बनवाने के नाम पर पैसे ठगने वाले दिव्यांग, खबर छपने के बाद कई पुलिसवालों के आए फोन

नई दिल्ली: ‘टांग कटी थी और बैसाखी के सहारे चल रहा था। दिल्ली पुलिस में एसआई रहे पिता की मौत का दावा भी कर रहा था। नकली टांग के लिए मदद की गुहार लगा रहा था। मानवता के नाते छोटी सी मदद करने के लिए हाथ बढ़ा दिया। ये नहीं पता था कि वो इस तरह से ठगी को अंजाम दे रहा था’, ये बात एनबीटी में सोमवार को ‘एसएचओ से ऐंठे 2000 रुपये, एसीपी से 21000 रुपये मांगने पर पकड़ा गया’ शीर्षक से छपी खबर पढ़ने के बाद एक पुलिस अफसर ने कही। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी अतुल कुमार उर्फ मोनू (23) अब तक सैकड़ों पुलिसवालों को चूना लगा चुका है।

पुलिस अफसरों ने बताया कि एनबीटी में खबर छपने के बाद उनके पास कई जिलों के पुलिसकर्मियों और अफसरों के कॉल आने लगे हैं। इससे पता चला कि ये करीब 4-5 महीनों से इस तरह से पुलिसवालों से वसूली कर रहा था। दिल्ली पुलिस के सब इंस्पेक्टरों का एक पूरा बैच इसका शिकार बना, जिन्होंने मिलकर मदद के नाम पर इसे मोटी रकम दी। साथ ही 3 जिलों के पुलिस अफसरों ने अपने इलाकों में भी ठगी होने की बात बताई है। इसी तरह ईस्ट दिल्ली के पांडव नगर इलाके की एक मार्केट वेलफेयर असोसिएशन ने भी इसकी मदद के लिए मोटा चंदा इकट्ठा किया था। कुछ आरडब्ल्यूए से भी पैसा लेने की बात सामने आ रही है। आशंका है कि ये पैसा भी पुलिस के जरिए ही जुटाया गया होगा।

नकली टांग बनवाने के नाम पर दिव्यांग ने SHO से ऐंठे ₹2000, ACP से ₹21000 मांगने पर पकड़ा गया
पुलिस अफसरों ने बताया कि शुरुआती जांच से लग रहा है कि शिकार पुलिसकर्मियों की तादाद सैकड़ों तक जा सकती है, क्योंकि एक पूरे बैच ने ही इसे पैसा इकट्ठा कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि कई पुलिसकर्मी या अफसर छोटी रकम होने और झिझक की वजह से सामने आने से परहेज भी कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। कई जानकारियां आरोपी से भी मिली हैं, जिन्हें वेरिफाई किया जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद पता लग सकेगा कि मदद के नाम पर आरोपी कितने पुलिसकर्मियों को अपना शिकार बना चुका है और कितने रुपये इकट्ठे किए।

21000 रुपये लेने के लिए अड़ने पर फंसा

एसीपी सीमापुरी के ऑफिस में शनिवार को आरोपी मदद मांगने पहुंचा था। डीसीपी के भेजे जाने का दावा करते हुए 21000 रुपये की डिमांड की। एसीपी के रीडर ने 2000 रुपये दे दिए। वो एसीपी से 21000 रुपये लेने पर अड़ गया। शक होने पर एसीपी ने डीसीपी से बात की तो भांडा फूट गया। एक एसएचओ से भी 2000 रुपये लाने का खुलासा हुआ। यूपी के इटावा निवासी इसके पिता रणवीर सिंह से बात की, जिन्होंने बताया कि वो दिल्ली पुलिस में कभी नहीं रहे। जीटीबी एनक्लेव थाने में ठगी का केस दर्ज कर लिया गया। दिव्यांग होने की वजह से आरोपी को बाउंड डाउन कर छोड़ दिया गया।

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