सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर जहांगीरपुरी पहुंचीं वृंदा कारत, बोलीं- फैसला लागू करवाने आई हूं h3>
नई दिल्ली: भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी माकपा (CPI)(M) नेता वृंदा कारत सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर जहांगीरपुरी में उस जगह पर पहुंचीं जहां अतिक्रमण हटाओ अभियान चल रहा है। उच्चतम न्यायालय ने जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जहांगीरपुरी में अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है। अधविक्ता दुष्यंत दवे की दलील को मानते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जहांगीरपुरी में यथास्थिति बरकरार रखी जाए। माकपा नेता और मामले में याचिकाकर्ता वृदां कारत ने मौके पर पहुंचकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 10.45 बजे ही यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश पारित कर दिया था। मैं यहां आदेश लागू करवाने के लिए आई हूं। ध्यान रहे कि जहांगीरपुरी में बुलडोजर की कार्रवाई रुक गई है।
वृंदा ने पुलिस अधिकारी से की बात
वृंदा कारत ने जहांगीपुरी में तैनात पुलिस के आला अधिकारी से बात की। उन्होंने बातचीत के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस ने उन्हें आदेश के मुताबिक बुलडोजर की कार्रवाई रोक दी जाएगी। कारत ने कहा, ‘मैं सिर्फ एक बात को लेकर यहां आई हूं कि जो तोड़-फोड़ हो रही थी, वह मेरी समझ में गैर-कानूनी, संविधान विरोधी थी। हमारे वरिष्ठ वकीलों ने आज सुप्रीम कोर्ट में दलील दी। सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया, लेकिन मुझे पता चला कि आदेश के बावजूद तोड़-फोड़ चल रही थी। इसलिए मैं यहां आई।’ उन्होंने कहा कि ‘मेरी जिम्मेदारी है कि अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहूं। हमारे यहां स्पेशल पुलिस कमिश्नर दीपक पाठक से बात हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब यहां बुलडोजर नहीं चलेगा।’

कानून, संविधान, अधिकारों की धज्जियां उड़ाई गईं: कारत
वृंदा ने बताया कि वो यहां पहुंची तो उन्होेंने देखा कि बुलडोजर चल रहा है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘यह तो अदालत का अपमान है। मैंने रुकवाने का प्रयास किया, लेकिन तब सीनियर ऑफिसर मौजूद नहीं थे। जब वो आए तो उनके बातचीत हुई। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश बताए तो उन्होंने खुद कहा कि बुलडोजर रुकेगा। मैंने साफ कहा कि आप अदालत की अवमानना कर रहे हैं। आप कानून, संविधान, व्यक्तिगत अधिकारों की धज्जियां उड़ा दीं, लेकिन कम-से-कम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का तो सम्मान कीजिए। मैंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी दिखा दी और फिर अधिकारी ने बुलडोजर रोकने का आश्वासन दिया।’
वृंदा ने पुलिस अधिकारी से की बात
वृंदा कारत ने जहांगीपुरी में तैनात पुलिस के आला अधिकारी से बात की। उन्होंने बातचीत के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि पुलिस ने उन्हें आदेश के मुताबिक बुलडोजर की कार्रवाई रोक दी जाएगी। कारत ने कहा, ‘मैं सिर्फ एक बात को लेकर यहां आई हूं कि जो तोड़-फोड़ हो रही थी, वह मेरी समझ में गैर-कानूनी, संविधान विरोधी थी। हमारे वरिष्ठ वकीलों ने आज सुप्रीम कोर्ट में दलील दी। सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने का आदेश दिया, लेकिन मुझे पता चला कि आदेश के बावजूद तोड़-फोड़ चल रही थी। इसलिए मैं यहां आई।’ उन्होंने कहा कि ‘मेरी जिम्मेदारी है कि अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने को कहूं। हमारे यहां स्पेशल पुलिस कमिश्नर दीपक पाठक से बात हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब यहां बुलडोजर नहीं चलेगा।’
कानून, संविधान, अधिकारों की धज्जियां उड़ाई गईं: कारत
वृंदा ने बताया कि वो यहां पहुंची तो उन्होेंने देखा कि बुलडोजर चल रहा है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘यह तो अदालत का अपमान है। मैंने रुकवाने का प्रयास किया, लेकिन तब सीनियर ऑफिसर मौजूद नहीं थे। जब वो आए तो उनके बातचीत हुई। उन्हें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश बताए तो उन्होंने खुद कहा कि बुलडोजर रुकेगा। मैंने साफ कहा कि आप अदालत की अवमानना कर रहे हैं। आप कानून, संविधान, व्यक्तिगत अधिकारों की धज्जियां उड़ा दीं, लेकिन कम-से-कम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का तो सम्मान कीजिए। मैंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कॉपी दिखा दी और फिर अधिकारी ने बुलडोजर रोकने का आश्वासन दिया।’