सुप्रीम कोर्ट ने ‘द केरल स्टोरी’ से बैन हटाया, ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका h3>
सुप्रीम कोर्ट से ममता बनर्जी की पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को सर्वोच्च अदालत ने ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म पर राज्य में लगे बैन को रद्द कर दिया है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अदालत ने इसके साथ ही तमिलनाडु सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह राज्य में फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए सुरक्षा मुहैया करवाए। कोर्ट का यह फैसला फिल्म मेकर्स की ओर से बैन के खिलाफ दाखिल अर्जी पर आया है। कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार के पास फिल्म को बैन करने के लिए कोई पुख्ता कारण नहीं हैं।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अदालत ने यह भी साफ किया है कि वह खुद भी ‘The Kerala Story’ फिल्म देखेंगे। दरअसल, कोर्ट में ‘द केरल स्टोरी’ को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलने को चुनौती देने वाले मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ भी एक याचिका आई। इस पर CJI ने कहा कि वह इसे सुनवाई के लिए छुट्टियों के बाद लिस्ट करेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वह इसके लिए पहले फिल्म देखेंगे। फिल्म पर बैन लगाने की मांग वाली इन याचिकाओं पर अब जुलाई महीने में सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा कि फिल्म उन्हें भी देखने की जरूरत है, क्योंकि मद्रास हाई कोर्ट पहले ही केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) सर्टिफिकेट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर चुका है।
पश्चिम बंगाल सरकार का आदेश ‘अतिव्यापकता’ से ग्रस्त
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के 8 मई के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि यह ‘अतिव्यापकता’ से ग्रस्त है। मेकर्स ने पश्चिम बंगाल में बैन के साथ ही तमिलनाडु में सुरक्षा के मद्देनजर फिल्मों की स्क्रीनिंग बंद किए जाने के खिलाफ भी अर्जी लगाई थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने तमिलनाडु सरकार को फिल्म की स्क्रीनिंग और फिल्म देखने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मेकर्स बोले- हम एक और डिस्क्लेमर लगाने को तैयार, आंकड़े पुख्ता नहीं
अदालत में निर्माताओं की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि वह फिल्म में एक और डिस्क्लेमर जोड़ने को तैयार हैं, जिसमें यह साफ तौर पर लिखा होगा कि उनके पास 32000 या ऐसे किसी आंकड़े को लेकर कोई पुख्ता सबूत या कोई प्रामाणिक डेटा नहीं है। यह पूरी तरह से विषय पर आधारित एक काल्पनिक फिल्म है।
द केरल स्टोरी
कोर्ट ने कहा- कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य की जिम्मेदारी
कोर्ट ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार का कर्तव्य है, क्योंकि फिल्म को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट दे दिया है। ऐसे में इस पर रोक का कोई पुख्ता तर्क नहीं है। इस पर जब पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जब अदालत को टोका तो चीफ जस्टिस ने कहा, ‘खराब फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाका करती हैं?’
साल्वे बोले- सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट के खिलाफ अपील संभव नहीं
फिल्म के निर्माता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट देने के खिलाफ राज्य अपील नहीं कर सकते। इस पर चीफ जस्टिस की अदालत ने संकेत दिया कि वह फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश पर रोक लगा सकती है। साल्वे ने तत्काल दलील दी कि किसी ने भी फिल्म को सर्टिफिकेट दिए जाने के खिलाफ कोई वैधानिक अपील दायर नहीं की है। उन्होंने अपनी दलीलों को पुष्ट करने के लिए कई पुराने आदेशों का हवाला दिया, जिसमें यह माना गया कि सुप्रीम कोर्ट सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट के खिलाफ अपील पर सुनवाई नहीं कर सकता।
द केरल स्टोरी
13 दिनों में 155 करोड़ रुपये कमा चुकी है ‘द केरल स्टोरी’
अदा शर्मा स्टारर ‘द केरल स्टोरी’ बीते 5 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। सुदीप्तो सेन के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 155 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर चुकी है। फिल्म में दिखाया गया है कि केरल की महिलाओं को इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया गया और आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट में भर्ती किया गया था।
CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अदालत ने यह भी साफ किया है कि वह खुद भी ‘The Kerala Story’ फिल्म देखेंगे। दरअसल, कोर्ट में ‘द केरल स्टोरी’ को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट मिलने को चुनौती देने वाले मद्रास हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ भी एक याचिका आई। इस पर CJI ने कहा कि वह इसे सुनवाई के लिए छुट्टियों के बाद लिस्ट करेंगे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वह इसके लिए पहले फिल्म देखेंगे। फिल्म पर बैन लगाने की मांग वाली इन याचिकाओं पर अब जुलाई महीने में सुनवाई होगी। कोर्ट ने कहा कि फिल्म उन्हें भी देखने की जरूरत है, क्योंकि मद्रास हाई कोर्ट पहले ही केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) सर्टिफिकेट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर चुका है।
पश्चिम बंगाल सरकार का आदेश ‘अतिव्यापकता’ से ग्रस्त
कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के 8 मई के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा कि यह ‘अतिव्यापकता’ से ग्रस्त है। मेकर्स ने पश्चिम बंगाल में बैन के साथ ही तमिलनाडु में सुरक्षा के मद्देनजर फिल्मों की स्क्रीनिंग बंद किए जाने के खिलाफ भी अर्जी लगाई थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने तमिलनाडु सरकार को फिल्म की स्क्रीनिंग और फिल्म देखने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
मेकर्स बोले- हम एक और डिस्क्लेमर लगाने को तैयार, आंकड़े पुख्ता नहीं
अदालत में निर्माताओं की ओर से वकील हरीश साल्वे ने कहा कि वह फिल्म में एक और डिस्क्लेमर जोड़ने को तैयार हैं, जिसमें यह साफ तौर पर लिखा होगा कि उनके पास 32000 या ऐसे किसी आंकड़े को लेकर कोई पुख्ता सबूत या कोई प्रामाणिक डेटा नहीं है। यह पूरी तरह से विषय पर आधारित एक काल्पनिक फिल्म है।
द केरल स्टोरी
कोर्ट ने कहा- कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य की जिम्मेदारी
कोर्ट ने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य सरकार का कर्तव्य है, क्योंकि फिल्म को सेंसर बोर्ड ने सर्टिफिकेट दे दिया है। ऐसे में इस पर रोक का कोई पुख्ता तर्क नहीं है। इस पर जब पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जब अदालत को टोका तो चीफ जस्टिस ने कहा, ‘खराब फिल्में बॉक्स ऑफिस पर धमाका करती हैं?’
साल्वे बोले- सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट के खिलाफ अपील संभव नहीं
फिल्म के निर्माता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि फिल्म को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट देने के खिलाफ राज्य अपील नहीं कर सकते। इस पर चीफ जस्टिस की अदालत ने संकेत दिया कि वह फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश पर रोक लगा सकती है। साल्वे ने तत्काल दलील दी कि किसी ने भी फिल्म को सर्टिफिकेट दिए जाने के खिलाफ कोई वैधानिक अपील दायर नहीं की है। उन्होंने अपनी दलीलों को पुष्ट करने के लिए कई पुराने आदेशों का हवाला दिया, जिसमें यह माना गया कि सुप्रीम कोर्ट सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट के खिलाफ अपील पर सुनवाई नहीं कर सकता।
द केरल स्टोरी
13 दिनों में 155 करोड़ रुपये कमा चुकी है ‘द केरल स्टोरी’
अदा शर्मा स्टारर ‘द केरल स्टोरी’ बीते 5 मई को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। सुदीप्तो सेन के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर 155 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर चुकी है। फिल्म में दिखाया गया है कि केरल की महिलाओं को इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया गया और आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट में भर्ती किया गया था।