सीतामढ़ी में एक गैर सरकारी संस्था ने महिलाओं को योजना का लाभ दिलाने के नाम पर लूट लिया, जानें पूरी कहानी

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सीतामढ़ी में एक गैर सरकारी संस्था ने महिलाओं को योजना का लाभ दिलाने के नाम पर लूट लिया, जानें पूरी कहानी

सीतामढ़ी में एक गैर सरकारी संस्था ने महिलाओं को योजना का लाभ दिलाने के नाम पर लूट लिया, जानें पूरी कहानी


सीतामढ़ी: जिले के परिहार प्रखंड मुख्यालय स्थित एक एनजीओ यहां की भोली-भाली जनता को नौकरी दिलाने समेत अन्य तरह प्रलोभन देकर लाखों रूपये की वसूली कर चुकी है। करीब दो माह से एनजीओ के कार्यालय में ताला लटके होने एवं संचालक के फरार होने के कारण लोग पूरी तरह यह मान चुके है कि वे ठगी के शिकार बन गये हैं। अब लोग मेहनत की गाढ़ी कमाई हाथ से निकल जाने के कारण बेचैन, हताश हैं। वे ‘दीपक’ लेकर एनजीओ संचालक को ढूंढ रहे हैं। बताया गया है कि परिहार में करीब पांच माह पूर्व उक्त एनजीओ जीवन सहारा का कार्यालय खुला था। इस संस्था के एक भी अधिकारी स्थानीय नहीं हैं। दो-चार कर्मी हैं, जो स्थानीय हैं। ये कर्मी फील्ड/कार्यालय का काम देखते हैं।

किस योजना के नाम पर कितना वसूली

बताया गया है कि सिलाई – कटाई के प्रशिक्षण के नाम पर एनजीओ द्वारा 800 महिलाओं से 800 रूपये की दर से राशि की वसूली की गई है। वहीं, शिक्षक ट्रेनिंग के नाम पर 500 लोगों से 1800 की दर से वसूल की गई है। उक्त एनजीओ में कार्यरत एक महिला कर्मी ने बताया कि प्रसव के बाद सरकार से प्रति प्रसूति को छह हजार रूपये दिलाने के नाम पर एनजीओ ने अबतक 400 महिलाओं से 100 की दर से वसूली की जा चुकी है। महिलाकर्मी ने बताया कि संस्था ने विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर यहां के महिला एवं पुरूषों से अबतक करीब 20 लाख रूपये की ठगी की जा चुकी है। इतना ही नही, तीन से छह साल के बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा के नाम पर हर बच्चे के निबंधन फी के नाम पर 50 रूपया वसूला गया है। करीब 500 से अधिक बच्चों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इसके आलावा 12-12 महिलाओं का समूह गठित है। इस तरह का समूह करीब 200 है। समूहों में कुल 2400 महिला सदस्य है, जिनसे एनजीओ ने हर माह 100 रूपया वसूला।

कार्यालय नहीं आ रहे हैं अधिकारी

महिला कर्मी ने बताया कि परिहार में एनजीओ का कार्यालय नवंबर- 22 में भाड़े के मकान में खुला था, जो अधिकारी यहां नियमित आते थे, वो नौ फरवरी से आना बंद कर दिए हैं। इसी कारण आशंका है कि यहां के सैकड़ों महिला व पुरूष ठगी के शिकार बन गए हैं। ठगी की आशंका का दूसरा कारण यह है कि बाहर से आने वाले संस्था के अधिकारी पैसे का लेन-देन बैंक के माध्यम से नहीं, बल्कि नगद ही करते थे। अधिकारी नगद ही यहां से लाखों रूपये लेकर जाते थे। बताया कि संस्था के दो अधिकारी हैं। मनोज कुमार वैशाली जिला का, तो धर्मेंद्र कुमार मुजफ्फरपुर जिला का है। संस्था के इन दोनों संचालकों के आवासीय पता की जानकारी किसी कर्मी को नहीं है।

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विश्वास जमाने को रखा स्थानीय कर्मी

बताया गया है कि संस्था के उक्त दोनों संचालकों ने लोगों में विश्वास जमाने के लिए फील्ड व कार्यालय कर्मी के रूप में स्थानीय लोगों को रखा। हर कर्मी का वेतन 10 हजार रूपये था। कर्मी में परिहार के दीपक कुमार, अधगाई गांव की इंद्राशन कुमारी व विशनपुर के सुभाष कुमार शामिल है। इंद्राशन देवी आँफिस में काम देखती है, तो दोनों पुरूष फील्ड वर्कर हैं। बताया गया है कि एक संचालक धर्मेंद्र आठ फरवरी तक यहां किराए के मकान में पत्नी एवं बच्चों के साथ रहता था, जो अचानक नौ फरवरी से परिवार समेत नदारद हैं। कर्मियों ने बताया कि यह संस्था सुरसंड व बथनाहा के आलावा अन्य प्रखंडों में भी है। कर्मियों ने बताया कि उक्त संचालक सिर्फ और सिर्फ वाट्सऐप कॉलिंग ही बात करता था। इस बाबत संस्था के संचालक धर्मेंद्र कुमार से उनके मोबाइल नंबर- 8092381071 /9155237178 पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन स्विच ऑफ रहने के कारण उनका पक्ष नहीं लिया जा सका।
रिपोर्ट- अमरेंद्र

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