सीवान के 27 में से 11 थानों में फायर टेंडर: मुख्यालय में केवल 2 गाड़ियां उपलब्ध, इनकी जलवहन क्षमता मात्र 400 लीटर – Siwan News h3>
गर्मी के मौसम में सीवान में आगजनी की घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है। इन घटनाओं में जान-माल का भारी नुकसान हो रहा है। ज्यादातर किसानों को तबाही का तब सामना करना पड़ता है, जब उनकी खड़ी फसलें और खलिहान जलकर राख हो जाती हैं। जिले में अग्निशमन सेवाओं
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सीमित संसाधन और बढ़ती चुनौतियां
सीवान का मुख्य अग्निशमन केंद्र शहर में स्थित है, जिससे ग्रामीण इलाकों तक समय पर सहायता नहीं पहुंच पाती। अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी आशीष कुमार के अनुसार, जिले के 27 थानों में से केवल 11 थानों में ही अग्निशमन की गाड़ियां उपलब्ध हैं। इनमें से ज्यादातर गाड़ियां छोटी हैं, जिनकी जल वहन क्षमता मात्र 400 लीटर पानी और 50 लीटर झाग तक सीमित है।
वर्तमान में सीवान मुख्यालय में एक बड़ी और एक छोटी अग्निशमन गाड़ी है, जबकि महाराजगंज अनुमंडल में 2 बड़ी गाड़ियां उपलब्ध हैं। छोटी गाड़ी पर एक चालक और दो अग्निक तैनात हैं, जबकि बड़ी गाड़ी में एक चालक, एक हवलदार और चार अग्निक की प्रतिनियुक्ति है।
जल पुनपूर्ति की समस्या
अग्निशमन गाड़ियों में पानी भरने की सुविधा सिर्फ मुख्यालय स्थित मुख्य कार्यालय में उपलब्ध है। अन्य गाड़ियों को पानी भरने के लिए पीएचडी टैंकी और स्थानीय सबमर्सिबल पंपों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिससे आग बुझाने की प्रक्रिया में अनावश्यक देरी होती है।
अग्निशमन कर्मियों की चुनौतियां
हवलदार मोनू कुमार के अनुसार, गाड़ियों की संख्या कम होने और शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या के कारण घटनास्थल तक पहुंचने में देर हो जाती है। इस वजह से अग्निशमन कर्मियों को न केवल आग से लड़ना पड़ता है, बल्कि स्थानीय लोगों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही उनकी टीम मात्र दो मिनट के भीतर रवाना हो जाती है और 24×7 तत्पर रहती है।
अग्निक चालक गोविंदा कुमार राय ने बताया कि सायरन बजाने के बावजूद शहर में लोग गाड़ियों को साइड नहीं देते, जिससे घटनास्थल तक पहुंचने में और भी देर हो जाती है। उन्होंने जनता से अपील की कि फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को प्राथमिकता देकर उन्हें रास्ता दिया जाए ताकि समय रहते जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
संसाधनों की कमी से जूझती सेवा
अग्निक सिपाही रूपेश कुमार पासवान ने बताया कि सरकार की ओर से अग्निशमन कर्मियों को फायर जैकेट, विशेष जूते और ऑक्सीजन मशीन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन बड़ी आग की स्थिति में छोटी गाड़ियों की सीमित पानी क्षमता से बड़ी परेशानी होती है। जिले में पानी भरने की मशीन सिर्फ मुख्यालय स्तर पर उपलब्ध होने के कारण ग्रामीण इलाकों में अग्निशमन सेवा बाधित होती है।
समाधान के लिए आवश्यक कदम
दैनिक NEWS4SOCIALटीम की पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि जिले के 22 थानों में से केवल 11 थानों में ही अग्निशमन की गाड़ियां उपलब्ध हैं। इस वजह से आग पर समय रहते काबू पाना मुश्किल हो जाता है।
स्थिति को सुधारने के लिए आवश्यक है कि ग्रामीण इलाकों में अग्निशमन प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान चलाया जाए। खेतों और गांवों में जल स्रोतों की उचित व्यवस्था की जाए। यातायात प्रबंधन में सुधार किया जाए ताकि फायर ब्रिगेड की गाड़ियां जल्द घटनास्थल तक पहुंच सकें। जिले में अग्निशमन गाड़ियों और अन्य संसाधनों की संख्या बढ़ाई जाए।
जनता से अपील
फायर ब्रिगेड कर्मियों ने आम जनता से अपील की है कि जब भी अग्निशमन की गाड़ियां सायरन बजाते हुए गुजरें, तो उन्हें तुरंत रास्ता दें। यह एक छोटी सी सावधानी किसी का घर या किसी की जान बचा सकती है। प्रशासन और जनता के सहयोग से ही आगजनी की घटनाओं को नियंत्रित किया जा सकता है।