सीनियर IAS अफसर को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी: RPSC चेयरमैन की रेस में 2 अधिकारी, सबसे ताकतवर विभाग से हटाकर हो सकती है नियुक्ति – Rajasthan News

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सीनियर IAS अफसर को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी:  RPSC चेयरमैन की रेस में 2 अधिकारी, सबसे ताकतवर विभाग से हटाकर हो सकती है नियुक्ति – Rajasthan News

सीनियर IAS अफसर को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी: RPSC चेयरमैन की रेस में 2 अधिकारी, सबसे ताकतवर विभाग से हटाकर हो सकती है नियुक्ति – Rajasthan News

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को जल्द ही नया पूर्णकालिक अध्यक्ष मिल सकता है। इस पद की रेस में सरकार के सबसे ताकतवर माने जाने वाले दो विभागों के अफसर हैं। सूत्रों की मानें तो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आनंद कुमार और अभय कुमार में से किसी एक को अध्यक्ष बनाया

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आनंद कुमार अभी गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। यह विभाग मुख्यमंत्री के पास है। आनंद कुमार गहलोत राज के उन दो अधिकारियों में शामिल हैं, जिन्हें सत्ता परिवर्तन के बाद भी पद से नहीं हटाया। वहीं अभय कुमार जल संसाधन विभाग में एसीएस हैं।

ब्यूरोक्रेसी के टॉप विभागों में से किसी अफसर को RPSC का जिम्मा दिए जाने के पीछे आयोग की बिगड़ी साख को माना जा रहा है। सरकार नहीं चाहती कि उसके कार्यकाल में एक भी भर्ती विवादित हो।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय कुमार श्रोत्रिय का कार्यकाल 1 अगस्त 2024 को खत्म हो गया था। फिलहाल कैलाश चन्द मीणा आरपीएससी के कार्यवाहक अध्यक्ष हैं। यह पद काफी समय से खाली चल रहा है।

स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए- कौन हैं RPSC चेयरमैन पद के प्रमुख दावेदार, आखिर क्यों किसी बड़े महकमे का जिम्मा संभाल रहे अफसरों नियुक्ति देने की तैयारी है…

1. RPSC चेयरमैन पद की रेस में हैं आईएएस आनंद कुमार

1994 बैच के आईएएस आनंद कुमार सबसे ताकतवर माने जाने वाले गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव हैं। पिछली गहलोत सरकार के समय से अक्टूबर 2022 से इस पद पर कार्यरत हैं। पहले प्रमुख शासन सचिव के रूप में कार्यरत थे, लेकिन बाद में प्रमोशन होकर दिसंबर 2023 में अतिरिक्त मुख्य सचिव बने थे।

मुख्यमंत्री की पहली पसंद क्यों?

आनंद कुमार सीएम भजन लाल शर्मा की पहली पसंद बने हुए हैं। मुख्यमंत्री के गृह जिले भरतपुर के कलेक्टर रहे हैं। आनंद कुमार पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेहद करीबी अफसर में माने जाते थे, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद आनंद कुमार सीएम भजनलाल शर्मा का विश्वास जीतने में भी सफल रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आनंद कुमार को राजस्थान लोक सेवा आयोग का (RPSC) अध्यक्ष बनाया जा सकता है।

2. 1992 बैच के अधिकारी हैं अभय कुमार

1992 बैच के अधिकारी अभय कुमार अब अतिरिक्त मुख्य सचिव, जल संसाधन विभाग, राज्य जल संसाधन आयोजना विभाग, राजस्थान के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। अभय कुमार 2022 में ग्रामीण विभाग एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर तैनात थे। इससे पहले 2020 में गृह विभाग में प्रिंसिपल सेक्रेटरी थे। प्रमोशन पाकर गृह विभाग में ही अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर कार्यरत रहे।

मुख्यमंत्री की पसंद क्यों?

अभय कुमार सख्त फैसले लेने के लिए जाने जाते हैं। पिछली गहलोत सरकार में भी कोरोना काल में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया था। गहलोत सरकार में अभय कुमार गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव थे। पेपर लीक जैसे घटनाओं पर अंकुश के लिए सरकार को ऐसे ही अधिकारी चाहिए।

वर्ष 2018 में दीपक उप्रेती को गृह विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव की जगह आरपीएससी का जिम्मा दिया गया था।

वसुंधरा राजे ने उप्रेती को ACS रहते बनाया था RPSC का अध्यक्ष

राजस्थान में पहले भी टॉप विभागों के अफसरों को आयोग में नियुक्ति मिली है। गृह विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक उप्रेती को राजस्थान लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था। 23 जुलाई 2018 को तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर तैनात दीपक उप्रेती को आरपीएससी का अध्यक्ष बनाया था। दीपक उप्रेती सीनियर आईएएस अधिकारी थे और रिटायरमेंट तक अपने पद पर बने रहे थे।

सरकार ने घोषित कर रखी हैं भर्तियां, नहीं चाहती किसी भर्ती पर विवाद हो

राजस्थान में भर्ती परीक्षाएं समय पर और बिना पेपर लीक हुए आयोजित करवाना पिछले कुछ साल से बड़ी चुनौती बनी हुई है। आरपीएससी ने 31 डिपार्टमेंट में 162 परीक्षाओं का कैलेंडर भी जारी कर रखा है। हाल ही में बजट में भी करीब एक लाख भर्तियों की घोषणा हुई है।

ऐसे में सरकार नहीं चाहती है कि किसी भी भर्ती पर विवाद हो, इसलिए आयोग को ऐसा अफसर चाहिए जो सख्ती से परीक्षाएं आयोजित करवा सके। वहीं, तमाम भर्तियां तय समय पर पूरी हों, इसलिए पूर्णकालिक अध्यक्ष की नियुक्ति में वरिष्ठ आईएएस को जिम्मा देना चाहती है। भरोसेमंद अफसर को आरपीएससी का जिम्मा सौंपने के पीछे भी यही वजह है कि संस्था की साख फिर से बन सके।

विवादों में रही है आरपीएससी

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) हाल के वर्षों में कई विवादों में घिरी रही है। जिनमें पेपर लीक, भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं और सदस्यों की नियुक्ति पर सवाल प्रमुख रहे हैं। कैबिनेट मंत्री किरोड़़ी लाल मीणा आरपीएससी अध्यक्ष पर धांधली के आरोप लगाते रहे हैं। एसआई भर्ती परीक्षा 2021 में पेपर लीक मामले में आरपीएससी की भूमिका पर सवाल उठने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी।

आरपीएससी सदस्यों की नियुक्ति में राजनीतिक प्रभाव और पारदर्शिता की कमी के आरोप लगते रहे हैं। आरएएस और अन्य भर्तियों में अनियमितताओं, जैसे कि उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में गड़बड़ी और कट-ऑफ में अंतर के आरोप भी लगते रहे हैं। किरोड़ी लाल मीणा ने कुछ सदस्यों की पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं में संलिप्तता के आरोप लगाए थे। इससे आयोग की छवि धूमिल हुई है।

पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया गया आरोपी रामूराम राईका को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने आरपीएससी का सदस्य बनाकर उपकृत किया था। 4 जुलाई 2018 को आरपीएससी का सदस्य बनाया गया। राईका का कार्यकाल 4 जुलाई 2022 तक रहा। सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 की लिखित परीक्षा के दौरान रामूराम राईका आरपीएससी का सदस्य था। इससे पहले बाबूलाल कटारा पर पेपर लीक के आरोप लगे थे। इस संबंध में कटारा को गिरफ्तार भी किया गया था।

वरिष्ठ शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में आरपीएससी के सदस्य रहे बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार किया गया था।

मुख्यमंत्री की पंसद रखती है मायने

राजस्थान लोक सेवा आयोग का चेयरमैन ब्यूरोक्रेट्स बनते रहे हैं, लेकिन ऐसा भी नहीं है कि सरकार किसी IAS को ही यह जिम्मेदारी दे। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने 2017 में राधेश्याम गर्ग को आरपीएससी का चेयरमैन बनाया था। गर्ग उस समय राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के धौलपुर जिले के जिला संघचालक थे। इस्तीफा देकर चेयरमैन बने थे।

जानकारों के मुताबिक खाली चल रहे विभिन्न बोर्ड और आयोगों के पदों पर मुख्यमंत्री की पंसद के ही व्यक्ति को लगाया जाता रहा है। यह मायने नहीं रखता है कि वह व्यक्ति किस क्षेत्र से जुड़ा है। पिछली सरकार में अशोक गहलोत ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष पद मेजर जनरल आलोक राज को लगाया था। पूर्व सीएम अशोक गहलोत का कहना था कि सेना से जुड़े व्यक्ति की निष्ठा पर सवाल नहीं उठ सकता है।

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