सीएम की प्राथमिकता वाले काम तेजी से हों: सीएस बोले- विभाग प्रमुख जिस काम के लिए जो समय तय करें उसकी टाइमलाइन वही रहे – Bhopal News h3>
विभाग प्रमुखों की बैठक में विभाग वार रिव्यू करते सीएस अनुराग जैन।
प्रदेश के सभी विभागों की योजनाओं पर अमल के टारगेट को लेकर मुख्य सचिव ने कहा है कि अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि टारगेट समय-सीमा में पूरे किए जाएं। मुख्यमंत्री की प्राथमिकता वाले कामों में किसी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही सरकार के संकल्
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मुख्य सचिव अनुराग जैन ने बुधवार को मंत्रालय में वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभागीय योजनाओं की लक्ष्य पूर्ति की समीक्षा एवं वित्तीय वर्ष 2025-26 के लक्ष्य निर्धारण को लेकर सभी विभागों का रिव्यू किया। इस दौरान जैन ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में सभी विभागों की विभागीय योजनाओं की टारगेट अचीव करने की अपडेट स्थिति पूछी। साथ ही उन्होंने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के टारगेट हासिल करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया व समय सीमा को लेकर चर्चा की।
मुख्य सचिव जैन ने बैठक में विजन @2047 के अंतर्गत शासन के महत्वाकांक्षी गरीब, अन्नदाता, युवा एवं नारी मिशन के क्रियान्वयन से संबंधित कार्य योजना पर भी व्यापक चर्चा की। जैन ने संकल्प पत्र में सभी विभागों से जुड़े समस्त संबंधित बिंदुओं पर चर्चा कर, उनके पालन की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्राथमिकता वाले विषयों के क्रियान्वयन समय-सीमा में किए जाएं। उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित फ्लैगशिप योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए, केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं मांग स्थिति की भी जानकारी ली।
बैठक में जन शिकायत निवारण, अंतरविभागीय एवं विधानसभा से जुड़े विभिन्न विषयों पर बिंदुवार चर्चा हुई। मुख्य सचिव जैन ने लंबित सीएस मॉनिट, भारत सरकार से प्राप्त अर्द्धशासकीय पत्रों की समीक्षा, सीएम हेल्पलाइन, ई-ऑफिस, सीपी ग्राम, विधानसभा प्रश्न एवं आश्वासन सहित कैग रिपोर्ट से संबंधित विभागीय बिंदुओं पर चर्चा कर निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित अंतर्विभागीय समितियों की बैठक की स्थिति की जानकारी लेकर आवश्यक क्रियान्वयन के लिए भी निर्देशित किया।
बैठक में मानव संसाधनों से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर भी विस्तृत चर्चा हुई, इसके अंतर्गत भर्ती, प्रशिक्षण (मिशन कर्मयोगी) एवं न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के निर्धारित लक्ष्यों की समय पूर्वक प्राप्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी विभाग सतत क्रियान्वयन करें एवं समय-समय पर क्रियान्वयन की समीक्षा भी सुनिश्चित करें।
वन विभाग को अब तक सबसे अधिक राजस्व मिला वन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1600 करोड़ से अधिक राजस्व प्राप्त किया है। यह वन विभाग की अब तक की सबसे अधिक राजस्व प्राप्ति है जो पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 200 करोड़ रुपए से अधिक है। वन विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 में 1425 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया गया। वर्ष 2022-23 में 1400 करोड़ और वर्ष 2021-22 में 1444 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था।
टिम्बर से हुई सर्वाधिक आय वन विभाग को मिले राजस्व में सबसे बड़ा योगदान टिम्बर की बिक्री से हुआ है। इस वर्ष विभाग द्वारा टिम्बर बिक्री से 850 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। वन विभाग की नीलामी प्रक्रिया और बढ़ती मांग के कारण टिम्बर की बिक्री में वृद्धि हुई है। इसके अलावा अन्य वानिकी उत्पादों और पर्यावरण से जुड़े शुल्क से भी आय में वृद्धि हुई। वन विभाग को राजस्व संग्रहण की प्रक्रिया को पारदर्शी और डिजिटल बनाने से राजस्व में वृद्धि हुई है। ऑनलाइन चालान से विभाग को 1528 करोड़ की आय हुई जबकि ट्रांसफर चालान से 763 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई है।