सीट जल्दी बांट लें; मुंबई में INDIA गठबंधन की मीटिंग से पहले हड़बड़ाने क्यों लगे नीतीश? h3>
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महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन की तीसरी बैठक से पहले विपक्षी एकता के सूत्रधार रहे बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने जल्दी सीट बंटवारा की जरूरत पर जोर दिया है। नीतीश कुमार का बैठक से तीन दिन पहले ये कहना कि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का संयोजक कोई और बनेगा और दो दिन पहले सीट बंटवारा जल्दी करने की बात उठाना संकेत है कि जून में पटना और जुलाई में बेंगलुरु में विपक्षी एकता की दो बैठक होने के बाद भी सीट बंटवारा पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने से वो चिंतित हैं। नीतीश ने ही सबसे पहले कहा था कि केंद्र की सरकार समय से पहले चुनाव करा सकती है जिस बात को अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उठाया है और कहा है कि बीजेपी ने सारे हेलिकॉप्टर बुक कर लिए हैं।
मुंबई में विपक्षी दलों की मीटिंग से पहले सीट बंटवारे पर नीतीश की हड़बड़ी की कई वजह हैं। एक तो जो वो कह रहे हैं कि केंद्र की बीजेपी सरकार समय से पहले चुनाव करवा सकती है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन जनवरी के अंत में होना है, उसके बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव में जाएंगे। फिर भी नीतीश और अब ममता बनर्जी को लगता है कि लोकसभा चुनाव तय समय यानी अप्रैल-मई से पहले हो सकता है। विपक्षी गठबंधन में सीट बंटवारे में देरी से पार्टी और कैंडिडेट दोनों को तैयारी के लिए मिलने वाला समय लगातार कम होता जा रहा है।
सीट बंटवारे पर दो बैठकों के बाद भी ठोस नतीजा नहीं निकला
नीतीश को दूसरी बात जो परेशान कर रही है वो यह है कि दो बैठकों के बाद भी अभी तक विपक्षी गठबंधन का स्वरूप सैद्धांतिक सहमति जैसा ही दिख रहा है। गठबंधन बनाया जा रहा है लोकसभा चुनाव में बीजेपी और एनडीए के कैंडिडेट्स के खिलाफ एक साझा कैंडिडेट देकर उन्हें हराने के लिए लेकिन उस दिशा में दो बैठक के बाद भी कुछ ठोस बात सामने नहीं आई है। बंगाल में टीएमसी, कांग्रेस और लेफ्ट उलझ ही रही है। यूपी में भी सपा, कांग्रेस और आरएलडी के बीच कोई बातचीत हुई नहीं है। केरल में ना लेफ्ट पीछे हट रही है और ना कांग्रेस। जब सीट बंटवारे पर बात नहीं बनेगी तो गठबंधन का जमीन पर कोई असर नहीं होगा। ये मैसेज जनता के बीच दो बैठक के बाद भी नहीं पहुंच पाया है कि इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां सीटों का बंटवारा करके एकुजटता से लड़ पाएंगी।
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में बीजेपी बाकी सबसे कोसों आगे
तीसरी बात है बीजेपी की तैयारी। बीजेपी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में काफी पहले लग चुकी है। जिन सीटों पर वो दूसरे नंबर पर थी उन सीटों को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खुद देख रहे हैं। हर लोकसभा सीट पर दूसरे राज्यों से बीजेपी के नेता फीडबैक के लिए भेजे जा रहे हैं। प्राइवेट सर्वे एजेंसियां अलग हर महीने जनता के मूड और मुद्दों का हिसाब बीजेपी को दे रही हैं। मतलब ये कि इंडिया गठबंधन अभी चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू भी नहीं कर सका है जबकि बीजेपी हर लोकसभा सीट के दो-चार चक्कर लगा चुकी है। ऐसे में नीतीश चाहते हैं कि जितना जल्दी सीट बंट जाए, लड़ने वाली पार्टी और उसके कैंडिडेट के लिए उतना ही अच्छा होगा।
नीतीश कुमार ने मंगलवार को विपक्षी गठबंधन पर क्या कहा
नीतीश कुमार ने सोमवार को संयोजक बनने से इनकार करने के बाद मंगलवार को फिर से कहा है कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं चाहिए। वो सबको एकजुट करना चाहते हैं। उन्होंने ये जरूर बताया कि मुंबई की मीटिंग में कुछ और पार्टियां भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनती नजर आ सकती हैं। पार्टियां का नाम पूछने पर कहने लगे कि देखते रहिए। उन्होंने कहा कि वो मुंबई जा रहे हैं और ये चाहते हैं कि सब मिलकर कौन-कौन, कहां-कहां लड़ेगा, ये जल्दी तय कर लें। नीतीश ने कहा- “चुनाव तो कभी भी हो सकता है। कोई जरूरी है कि समय पर हो। केंद्र वाले पहले भी करा सकते हैं। हम सात-आठ महीना से कह रहे हैं। इसलिए सबको एकजुट होना चाहिए।”
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महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 31 अगस्त और 1 सितंबर को विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन की तीसरी बैठक से पहले विपक्षी एकता के सूत्रधार रहे बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने जल्दी सीट बंटवारा की जरूरत पर जोर दिया है। नीतीश कुमार का बैठक से तीन दिन पहले ये कहना कि विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन का संयोजक कोई और बनेगा और दो दिन पहले सीट बंटवारा जल्दी करने की बात उठाना संकेत है कि जून में पटना और जुलाई में बेंगलुरु में विपक्षी एकता की दो बैठक होने के बाद भी सीट बंटवारा पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने से वो चिंतित हैं। नीतीश ने ही सबसे पहले कहा था कि केंद्र की सरकार समय से पहले चुनाव करा सकती है जिस बात को अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उठाया है और कहा है कि बीजेपी ने सारे हेलिकॉप्टर बुक कर लिए हैं।
मुंबई में विपक्षी दलों की मीटिंग से पहले सीट बंटवारे पर नीतीश की हड़बड़ी की कई वजह हैं। एक तो जो वो कह रहे हैं कि केंद्र की बीजेपी सरकार समय से पहले चुनाव करवा सकती है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन जनवरी के अंत में होना है, उसके बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव में जाएंगे। फिर भी नीतीश और अब ममता बनर्जी को लगता है कि लोकसभा चुनाव तय समय यानी अप्रैल-मई से पहले हो सकता है। विपक्षी गठबंधन में सीट बंटवारे में देरी से पार्टी और कैंडिडेट दोनों को तैयारी के लिए मिलने वाला समय लगातार कम होता जा रहा है।
सीट बंटवारे पर दो बैठकों के बाद भी ठोस नतीजा नहीं निकला
नीतीश को दूसरी बात जो परेशान कर रही है वो यह है कि दो बैठकों के बाद भी अभी तक विपक्षी गठबंधन का स्वरूप सैद्धांतिक सहमति जैसा ही दिख रहा है। गठबंधन बनाया जा रहा है लोकसभा चुनाव में बीजेपी और एनडीए के कैंडिडेट्स के खिलाफ एक साझा कैंडिडेट देकर उन्हें हराने के लिए लेकिन उस दिशा में दो बैठक के बाद भी कुछ ठोस बात सामने नहीं आई है। बंगाल में टीएमसी, कांग्रेस और लेफ्ट उलझ ही रही है। यूपी में भी सपा, कांग्रेस और आरएलडी के बीच कोई बातचीत हुई नहीं है। केरल में ना लेफ्ट पीछे हट रही है और ना कांग्रेस। जब सीट बंटवारे पर बात नहीं बनेगी तो गठबंधन का जमीन पर कोई असर नहीं होगा। ये मैसेज जनता के बीच दो बैठक के बाद भी नहीं पहुंच पाया है कि इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां सीटों का बंटवारा करके एकुजटता से लड़ पाएंगी।
लोकसभा चुनाव की तैयारियों में बीजेपी बाकी सबसे कोसों आगे
तीसरी बात है बीजेपी की तैयारी। बीजेपी लोकसभा चुनाव की तैयारियों में काफी पहले लग चुकी है। जिन सीटों पर वो दूसरे नंबर पर थी उन सीटों को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह खुद देख रहे हैं। हर लोकसभा सीट पर दूसरे राज्यों से बीजेपी के नेता फीडबैक के लिए भेजे जा रहे हैं। प्राइवेट सर्वे एजेंसियां अलग हर महीने जनता के मूड और मुद्दों का हिसाब बीजेपी को दे रही हैं। मतलब ये कि इंडिया गठबंधन अभी चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू भी नहीं कर सका है जबकि बीजेपी हर लोकसभा सीट के दो-चार चक्कर लगा चुकी है। ऐसे में नीतीश चाहते हैं कि जितना जल्दी सीट बंट जाए, लड़ने वाली पार्टी और उसके कैंडिडेट के लिए उतना ही अच्छा होगा।
नीतीश कुमार ने मंगलवार को विपक्षी गठबंधन पर क्या कहा
नीतीश कुमार ने सोमवार को संयोजक बनने से इनकार करने के बाद मंगलवार को फिर से कहा है कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं चाहिए। वो सबको एकजुट करना चाहते हैं। उन्होंने ये जरूर बताया कि मुंबई की मीटिंग में कुछ और पार्टियां भी इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनती नजर आ सकती हैं। पार्टियां का नाम पूछने पर कहने लगे कि देखते रहिए। उन्होंने कहा कि वो मुंबई जा रहे हैं और ये चाहते हैं कि सब मिलकर कौन-कौन, कहां-कहां लड़ेगा, ये जल्दी तय कर लें। नीतीश ने कहा- “चुनाव तो कभी भी हो सकता है। कोई जरूरी है कि समय पर हो। केंद्र वाले पहले भी करा सकते हैं। हम सात-आठ महीना से कह रहे हैं। इसलिए सबको एकजुट होना चाहिए।”