सिलिकॉन वैली के बाद और 186 बैंक डूबने के कगार पर! आपका भी बैंक में पैसा है तो क्या करें?
अमेरिका में बैंकिंग संकट शुरू होने के बाद लोग छोटे बैंकों से पैसा निकालकर बड़े बैंकों में डाल रहे हैं। उनका मानना है कि बड़े बैंकों में जोखिम कम होता है। अमेरिका में साल 2001 से 500 से अधिक बैंक डूब चुके हैं। ज्यादातर लोग बैंक में ये सोचकर पैसा जमा करते हैं कि वहां उनका पैसा सुरक्षित है। लेकिन ऐसा कतई नहीं है। अगर आपका बैंक डूब जाता है या दिवालिया हो जाता है तो आपको कुछ पैसा ही मिलेगा। आपको बैंक में जमा रकम पर पांच लाख रुपये तक का इंश्योरेंस कवर मिलता है। अमेरिका में यह लिमिट 2.5 लाख डॉलर है। अगर आपका बैंक डिफॉल्ट करता है या डूब जाता है तो आपको इतनी ही रकम मिलेगी, फिर चाहे बैंक में करोड़ों रुपये जमा क्यों न हों।
कितना भी जमा हो, मिलेगा केवल पांच लाख
यह रकम आपको डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (DICGC) की ओर से दी जाती है। यह बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी है। यह कंपनी देश के बैंकों का इंश्योरेंस करती है। पहले इस एक्ट के तहत बैंक डूबने या बैंकरप्ट होने की स्थिति में एक लाख रुपये तक की राशि दी जाती थी, लेकिन सरकार ने 2020 में बढ़ाकर इसे पांच लाख रुपये किया था। तब पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक (PMC) का घोटाला सामने आने के बाद निवेशकों का भरोसा डगमगाया हुआ था। केंद्र सरकार ने बचत जमा पर प्रति जमाकर्ता पांच लाख रुपये की गारंटी के लिए बीमा कवर बढ़ाने की मंजूरी दे दी थी।
सभी तरह के कॉमर्शियल बैंक इसके दायरे में आते हैं। इसमें सेविंग, करंट, फिक्स्ड और रिकरिंग डिपॉजिट सहित सभी तरह के खातों को कवर किया जाता है। अगर आपका अकाउंट किसी सरकारी बैंक या बड़े प्राइवेट बैंक में है तो आपकी रकम इंश्योर्ड मानी जाती है। बैंक डूबने या बंद होने की स्थिति में DICGC ग्राहकों के खातों से जुड़ी सभी जानकारी 45 दिन के अंदर कलेक्ट करता है। इसके बाद इसकी गहराई से जांच पड़ताल की जाती है और अगले 45 दिनों के अंदर ग्राहक को पैसे दे दिए जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में करीब 90 दिन लग जाते हैं।
किस बैंक में रखें पैसा
अगर आपका अकाउंट दो बैंकों में है और दोनों ही बैंक डूब जाएं, तो ऐसी स्थिति में आपको दोनों बैंकों से 5-5 लाख रुपये मिलते हैं। अगर आपका एक ही बैंक में दो अकाउंट हैं तो इस स्थिति में आपको पांच लाख रुपये ही मिलेंगे। जानकारों का कहना है कि पैसा एक ही बैंक में रखने के बजाय अलग-अलग बैंकों में रखना चाहिए। अगर आपने एक बैंक में 20 लाख रुपये रखे हैं तो उसके डूबने की स्थिति में पांच लाख रुपये ही मिलेंगे। चार बैंकों में 5-5 लाख रखें हैं तो सारे मिलेंगे। अगर आपने एक ही बैंक की अलग-अलग ब्रांचेज में पैसे जमा कराए हैं तो आपको अधिकतम पांच लाख रुपये ही मिलेंगे।
देश में बैंकिंग सिस्टम की निगरानी का काम आरबीआई करता है। उसे जिस बैंक में भी गड़बड़ी दिखती है वह उसे तुरंत सुधार करने के लिए कहता है। आरबीआई की सख्ती के कारण भारत अब तक ग्लोबल क्राइसिस से अछूता रहा है। भारत में अधिकांश बैंक सुरक्षित हैं। लेकिन फिर भी सभी बैंक एक तरह के नहीं हैं। आरबीआई ने खुद तीन बैंकों एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी को सिस्टेमिकली इंपोर्टेंट बैंक माना है। इन्हें देश की इकॉनमी के लिए अहम माना गया है। यानी आरबीआई कभी भी इन बैंकों को डूबने नहीं देगा।
कैसे जमा करें बड़ी रकम
अगर आप बैंक में बड़ी रकम जमा करना चाहते हैं तो एक बैंक के बजाय कई बैंकों में जमा कर सकते हैं। इनमें से 60 से 70 फीसदी रकम एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी में रख सकते हैं। बाकी राशि उन बैंकों में रखी जा सकती है जो ज्यादा ब्याज दे रहे हैं। आप परिवार के ज्यादा से ज्यादा सदस्यों ने नाम पर पैसा रख सकते हैं। अगर फैमिली में चार सदस्य हैं तो सभी के नाम पर पैसा रख सकते हैं। इस तरह आप एक ही बैंक में कम से कम 20 लाख का इंश्योर्ड कवर पा सकते हैं। पांच बैंकों में पैसा रखने इंश्योर्ड राशि एक करोड़ पहुंच जाएगी। ज्यादा रिटर्न के चक्कर में जोखिम लेने से बचना चाहिए।