सिर मुंडाते ही ओले पड़े… जूनियर मांझी ने लालू और तेजस्वी यादव की ले ली चुटकी, लेकिन क्यों? h3>
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लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के साथ तिरुपति पहुंचे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भाई तेज प्रताप समेत अपना सर मुड़वाया। दूसरी और बीजेपी ने मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। आप पूछेंगे की इन दोनों बातों में क्या कनेक्शन है? दरअसल किसी बात का दूसरी बात से कनेक्शन स्थापित करना राजनीति का तकाजा है। जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने इनमें दिलचस्प कनेक्शन स्थापित कर दिया है। सोशल मीडिया पर संतोष कुमार सुमन अपनी लालू और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है।
संतोष कुमार सुमन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है- सर मुंडाते ओले पड़े। भाजपा ने मोहन यादव जी को मुख्यमंत्री बनाकर खास जाति पर कथित समाजवादियों का पेटेंट भी ख़त्म कर दिया। जातिवादी राजनीति के युवराज अब क्या करेंगे। जीतन राम मांझी के पुत्र और महागठबंधन सरकार में मंत्री रह चुके संतोष सुमन ने बिहार में जातिगत सर्वे का सम्पूर्ण रिपोर्ट जारी होने के बाद चुनावों को लेकर जातीय गोलबंदी को लेकर राजद पर निशाना साधा है। माना जाता है कि लालू यादव की पार्टी को यादव बिरादरी का पूरा समर्थन है। यादव किसी भी हालत में लालू को नहीं छोड़ सकते। इन यादवों के बल पर ही लालू अपने बेटे तेजस्वी को बिहार के सीएम की कुर्सी पर बैठाने की तैयारी में है। लेकिन एक साथ यूपी बिहार दोनों को साधने के लिए बीजेपी ने मध्य प्रदेश में ओबीसी बिरादरी के यादव नेता को सीएम बना दिया है। इसी पर संतोष सुमन ने पूछा है कि अब तेजस्वी यादव क्या करेंगे?
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दरअसल भाजपा ने मध्य प्रदेश के जरिए यादव समाज पर बड़ा दांव लगाया है। इस समाज से आने वाले मोहन यादव को एक बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बना कर एक साथ कई राज्यों में यादव नेताओं का खेल बिगाड़ने की चाल चल दी है। यादव समाज पिछड़ों का एक प्रमुख समुदाय है। इस जाति के मतदाताओं का बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में काफी प्रभाव है। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में यादव विरादरी का वोट सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार में जहां यादव जाति की बड़ी आबादी है। इन दोनों राज्यों में कुल 120 लोकसभी सीटें हैं जिनका केंद्र में सरकार बनाने में काफी महत्व होता है। मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने यादव की राजनीति करने वाले दलों को बड़ा धक्का दिया है।
बताते चलें कि तेजस्वी यादव की शादी की सालगिरह पर लालू यादव पुरे परिवार के साथ तिरूपति गए थे। तेजस्वी यादव की बेटी कात्यायनी का मुंडन संस्कार कराया गया। लेकिन तेजस्वी और तेजप्रताप यादव ने बाल दा दिया। उन्होनें सिर मुंडाकर भगवान के दर्शन किए और सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें शेयर किया। उसके बाद बीजेपी ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर यादव वोटरों में बड़ा सेंध लगाने की चाल चल दी। इसी के बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने यादव वोटरों को अपना वोट समझने वाले लालू यादव पर चुटकी ले ली।
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लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के साथ तिरुपति पहुंचे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भाई तेज प्रताप समेत अपना सर मुड़वाया। दूसरी और बीजेपी ने मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बना दिया। आप पूछेंगे की इन दोनों बातों में क्या कनेक्शन है? दरअसल किसी बात का दूसरी बात से कनेक्शन स्थापित करना राजनीति का तकाजा है। जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने इनमें दिलचस्प कनेक्शन स्थापित कर दिया है। सोशल मीडिया पर संतोष कुमार सुमन अपनी लालू और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है।
संतोष कुमार सुमन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है- सर मुंडाते ओले पड़े। भाजपा ने मोहन यादव जी को मुख्यमंत्री बनाकर खास जाति पर कथित समाजवादियों का पेटेंट भी ख़त्म कर दिया। जातिवादी राजनीति के युवराज अब क्या करेंगे। जीतन राम मांझी के पुत्र और महागठबंधन सरकार में मंत्री रह चुके संतोष सुमन ने बिहार में जातिगत सर्वे का सम्पूर्ण रिपोर्ट जारी होने के बाद चुनावों को लेकर जातीय गोलबंदी को लेकर राजद पर निशाना साधा है। माना जाता है कि लालू यादव की पार्टी को यादव बिरादरी का पूरा समर्थन है। यादव किसी भी हालत में लालू को नहीं छोड़ सकते। इन यादवों के बल पर ही लालू अपने बेटे तेजस्वी को बिहार के सीएम की कुर्सी पर बैठाने की तैयारी में है। लेकिन एक साथ यूपी बिहार दोनों को साधने के लिए बीजेपी ने मध्य प्रदेश में ओबीसी बिरादरी के यादव नेता को सीएम बना दिया है। इसी पर संतोष सुमन ने पूछा है कि अब तेजस्वी यादव क्या करेंगे?
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दरअसल भाजपा ने मध्य प्रदेश के जरिए यादव समाज पर बड़ा दांव लगाया है। इस समाज से आने वाले मोहन यादव को एक बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बना कर एक साथ कई राज्यों में यादव नेताओं का खेल बिगाड़ने की चाल चल दी है। यादव समाज पिछड़ों का एक प्रमुख समुदाय है। इस जाति के मतदाताओं का बिहार, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में काफी प्रभाव है। आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में यादव विरादरी का वोट सभी दलों के लिए महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार में जहां यादव जाति की बड़ी आबादी है। इन दोनों राज्यों में कुल 120 लोकसभी सीटें हैं जिनका केंद्र में सरकार बनाने में काफी महत्व होता है। मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी ने यादव की राजनीति करने वाले दलों को बड़ा धक्का दिया है।
बताते चलें कि तेजस्वी यादव की शादी की सालगिरह पर लालू यादव पुरे परिवार के साथ तिरूपति गए थे। तेजस्वी यादव की बेटी कात्यायनी का मुंडन संस्कार कराया गया। लेकिन तेजस्वी और तेजप्रताप यादव ने बाल दा दिया। उन्होनें सिर मुंडाकर भगवान के दर्शन किए और सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें शेयर किया। उसके बाद बीजेपी ने मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाकर यादव वोटरों में बड़ा सेंध लगाने की चाल चल दी। इसी के बाद हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने यादव वोटरों को अपना वोट समझने वाले लालू यादव पर चुटकी ले ली।