सीएम नीतीश की प्रगति यात्रा के दौरान ग्रामीणों का प्रदर्शन: सड़क-पुल बनाने की मांग, तख्ती ले पहुंचे सैकड़ों आदिवासी; बैरिकेडिंग के पास ही रोका गया – Purnia News

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सीएम नीतीश की प्रगति यात्रा के दौरान ग्रामीणों का प्रदर्शन:  सड़क-पुल बनाने की मांग, तख्ती ले पहुंचे सैकड़ों आदिवासी; बैरिकेडिंग के पास ही रोका गया – Purnia News

सीएम नीतीश की प्रगति यात्रा के दौरान ग्रामीणों का प्रदर्शन: सड़क-पुल बनाने की मांग, तख्ती ले पहुंचे सैकड़ों आदिवासी; बैरिकेडिंग के पास ही रोका गया – Purnia News

पूर्णिया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शन हुआ है। ये प्रदर्शन मंत्री लेसी सिंह के विधानसभा क्षेत्र के अंदर आने वाले नगर प्रखंड के भुतहा मोड़ के पास हुआ। हाथों में तख्ती लेकर सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग

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वे सीएम की गाड़ी का घेराव करते, इससे पहले ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने के कारण उन्हें बैरिकेडिंग के पास ही पुलिस ने रोक लिया। सीएम की सिक्योरिटी में लगे जवानों और पदाधिकारियों ने सुरक्षा घेरा देते हुए मुख्यमंत्री को आयोजन स्थल तक पहुंचा दिया।

सड़क पुल निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने सीएम के खिलाफ प्रदर्शन किया।

नीतीश कुमार यहां तकरीबन 7 मिनट तक रुके। भुतहा मोड़ के पास प्रस्तावित बाईपास स्थल का अवलोकन किया। फिर सड़क मार्ग के रास्ते रंगभूमि मैदान के लिए रवाना हो गए। हालांकि प्रदर्शन कर रहे लोगों को ये उम्मीद थी कि सीएम उनसे मिलेंगे और उनकी मांग सुनी जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश उन्हें नजरअंदाज करते हुए निकल गए। प्रदर्शन दोपहर करीब 12.28 बजे हुआ।

सीएम नगर प्रखंड की मजरा पंचायत के भवानीपुर गांव स्थित कार्यक्रम स्थल से विकास योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के बाद कार्यक्रम के अगले पड़ाव भुटहा मोड़ बाईपास स्थल का अवलोकन करने पहुंचे थे। इसकी जानकारी ग्रामीणों को पहले से ही थी।

सीएम के आने की सूचना पर हाथों में तख्तियां लिए सैकड़ों ग्रामीण भुतहा मोड़ बैरिकेडिंग के पास जुट गए। सीएम का काफिला आता देख प्रदर्शन शुरू हुआ। झुन्नी इस्तम्बरार वार्ड 7 में सड़क चाहिए, नीतीश जी झुन्नी इस्तम्बरार सिमोदी रहिका में सड़क बना दें जैसी तख्तियां लिए ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया।

हालांकि सुरक्षा में डटे जवानों ने लोगों को बैरिकेडिंग के पास ही रोक लिया।

प्रदर्शन में झुन्नी इस्तमबरार पंचायत के समुद्री रहिका टोला वार्ड नंबर 6 और 7 के आदिवासी समाज के सैकड़ों लोग शामिल रहे। दिनेश शर्मा ने कहा कि सिमोदी रहिका टोल की कुल आबादी लगभग 5 हजार है। इसमें महादलित, आदिवासी के साथ ही पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के लोग रहते हैं। सिमोदी रहिका कोशी के बांध पर बसा हुआ गांव है, जहां बारिश के दिनों में चारों तरफ से पानी लग जाता है। ये गांव आजतक सड़क के लिए तरस रहा है।

बच्चे स्कूल तक पढ़ने के लिए सड़क के कारण नहीं जा पाते। सामने झोवारी घाट है, जिसपर पुल की आवश्यकता है। अगर इस पुल का निर्माण हो जाता है तो कोसी के उस पार बसे दर्जनों गांव के लोगों को के.नगर प्रखंड कार्यालय, रेलवे स्टेशन, थाना, अस्पताल के साथ बाजार तक जाने में आसानी होगी। इस वक्त उन्हें तकरीबन 12 किलोमीटर घूमकर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है।

हाथों में तख्तियां लिए प्रदर्शन करते ग्रामीण।

झुन्नी इस्तेमबरार पंचायत के वार्ड-7 के नंदी किस्कू, सुखी टुड्डू, संजू मुर्मू , संझली मूर्मू, ललिता हेंब्रम, मंझली मरांडी, लखिमुय टुडू संगीता टुडू ने बताया कि आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी न तो सड़क बनी और न झव्वाड़ी घाट पर पुल का निर्माण कराया गया है। इससे गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार तो समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने पर जच्चा और बच्चा को अपनी जान से हाथ धोना पड़ जाता है।

हम लोगों को सिर्फ आश्वासन के सिवा आज तक कुछ नहीं मिला है। जब चुनाव आता है, लोग आते हैं और लुभावने वायदे करके चले जाते हैं, लेकिन आज तक वायदा पूरा नहीं हो पाया है। विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों को के.नगर थानाध्यक्ष नवदीप कुमार गुप्ता और केनगर प्रखंड के जदयू अल्पसंख्यक अध्यक्ष मो.मुर्तजा आलम ने किसी तरह समझा कर वापस घर भेजा।

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