सीनियर के दवाब में फाइनेंस कंपनी के कर्मी ने की आत्महत्या, लिखा- मेरी मौत का बदला लेंगे पिता – Bettiah (West Champaran) News h3>
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चौतरवा थाना क्षेत्र में आरबीएल फिन्सर फाइनेंस कंपनी के कलेक्शन कर्मी उज्ज्वल कुमार ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। 22 वर्षीय उज्ज्वल सिरिसिया का रहने वाला था। पुलिस को उसकी जेब से सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने एरिया मैनेजर पर लगातार टॉर्चर करने का आरोप लगाया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने बताया कि सुसाइड नोट के आधार पर जांच जारी है। परिजनों की ओर से अभी कोई आवेदन नहीं मिला। आवेदन मिलने के बाद कार्रवाई होगी। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। सुसाइड नोट में उज्ज्वल ने लिखा, “मैं उज्ज्वल कुमार, भानु सर (विजिलेंस), अविनाश कुमार (एएम), अम्बरेश तिवारी (बीएम), नरेश कुमार (बीएम) और प्रिंस कुमार (एबीएम) के दबाव में आत्महत्या कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि मेरे पापा इन चार लोगों से मेरे मरने का बदला जरूर लेंगे। यह लेटर जो मेरे पास है, जो मेरे पापा को देगा, उसका मैं आभारी रहूंगा। परिजनों ने बताया कि उज्ज्वल पिछले 11 महीने से कंपनी में काम कर रहा था। मंगलवार शाम करीब 6 बजे थाना से फोन आया कि उसने आत्महत्या कर ली है। जब परिजन करीब 7:30 बजे उसके कमरे पर पहुंचे तो शव बेड पर पड़ा था। कमरा फाइनेंस कार्यालय के पास ही था। उज्ज्वल दो बहनों का इकलौता भाई था। उसकी अभी शादी नहीं हुई थी। सुसाइड नोट, जो उज्ज्वल की जेब से मिला ।
लोन व कलेक्शन का रहता है टारगेट एक फाइनेंस कंपनी के कर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि न्यूली ब्रांच का टारगेट 25 से 30 और पुराने ब्रांच का टारगेट 5-7 होता है। कर्मी को महिला समूहों को खोजकर लोन दिलाना होता है। साथ ही लोन की रिकवरी की जिम्मेदारी भी उसी की होती है। मार्च के अंत तक टारगेट पूरा करने का दबाव रहता है। कई समूह तो बार बार तकादा के बाद भी नहीं किस्ती नहीं देते तो कुछ फरार भी हो जाते है। ऐसे में अधिकारियों का प्रेशर बना रहता है। अधिकतर कंपनियां महिला समूहों को ही लोन उपलब्ध कराती हैं।
लोन के चक्कर में कई परिवारों ने छोड़ा घर नरकटियागंज में प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों के लोन के कारण दो परिवार घर का सारा सामान बेचकर पलायन कर चुके हैं। नंदपुर नया टोला में मोहम्मद ताज आलम और मो. इस्लाम के घरों में ताले लगे हैं। लोगों ने बताया कि दोनों परिवार पांच महीने पहले घर छोड़कर फरार हो गए। इनकी पत्नियों ने विभिन्न फाइनेंस कंपनियों से लोन लिया था। लगातार तकादा के कारण ताज के परिवार ने घर का सारा सामान बेच दिया, लेकिन लोन नहीं चुका सके। इस्लाम की पत्नी ने बेटी की शादी के लिए दो लाख रुपये का लोन लिया था। लड़के के देख-दिखाई में पैसे खर्च हो गए। तकादा बढ़ने पर दोनों परिवारों को घर छोड़ना पड़ा। अब भी बंधन बैंक, भारत फाइनेंस बैंक, एक्सिस बैंक सहित कई प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारी वहां आते रहते हैं।
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चौतरवा थाना क्षेत्र में आरबीएल फिन्सर फाइनेंस कंपनी के कलेक्शन कर्मी उज्ज्वल कुमार ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। 22 वर्षीय उज्ज्वल सिरिसिया का रहने वाला था। पुलिस को उसकी जेब से सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने एरिया मैनेजर पर लगातार टॉर्चर करने का आरोप लगाया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अनुमंडलीय अस्पताल भेज दिया। थानाध्यक्ष संजीत कुमार ने बताया कि सुसाइड नोट के आधार पर जांच जारी है। परिजनों की ओर से अभी कोई आवेदन नहीं मिला। आवेदन मिलने के बाद कार्रवाई होगी। प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है। सुसाइड नोट में उज्ज्वल ने लिखा, “मैं उज्ज्वल कुमार, भानु सर (विजिलेंस), अविनाश कुमार (एएम), अम्बरेश तिवारी (बीएम), नरेश कुमार (बीएम) और प्रिंस कुमार (एबीएम) के दबाव में आत्महत्या कर रहा हूं। मुझे उम्मीद है कि मेरे पापा इन चार लोगों से मेरे मरने का बदला जरूर लेंगे। यह लेटर जो मेरे पास है, जो मेरे पापा को देगा, उसका मैं आभारी रहूंगा। परिजनों ने बताया कि उज्ज्वल पिछले 11 महीने से कंपनी में काम कर रहा था। मंगलवार शाम करीब 6 बजे थाना से फोन आया कि उसने आत्महत्या कर ली है। जब परिजन करीब 7:30 बजे उसके कमरे पर पहुंचे तो शव बेड पर पड़ा था। कमरा फाइनेंस कार्यालय के पास ही था। उज्ज्वल दो बहनों का इकलौता भाई था। उसकी अभी शादी नहीं हुई थी। सुसाइड नोट, जो उज्ज्वल की जेब से मिला ।
लोन व कलेक्शन का रहता है टारगेट एक फाइनेंस कंपनी के कर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि न्यूली ब्रांच का टारगेट 25 से 30 और पुराने ब्रांच का टारगेट 5-7 होता है। कर्मी को महिला समूहों को खोजकर लोन दिलाना होता है। साथ ही लोन की रिकवरी की जिम्मेदारी भी उसी की होती है। मार्च के अंत तक टारगेट पूरा करने का दबाव रहता है। कई समूह तो बार बार तकादा के बाद भी नहीं किस्ती नहीं देते तो कुछ फरार भी हो जाते है। ऐसे में अधिकारियों का प्रेशर बना रहता है। अधिकतर कंपनियां महिला समूहों को ही लोन उपलब्ध कराती हैं।
लोन के चक्कर में कई परिवारों ने छोड़ा घर नरकटियागंज में प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों के लोन के कारण दो परिवार घर का सारा सामान बेचकर पलायन कर चुके हैं। नंदपुर नया टोला में मोहम्मद ताज आलम और मो. इस्लाम के घरों में ताले लगे हैं। लोगों ने बताया कि दोनों परिवार पांच महीने पहले घर छोड़कर फरार हो गए। इनकी पत्नियों ने विभिन्न फाइनेंस कंपनियों से लोन लिया था। लगातार तकादा के कारण ताज के परिवार ने घर का सारा सामान बेच दिया, लेकिन लोन नहीं चुका सके। इस्लाम की पत्नी ने बेटी की शादी के लिए दो लाख रुपये का लोन लिया था। लड़के के देख-दिखाई में पैसे खर्च हो गए। तकादा बढ़ने पर दोनों परिवारों को घर छोड़ना पड़ा। अब भी बंधन बैंक, भारत फाइनेंस बैंक, एक्सिस बैंक सहित कई प्राइवेट फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारी वहां आते रहते हैं।