सीता माता की तपोभूमि पर शुरू हुआ पवित्र माघी मेला: मुंगेर के सीताकुंड में एक माह तक चलेगा आयोजन, हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बना मेला – Munger News

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सीता माता की तपोभूमि पर शुरू हुआ पवित्र माघी मेला:  मुंगेर के सीताकुंड में एक माह तक चलेगा आयोजन, हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बना मेला – Munger News

सीता माता की तपोभूमि पर शुरू हुआ पवित्र माघी मेला: मुंगेर के सीताकुंड में एक माह तक चलेगा आयोजन, हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बना मेला – Munger News

मुंगेर के प्रसिद्ध सीताकुंड में 30 दिवसीय माघी मेले का विधिवत उद्घाटन भाजपा विधायक प्रणव कुमार यादव, विधान पार्षद लाल मोहन गुप्ता और उप विकास आयुक्त अजीत कुमार द्वारा किया गया। दीप प्रज्वलन और फीता काटकर इस मेले की शुरुआत की गई, जो धार्मिक आस्था और स

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पौराणिक महत्व और धार्मिक आस्था

सीताकुंड स्थल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि यहीं माता सीता ने अपनी पवित्रता सिद्ध करने के लिए अग्नि परीक्षा दी थी। इस स्थान पर स्थित सीता कुंड का जल गर्म रहता है, जो आज भी वैज्ञानिकों और श्रद्धालुओं के लिए एक रहस्य बना हुआ है। आसपास राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के नाम पर चार अन्य कुंड हैं, जिनका पानी ठंडा रहता है।

सीता कुंड का जल साल के आठ महीने तक शुद्ध रहता है, और माघी पूर्णिमा पर यहां स्नान करने का विशेष महत्व है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि इस पवित्र जल में स्नान करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

मेला बना हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक

सीताकुंड मेला न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि यह सामाजिक सौहार्द का भी प्रतीक बन गया है। मेले के आयोजन में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों का महत्वपूर्ण योगदान है। मुस्लिम परिवार अपने घरों में श्रद्धालुओं को ठहरने की सुविधा देते हैं और मेला आयोजन को सफल बनाने में सहयोग करते हैं। यह मेला सामुदायिक एकता और भाईचारे की मिसाल पेश करता है।

मेले में मनोरंजन और व्यापार का संगम

मेले में श्रद्धालुओं और पर्यटकों के मनोरंजन के लिए बड़े झूले, ब्रेक डांस, ड्रैगन झूले जैसे आकर्षण मौजूद हैं। इसके साथ ही लकड़ी के फर्नीचर और अन्य हस्तशिल्प उत्पादों की बिक्री मेले की खासियत है। कई जिलों से व्यापारी यहां सस्ते दामों पर अपने उत्पाद बेचने आते हैं, जिससे ग्रामीण और शहरी श्रद्धालु खरीदारी का लाभ उठा पाते हैं।

विधायक ने सीताकुंड को राजकीय मेला का दर्जा देने की मांग की

भाजपा विधायक प्रणव कुमार यादव ने सीताकुंड के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए इसे राजकीय मेला का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से इस पवित्र स्थल को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना सकेगा।

आकर्षण का केंद्र: माघी पूर्णिमा

माघी पूर्णिमा के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस दिन मुंडन संस्कार और पूजा-अर्चना के लिए विशेष आयोजन होता है। सीताकुंड विकास समिति ने क्षेत्र को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया है, जो श्रद्धालुओं के उत्साह को और बढ़ा रहा है।

सीताकुंड मेला धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक समृद्धि और सामुदायिक एकता का अद्भुत उदाहरण है, जो हर साल हजारों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।

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